नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को निर्देश दिया है कि विरोध जताने वाले नीट के छात्रों को ओरिजनल ओमआर शीट दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश नीट के 19 उम्मीदवारों द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं, जिसमें छात्रों का कहना था कि अपलोड की गई शीट के जवाब, ओएमआर शीट के उनके जवाबों से भिन्न है.
बता दें कि छात्रों की याचिका पर न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ सुनवाई कर रही थी.
उन्होंने एनटीए को अलग रोल नंबर, हस्ताक्षर, उनके द्वारा किए गए प्रश्नों में अंतर, अपेक्षित अंकों में अंतर को लेकर भी अवगत किया, लेकिन कई बार फॉलो करने के बावजूद इसका कोई जवाब नहीं आया.
उन्होंने 16 अक्टूबर को घोषित किए गए एनईईटी परिणामों को रद्द करने की भी मांग की थी.
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हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने आज फैसला सुनाया कि क्योंकि अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका में न्यायाधीशों द्वारा व्यक्तिगत शिकायतों को नहीं देखा जा सकता है, उन्हें एनटीए के समक्ष यह रखना चाहिए. यहां तक कि वे उच्च न्यायालय का भी रुख कर सकते हैं.