ठाणे : प्रख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोदकर ने छात्रों को सलाह दी है कि वे वे राजनीति से दूर रहें.
डॉ.काकोदकर ने ठाणे में शनिवार को अपने जीवन पर लिखी किताब के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए ये उद्गार व्यक्त किए, जब उनसे संवाददाताओं ने नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के बारे में पूछा.
उल्लेखनीय है कि विगत कुछ दिनों से देशभर के विभिन्न शिक्षा संस्थानों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया है.
डॉ.काकोदकर ने कहा, 'मैं मानता हूं कि छात्रों को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए. हालांकि, अगर कुछ उन्हें विरोध करने के लिए मजबूर करता है तो ऐसे में चुप्पी नहीं साधनी चाहिए. सभी विरोध प्रदर्शन छात्रों द्वारा शुरू किए गए हैं और यह अप्रत्याशित नहीं है.'
उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे खुद को कॉरपोरेट दुनिया में प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को तैयार करें.
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डॉ.काकोदकर ने कहा कि असफल होने से यह 19वीं सदी में रजवाड़ों की ईस्ट इंडिया कम्पनी के हाथों हार जैसा होगा, जो उपमहाद्वीप में अपना प्रभाव बढ़ा रही थी.
उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जिससे छात्रों को देश के समक्ष उपजी समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञान मिले.
उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि वे अपने शहरी समकक्षों से स्पर्धा कर सकें.