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शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए नीति आयोग ने दिए सुझाव

नीति आयोग ने अध्यापकों की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए उच्च शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत बताई.

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Published : Apr 24, 2019, 3:42 PM IST

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत

नई दिल्लीः नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत ने कहा कि शिक्षकों व अध्यापकों की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए उच्च शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत

सारस्वत ने कहा, हम उच्च शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए नीति आयोग में लम्बे समय से कोशिश कर रहे थे. क्योंकि हमें लगा कि प्राथमिक शिक्षा की ओर सभी का ध्यान था लेकिन उच्च शिक्षा पर नहीं.

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के मुद्दे को लेकर हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत हुए जहां हमने पूर्व एचआरडी मंत्री से इस विषय पर काफी लंबी बात की. सारस्वत ने आगे कहा, उच्च शिक्षा के मुद्दे को लेकर हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत हुए जहां हमने पूर्व एचआरडी मंत्री से इस विषय पर काफी लंबी बात की. उन्होंने विज्ञान शिक्षा और देश की उच्च शिक्षा पर बल दिया. हालांकि मंत्रालय में फेरबदल होने के बाद इस विषय को फिर से नए मंत्री के समक्ष ले जाया गया.

पढ़ेंः पूर्वोत्तर में चुनावों के दौरान 8 करोड़ नकदी जब्त किए गए

उन्हें सूचित किया गया था कि उनकी चिंताओं को मद्देनजर रखते हुए कस्तूरी नंदन के अधीन एक नया निकाय बनाने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि देश में अच्चे पेशेवर शिक्षकों की कमी है. आज अगर हम देखें तो हमारे पास ढेर सारे इंजीनियर और पेशेवर हैं, लेकिन हमें गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए मात्रा पर नहीं.

नई दिल्लीः नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत ने कहा कि शिक्षकों व अध्यापकों की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए उच्च शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत

सारस्वत ने कहा, हम उच्च शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए नीति आयोग में लम्बे समय से कोशिश कर रहे थे. क्योंकि हमें लगा कि प्राथमिक शिक्षा की ओर सभी का ध्यान था लेकिन उच्च शिक्षा पर नहीं.

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के मुद्दे को लेकर हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत हुए जहां हमने पूर्व एचआरडी मंत्री से इस विषय पर काफी लंबी बात की. सारस्वत ने आगे कहा, उच्च शिक्षा के मुद्दे को लेकर हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत हुए जहां हमने पूर्व एचआरडी मंत्री से इस विषय पर काफी लंबी बात की. उन्होंने विज्ञान शिक्षा और देश की उच्च शिक्षा पर बल दिया. हालांकि मंत्रालय में फेरबदल होने के बाद इस विषय को फिर से नए मंत्री के समक्ष ले जाया गया.

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उन्हें सूचित किया गया था कि उनकी चिंताओं को मद्देनजर रखते हुए कस्तूरी नंदन के अधीन एक नया निकाय बनाने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि देश में अच्चे पेशेवर शिक्षकों की कमी है. आज अगर हम देखें तो हमारे पास ढेर सारे इंजीनियर और पेशेवर हैं, लेकिन हमें गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए मात्रा पर नहीं.

Dr V K Saraswat, who is the member of Niti Aayog has said that India needs to focus on higher education to improve the quality of professionals that we have. " we at the Niti Aayog for long try to improve the higher education system as we felt that primary education was getting all the due attention but the higher education was not. We went with the same to the HRD minister. The Minister had then told me that she was expecting our national body to be formed look after science education and higher education of the country. Soon after Minister changed, so we went to the new HRD Minister as well with our idea to form a body to look after higher education in the country" Saraswat said.
He was then informed that a new body under Kasturi Nandan was being said to look after his concerns. Saraswat further said one of the reasons for unemployment was that India wasn't producing quality professionals. " today if we see we have numerous engineers and other professionals but we should focus on quality not on quantity. The quality of professionals that we have is what worries me today" he added.
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