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NRC-CAA प्रदर्शन : काकोदकर ने छात्रों को दी राजनीति से दूर रहने की सलाह - राष्ट्रीय नागरिक पंजी

परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोदकर ने छात्रों को राजनीति से दूर रहने की सलाह दी है. डॉ. काकोदकर ने अपने जीवन पर लिखी किताब के लोकार्पण के लिए ठाणे में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.

डॉ.काकोदकर ( फाइल फोटो)
डॉ.काकोदकर ( फाइल फोटो)
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Published : Dec 21, 2019, 11:46 PM IST

ठाणे : प्रख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोदकर ने छात्रों को सलाह दी है कि वे वे राजनीति से दूर रहें.

डॉ.काकोदकर ने ठाणे में शनिवार को अपने जीवन पर लिखी किताब के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए ये उद्गार व्यक्त किए, जब उनसे संवाददाताओं ने नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के बारे में पूछा.

उल्लेखनीय है कि विगत कुछ दिनों से देशभर के विभिन्न शिक्षा संस्थानों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया है.

डॉ.काकोदकर ने कहा, 'मैं मानता हूं कि छात्रों को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए. हालांकि, अगर कुछ उन्हें विरोध करने के लिए मजबूर करता है तो ऐसे में चुप्पी नहीं साधनी चाहिए. सभी विरोध प्रदर्शन छात्रों द्वारा शुरू किए गए हैं और यह अप्रत्याशित नहीं है.'

उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे खुद को कॉरपोरेट दुनिया में प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को तैयार करें.

पढ़ें- CAA : अफगान शरणार्थियों को नागरिकता मिलने की उम्मीद, मोदी सरकार को दिया धन्यवाद

डॉ.काकोदकर ने कहा कि असफल होने से यह 19वीं सदी में रजवाड़ों की ईस्ट इंडिया कम्पनी के हाथों हार जैसा होगा, जो उपमहाद्वीप में अपना प्रभाव बढ़ा रही थी.

उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जिससे छात्रों को देश के समक्ष उपजी समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञान मिले.

उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि वे अपने शहरी समकक्षों से स्पर्धा कर सकें.

ठाणे : प्रख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोदकर ने छात्रों को सलाह दी है कि वे वे राजनीति से दूर रहें.

डॉ.काकोदकर ने ठाणे में शनिवार को अपने जीवन पर लिखी किताब के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए ये उद्गार व्यक्त किए, जब उनसे संवाददाताओं ने नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के बारे में पूछा.

उल्लेखनीय है कि विगत कुछ दिनों से देशभर के विभिन्न शिक्षा संस्थानों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया है.

डॉ.काकोदकर ने कहा, 'मैं मानता हूं कि छात्रों को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए. हालांकि, अगर कुछ उन्हें विरोध करने के लिए मजबूर करता है तो ऐसे में चुप्पी नहीं साधनी चाहिए. सभी विरोध प्रदर्शन छात्रों द्वारा शुरू किए गए हैं और यह अप्रत्याशित नहीं है.'

उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे खुद को कॉरपोरेट दुनिया में प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को तैयार करें.

पढ़ें- CAA : अफगान शरणार्थियों को नागरिकता मिलने की उम्मीद, मोदी सरकार को दिया धन्यवाद

डॉ.काकोदकर ने कहा कि असफल होने से यह 19वीं सदी में रजवाड़ों की ईस्ट इंडिया कम्पनी के हाथों हार जैसा होगा, जो उपमहाद्वीप में अपना प्रभाव बढ़ा रही थी.

उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जिससे छात्रों को देश के समक्ष उपजी समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञान मिले.

उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि वे अपने शहरी समकक्षों से स्पर्धा कर सकें.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 18:7 HRS IST




             
  • सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से बड़ी आबादी तक पहुंचा जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ : नड्डा



नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने शनिवार को कहा कि समाज के सहयोग के बिना सरकार का प्रयास सफल नहीं होता और सरकार के प्रयास में समाज का जुड़ना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही प्रयासों से भारत की बड़ी आबादी मोदी सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं में शामिल हो चुकी है ।



दिल्ली के रोहिणी में आयोजित भाजपा चौपाल के 100वें कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘ पार्टी के चौपाल कार्यक्रम ने जो सामाजिक प्रयास किया है, वह अनुकरणीय है । ’’



उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने छोटे व्यवसायियों के लिए पेंशन योजना शुरु की है।



पीएम किसान सम्मान योजना के तरह किसानों को हर साल छह हजार रुपये देने की भी योजना बनाई है।



भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि बैंकों के दायरे से बाहर लोगों को सरकार ने बैंकिंग सेवाओं का लाभ पहुंचाया है ।



उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना के लाभार्थियों की संख्या 21 करोड़ से अधिक हो चुकी है, जिसका अर्थ है कि भारत की लगभग 20% आबादी इन योजनाओं में शामिल हो चुकी है।



नड्डा ने कहा कि 2014 में जब मोदी जी ने जब सत्ता संभाली थी तब बैंक के खाताधारकों की संख्या सिर्फ पौने तीन करोड़ थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जनधन योजना चलाई, उसके बाद बैंक के खाताधारकों की संख्या 38 करोड़ हो गई है और आज जनधन खाताधारकों के 90 हजार करोड़ रुपये बैंकों में जमा हैं ।



उन्होंने चौपाल की प्रेरणा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेने की बात कही।


Conclusion:
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