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देश में स्वास्थ्य, पोषण संबंधी समस्याओं को लेकर नीति आयोग सजग

देश में बढ़ रहे स्वास्थ्य पोषण की समस्याओं पर चिंता जाहिर करते हुए नीति आयोग ने सुझाव दिया कि शैक्षणिक संस्थानों के कार्यों को पोषण अभियान जैसे सरकारी कार्यक्रमों की सफलता के लिए प्रैक्टिशनर (चिकित्सकों) और कार्यान्वयनकर्ताओं तक पहुंचाने की आवश्यकता है. इसी से संबंधित राजधानी दिल्ली में यूनिसेफ इंडिया के सहयोग से नीति आयोग ने एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया.

NITI आयोग के सदस्य डॉ विनोद पॉल
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Published : Feb 21, 2019, 1:43 PM IST

नई दिल्ली: NITI आयोग ने पोषण संबंधी विकल्पों में सुधार करने और भारत की आहार विविधता को बढ़ाने के लिए यूनिसेफ इंडिया के साथ मिलकर काम करना शुरु किया. इसके माध्यम से स्थानीय खाद्य प्रणालियों के स्वस्थ आहार को बढ़ावा देना है. इसी से संबंधित एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सलाहकार अनिल कुमार जैन ने कहा कि, उनकी तीन मोर्चों पर लड़ाई चल रही है और इसके निपटारे के लिए हर तरह की संसाधन की आवश्यकता होगी. अकादमिक संस्थानों में काफी काम हो रहा है लेकिन इसकी पहुंच प्रैक्टिशनर तक काफी कम है.

मीडिया से बात करते हुए, NITI आयोग के सदस्य डॉ विनोद पॉल ने कहा, "इस कार्यशाला में आज हम भोजन की आहार संबंधी आदतों और आहार घटकों की जांच कर रहे हैं. इसमें बहुत सारे विभिन्न खाद्य पदार्थ हैं, फिर भी भोजन को लेकर विभिन्न चिंताएं हैं. इस बैठक में हम चर्चा कर रहे हैं कि कैसे इन प्रवृत्तियों को समझना है. हमें कैसे अपने पोषण अभियान के तहत भारत के सभी लोगों को स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराना है इसको समझना आवश्यक है.

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इन जिलों में सरकारें पोषन अभियान के तत्वावधान में, स्थानीय रूप से उपलब्ध पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य संसाधनों के उपभोग और घरेलू / सामुदायिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, विभिन्न कृषि और खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थानों ने अपने नवाचारों और स्थानीय खाद्य उत्पादों को विकसित किया, जो उनके द्वारा विकसित किए गए हैं, जो अकादमिक और राज्य के बीच संवैधानिक सहयोग को डिजाइन करना चाहते हैं इन जिलों में सरकारें.
बता दें कि पोषण अभियान के तहत स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य संसाधनों के उपभोग और घरेलू, सामुदायिक उत्पादन को बढ़ावा देना है.

नई दिल्ली: NITI आयोग ने पोषण संबंधी विकल्पों में सुधार करने और भारत की आहार विविधता को बढ़ाने के लिए यूनिसेफ इंडिया के साथ मिलकर काम करना शुरु किया. इसके माध्यम से स्थानीय खाद्य प्रणालियों के स्वस्थ आहार को बढ़ावा देना है. इसी से संबंधित एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सलाहकार अनिल कुमार जैन ने कहा कि, उनकी तीन मोर्चों पर लड़ाई चल रही है और इसके निपटारे के लिए हर तरह की संसाधन की आवश्यकता होगी. अकादमिक संस्थानों में काफी काम हो रहा है लेकिन इसकी पहुंच प्रैक्टिशनर तक काफी कम है.

मीडिया से बात करते हुए, NITI आयोग के सदस्य डॉ विनोद पॉल ने कहा, "इस कार्यशाला में आज हम भोजन की आहार संबंधी आदतों और आहार घटकों की जांच कर रहे हैं. इसमें बहुत सारे विभिन्न खाद्य पदार्थ हैं, फिर भी भोजन को लेकर विभिन्न चिंताएं हैं. इस बैठक में हम चर्चा कर रहे हैं कि कैसे इन प्रवृत्तियों को समझना है. हमें कैसे अपने पोषण अभियान के तहत भारत के सभी लोगों को स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराना है इसको समझना आवश्यक है.

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इन जिलों में सरकारें पोषन अभियान के तत्वावधान में, स्थानीय रूप से उपलब्ध पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य संसाधनों के उपभोग और घरेलू / सामुदायिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, विभिन्न कृषि और खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थानों ने अपने नवाचारों और स्थानीय खाद्य उत्पादों को विकसित किया, जो उनके द्वारा विकसित किए गए हैं, जो अकादमिक और राज्य के बीच संवैधानिक सहयोग को डिजाइन करना चाहते हैं इन जिलों में सरकारें.
बता दें कि पोषण अभियान के तहत स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य संसाधनों के उपभोग और घरेलू, सामुदायिक उत्पादन को बढ़ावा देना है.


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