नई दिल्लीः एक सितंबर से पूरे देश में मोटर वाहन संशोधन अधिनियम लागू हो गया है. इस अधिनियम के लागू होने के बाद देश में कई मामले ऐसे आए हैं, जहां यातायात नियम तोड़ने पर लोगों को भारी जुर्माना देना पड़ा है.
रिपोर्टों के अनुसार ऐसा कहा जा रहा है कि मोटर वाहन (MV) एक्ट को लोगों से भारी भरकम जुर्माना वसूलने के लिए लाया गया है. इस बात को नकारते हुए केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह मान लेना गलत होगा कि ये अधिनियम भारी भरकम जुर्माना वसूलने के लिए लाया गया है.
उन्होंने कहा कि देश में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिनमें से 1.5 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं. उन्होंने बताया कि 18 से 35 आयु के 60 फीसदी लोग इस दौरान अपनी जान गंवा दे देते है. गडकरी ने कहा कि क्या इनकी जान नहीं बचानी चाहिए.
गडकरी ने कहा कि सरकार की ऐसी मंशा नहीं है कि भारी जुर्माना लगाया जाए, लेकिन लोग ऐसी नौबत ही ना आने दे कि जुर्माना लगे. उन्होंने एमवी एक्ट में किए संशोधनों के बारे में बताते हुए कहा कि यह मुद्दा समवर्ती सूची में है.
गडकरी ने बताया कि मोटर व्हीकल संशोधन कानून को 20 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सलाह के बाद लाया गया है. उन्होंने बताया कि इसमें आठ अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के मंत्री भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि इनके सुझावों के बाद ही इसे तैयार किया गया है. परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस अधिनियम के कारण लोगों में जागरुकता बढ़ी है.
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उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि एमवी एक्ट संशोधन के द्वारा कुछ दिनों के बाद चलान काटना कम हो जाएगा और कहा कि अगर लोग कानून का पालना करना शुरू कर देगें तो इस तरह का जुर्माना लगाने की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी.