नई दिल्ली : नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने 92 हजार से अधिक गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को पत्र लिखकर उनसे कोरोना वायरस की दृष्टि से 'संवेदनशील इलाकों' की पहचान करने और वंचित समूह तक सेवाओं को पहुंचाने में सरकार की मदद करने की अपील की है.
कांत निजी क्षेत्र के एनजीओ और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय के लिए गठित अधिकार प्राप्त समूह की अगुवाई कर रहे हैं. एक आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने सभी मुख्य सचिवों को भी पत्र लिखकर जिला स्तर पर स्थानीय प्रशासन को एनजीओ तथा नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) द्वारा उपलब्ध भौतिक तथा मानवीय संसाधनों का उपयोग करने का निर्देश देने का आग्रह किया है.
सरकार ने 29 मार्च को 11 अधिकार प्राप्त समह का गठन किया जिसे स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार, कोरोना वायरस महामारी के कारण 'लॉकडाउन' से प्रभावित अर्थव्यवथा को पटरी पर लाने और लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान के बारे में सुझाव देने हैं.
बयान में कहा गया है कि 'नीति आयोग के सीईओ ने आयोग के दर्पण पोर्टल पर पंजीकृत 92 हजार से अधिक एनजीओ/सीएसओ को पत्र लिखकर उनसे हॉटस्पॉट की पहचान, कायकर्ताओं की तैनाती, बुजुर्गो, दिव्यांगों, बच्चों और अन्य वंचित समूह को सेवाएं उपलब्ध कराने में सरकार की मदद करने को कहा गया है. साथ ही उनसे रोकथाम के बारे में लोगों को जागरूक करने, सामाजिक दूरी के बारे में बताने, बेसहारा लोगों को आश्रय देन और प्रवासी मजदूरों के लिए सामुदायिक रसोई घर स्थापित करने में मदद करने की अपील की है.'
इसमें कहा गया है कि अधिकार प्राप्त समूह (ई-6) ने 40 से अधिक सीएसओ और एनजीओ के साथ विस्तार से विचार-विमर्श किया. यह संगठन देश के विभिन्न भागों में और विभिन्न समुदाय के साथ काम करते हैं. बैठक के दौरान नागरिक संगठनों ने कई चुनौतियों को और मसले को उठाया जिसका ई-6 ने समाधान किया ताकि वह संकट के समय आसानी से क्षेत्र में काम कर सके.
बयान के अनुसार अधिकार प्राप्त समूह ने बायो डिजाइन इनोवेशन लैब, एगवा, एमफाइन, माइक्रो गो जैसे स्टार्टअप से भी संपर्क किया. यह स्टार्टअप अनूठे जीवन रक्षक उपकरणों (वेंटिलेटर) के डिजाइन, परीक्षण उपकरण आदि पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा ई-6 ने उद्योग प्रतिनिधियों के साथ जीवन रक्षक उपकरणों, परीक्षण किट, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के उत्पादन बढ़ाने एवं खरीद समेत अन्य संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की.
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अधिकार प्राप्त समूह के अन्य सदस्य डा. विजयराघवन (प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार), कमल किशोर (सदस्य एनडीएमए), संदीप मोहन भटनागर (सदस्य सीबीआईसी) और विभिन्न मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी हैं. इस समूह की विभिन्न पक्षों के साथ 30 मार्च से 3 अप्रैल तक छह बैठकें हो चुकी है.