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ममता सरकार की कुछ योजनाएं रोचक : अभिजीत बनर्जी

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Published : Jan 28, 2020, 11:38 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 8:24 AM IST

नोबल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर योजनाओं पर चर्चा की. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ योजनाएं रोचक हैं. पढ़ें पूरी खबर...

abhijit banerjee meets cm mamata
ममता से मिले अभिजीत बनर्जी

कोलकाता : नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ योजनाएं 'रोचक' हैं और साथ काम करने की मुख्यमंत्री की पेशकश पर फैसले से पहले वह उनका अध्ययन करेंगे.

अधिकारियों ने यहां कहा कि कोलकाता के ही रहने वाले नोबेल विजेता ने अपनी अर्थशास्त्री मां निर्मला बनर्जी के साथ यहां राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर करीब आधे घंटे तक लोगों के लिए सरकार की विकास योजनाओं पर चर्चा की.

मुख्यमंत्री के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बनर्जी ने कहा कि वो (राज्य सरकार) मौका दे रही है. मैं काम करने की कोशिश करूंगा, देखते हैं क्या किया जा सकता है. यहां अवसरों की कमी नहीं है.

राज्य सचिवालय से निकलते हुए बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि मैं बंगाल सरकार से राज्य में लागू की जा रही कुछ रोचक योजनाओं के बारे में जानकारी लेने आया था. अब मैं वापस जाकर इन चीजों के बारे में अध्ययन करूंगा और उनके (योजनाओं के) बारे में और ज्यादा जानूंगा.

पढ़ें-ममता बनर्जी की दो टूक- पीएम पहले सीएए वापस लें, तभी होगी बातचीत

बनर्जी को दो अन्य लोगों के साथ 2019 में 'वैश्विक गरीबी उन्मूलन के लिये प्रयोगात्मक दृष्टिकोण' के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था. वह अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब (जे-पीएएल) के निदेशकों में से एक हैं. इस संस्थान की स्थापना उन्होंने 2003 में की थी

बनर्जी ने हालांकि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) या राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया.

कोलकाता : नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ योजनाएं 'रोचक' हैं और साथ काम करने की मुख्यमंत्री की पेशकश पर फैसले से पहले वह उनका अध्ययन करेंगे.

अधिकारियों ने यहां कहा कि कोलकाता के ही रहने वाले नोबेल विजेता ने अपनी अर्थशास्त्री मां निर्मला बनर्जी के साथ यहां राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर करीब आधे घंटे तक लोगों के लिए सरकार की विकास योजनाओं पर चर्चा की.

मुख्यमंत्री के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बनर्जी ने कहा कि वो (राज्य सरकार) मौका दे रही है. मैं काम करने की कोशिश करूंगा, देखते हैं क्या किया जा सकता है. यहां अवसरों की कमी नहीं है.

राज्य सचिवालय से निकलते हुए बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि मैं बंगाल सरकार से राज्य में लागू की जा रही कुछ रोचक योजनाओं के बारे में जानकारी लेने आया था. अब मैं वापस जाकर इन चीजों के बारे में अध्ययन करूंगा और उनके (योजनाओं के) बारे में और ज्यादा जानूंगा.

पढ़ें-ममता बनर्जी की दो टूक- पीएम पहले सीएए वापस लें, तभी होगी बातचीत

बनर्जी को दो अन्य लोगों के साथ 2019 में 'वैश्विक गरीबी उन्मूलन के लिये प्रयोगात्मक दृष्टिकोण' के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था. वह अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब (जे-पीएएल) के निदेशकों में से एक हैं. इस संस्थान की स्थापना उन्होंने 2003 में की थी

बनर्जी ने हालांकि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) या राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 20:33 HRS IST




             
  • ममता सरकार की कुछ योजनाएं रोचक : अभिजीत बनर्जी



कोलकाता, 28 जनवरी (भाषा) नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ योजनाएं “रोचक” हैं और साथ काम करने की मुख्यमंत्री की पेशकश पर फैसले से पहले वह उनका अध्ययन करेंगे।







अधिकारियों ने यहां कहा कि कोलकाता के ही रहने वाले नोबेल विजेता ने अपनी अर्थशास्त्री मां निर्मला बनर्जी के साथ यहां राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर करीब आधे घंटे तक लोगों के लिये सरकार की विकास योजनाओं पर चर्चा की।







मुख्यमंत्री के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बनर्जी ने कहा कि वो (राज्य सरकार) मौका दे रही है। मैं काम करने की कोशिश करूंगा, देखते हैं क्या किया जा सकता है। यहां अवसरों की कमी नहीं है।







राज्य सचिवालय से निकलते हुए बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि मैं बंगाल सरकार से राज्य में लागू की जा रही कुछ रोचक योजनाओं के बारे में जानकारी लेने आया था। अब मैं वापस जाकर इन चीजों के बारे में अध्ययन करूंगा और उनके (योजनाओं के) बारे में और ज्यादा जानूंगा।







बनर्जी को दो अन्य लोगों के साथ 2019 में “वैश्विक गरीबी उन्मूलन के लिये प्रयोगात्मक दृष्टिकोण” के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया था। वह अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब (जे-पीएएल) के निदेशकों में से एक हैं। इस संस्थान की स्थापना उन्होंने 2003 में की थी।







बनर्जी ने हालांकि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) या राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया।


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Last Updated : Feb 28, 2020, 8:24 AM IST
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