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देश में मास्क की कमी नहीं, उद्योग ने निर्यात की अनुमति मांगी - मास्क निर्यात भारत

कोरोना संकट के दौरान मास्क लगाना अब अनिवार्यता बन गई है. लिहाजा, बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन भी किया जा रहा है. मास्क बनाने वाले उद्योगों का कहना है कि देश में जितनी खपत हो सकती है, उससे अधिक उत्पादन किया जा चुका है. ऐसे में सरकार को इसके निर्यात की अनुमति प्रदान करनी चाहिए,

no shortage of masks in the country
देश में मास्क की कमी नहीं
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Published : Jun 7, 2020, 12:25 PM IST

नई दिल्ली : देश में मास्क का उत्पादन जरूरत से ज्यादा हो चुका है. ऐसे में चिकित्सा उपकरण उद्योग ने सरकार से अधिशेष उत्पादन के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया है.

उद्योग का कहना है कि सरकार को गैर एन-95 मास्क के निर्यात पर रोक को हटाना चाहिए. इससे विनिर्माताओं को अपना अधिशेष भंडार निकालने में मदद मिलेगी और उत्पादन एक बार फिर पूरी क्षमता से शुरू हो सकेगा.

कोविड-19 महामारी फैलने के बीच सरकार ने मार्च में सभी तरह के मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे देश में इसकी कमी नहीं हो. पिछले महीने सरकार ने चिकित्सा और सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले मास्क को छोड़कर अन्य के निर्यात की मंजूरी दे दी थी. इनमें सूती, रेशमी, ऊनी और बुनाई वाले मास्क शामिल हैं. लेकिन चिकित्सा और सर्जरी से संबंधित मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध अभी जारी है.

उद्योग का कहना है कि कोविड-19 महामारी फैलने के बाद देश में मास्क का उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है. आज देश में अधिशेष उत्पादन की स्थिति बन गई है, जिससे विनिर्माता अपनी पूरी उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.

भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है, 'हम आपसे आग्रह करते हैं कि एन-95 को छोड़कर सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले तीन-परत वाले मास्क के निर्यात की अनुमति दी जाए. अभी हमारे पास इसका अधिशेष भंडार है.'

उद्योग ने कहा कि विनिर्माताओं के पास इतनी क्षमता है जिससे घरेलू जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकता है.

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पत्र में कहा गया है कि इन अधिशेष भंडार की वजह से विनिर्माताओं ने पिछले 15-20 दिन से उत्पादन या पूरी तरह रोक दिया है और या उसे धीमा कर दिया है.

नई दिल्ली : देश में मास्क का उत्पादन जरूरत से ज्यादा हो चुका है. ऐसे में चिकित्सा उपकरण उद्योग ने सरकार से अधिशेष उत्पादन के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया है.

उद्योग का कहना है कि सरकार को गैर एन-95 मास्क के निर्यात पर रोक को हटाना चाहिए. इससे विनिर्माताओं को अपना अधिशेष भंडार निकालने में मदद मिलेगी और उत्पादन एक बार फिर पूरी क्षमता से शुरू हो सकेगा.

कोविड-19 महामारी फैलने के बीच सरकार ने मार्च में सभी तरह के मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे देश में इसकी कमी नहीं हो. पिछले महीने सरकार ने चिकित्सा और सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले मास्क को छोड़कर अन्य के निर्यात की मंजूरी दे दी थी. इनमें सूती, रेशमी, ऊनी और बुनाई वाले मास्क शामिल हैं. लेकिन चिकित्सा और सर्जरी से संबंधित मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध अभी जारी है.

उद्योग का कहना है कि कोविड-19 महामारी फैलने के बाद देश में मास्क का उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है. आज देश में अधिशेष उत्पादन की स्थिति बन गई है, जिससे विनिर्माता अपनी पूरी उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.

भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है, 'हम आपसे आग्रह करते हैं कि एन-95 को छोड़कर सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले तीन-परत वाले मास्क के निर्यात की अनुमति दी जाए. अभी हमारे पास इसका अधिशेष भंडार है.'

उद्योग ने कहा कि विनिर्माताओं के पास इतनी क्षमता है जिससे घरेलू जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकता है.

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