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महिलाएं टोकन नहीं, पूरी भागीदारी की हकदार : सीतारमण - sitharaman says women come out of comfort zone

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अब वे दिन चले गए, जब महिलाएं किसी चीज में मात्र हिस्सेदारी चाहती थीं. अब महिलाओं को पूरी भागीदारी चाहिए. वित्त मंत्री स्टेट्स ऑफ विमेन इन इंडिया कार्यक्रम में शिरकत कर रही थीं. पढ़ें पूरी खबर...

निर्मला सीतारमण
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Published : Sep 25, 2019, 6:00 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:01 AM IST

नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं से आग्रह किया है कि वे अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें. उन्होंने कहा है कि मैं चाहती हूं कि महिलाएं निर्णय लेने में सक्रिय भागीदारी निभाएं और सामने वाले चुनौतियों को स्वीकार करें.

वित्त मंत्री सीतारमण ने राष्ट्रीय राजधानी के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 24 सितबंर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन दृष्टि स्थाई प्रबोधन केंद्र द्वारा जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट 'स्टेट्स ऑफ वूमेन इन इंडिया' पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि हम टोकन भागीदारी नहीं चाहते हैं, हम पूरी भागीदारी चाहते हैं. सीतारमण ने कहा कि विभिन्न संस्थानों में महिलाओं को शामिल करने के लिए कानून तो हैं, महिलाओं को भी इसका उपयोग करना चाहिए और चुनौतियों का सामना करना चाहिए.

कार्यक्रम में संबोधित करती वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने कहा, वे दिन चले गए जब महिलाएं अवसर पाने के लिए आरक्षण की मांग करती थी. आरक्षण और विशेष कानून उनके लिए ठीक है लेकिन अब उन्हें भी चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. उनको सामने आना चाहिए और अपने लिए बोलना चाहिए.

दृष्टि स्त्री प्रबोधन केंद्र ने 24 सितबंर को 'भारत में महिलाओं की स्थिति' पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में कुल 7000 सर्वेक्षकों,ने महिलाओं के सर्वेक्षण पर काम किया. इन सर्वेक्षकों ने देश के 29 राज्य और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वे किया.इन्होंने सर्वें के दौरान कुल 43255 महिलाओं पर सर्वे किया.

पढ़ेंः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया बड़ा ऐलान, घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटा

सर्वेक्षण में कुल 727 जिले में 464 जिलों की 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं ने भाग लिया था. यह सर्वेक्षण 2 सालों में किया गया है. सर्वेक्षण का संचालन महिला संगठन दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र द्वारा किया गया.

नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं से आग्रह किया है कि वे अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें. उन्होंने कहा है कि मैं चाहती हूं कि महिलाएं निर्णय लेने में सक्रिय भागीदारी निभाएं और सामने वाले चुनौतियों को स्वीकार करें.

वित्त मंत्री सीतारमण ने राष्ट्रीय राजधानी के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 24 सितबंर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन दृष्टि स्थाई प्रबोधन केंद्र द्वारा जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट 'स्टेट्स ऑफ वूमेन इन इंडिया' पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि हम टोकन भागीदारी नहीं चाहते हैं, हम पूरी भागीदारी चाहते हैं. सीतारमण ने कहा कि विभिन्न संस्थानों में महिलाओं को शामिल करने के लिए कानून तो हैं, महिलाओं को भी इसका उपयोग करना चाहिए और चुनौतियों का सामना करना चाहिए.

कार्यक्रम में संबोधित करती वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने कहा, वे दिन चले गए जब महिलाएं अवसर पाने के लिए आरक्षण की मांग करती थी. आरक्षण और विशेष कानून उनके लिए ठीक है लेकिन अब उन्हें भी चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. उनको सामने आना चाहिए और अपने लिए बोलना चाहिए.

दृष्टि स्त्री प्रबोधन केंद्र ने 24 सितबंर को 'भारत में महिलाओं की स्थिति' पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में कुल 7000 सर्वेक्षकों,ने महिलाओं के सर्वेक्षण पर काम किया. इन सर्वेक्षकों ने देश के 29 राज्य और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वे किया.इन्होंने सर्वें के दौरान कुल 43255 महिलाओं पर सर्वे किया.

पढ़ेंः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया बड़ा ऐलान, घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटा

सर्वेक्षण में कुल 727 जिले में 464 जिलों की 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं ने भाग लिया था. यह सर्वेक्षण 2 सालों में किया गया है. सर्वेक्षण का संचालन महिला संगठन दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र द्वारा किया गया.

Intro:Union minister of Finance Nirmala Sitharaman urged the women to come out of their comfort zones and take challenges if they want to have active participation in decision making.
Sitharaman was speaking at an event 'Status of Women in India' , a survey report released by RSS linked organisation Drishti Stree Adhhyayan Prabodhan Kendra on Tuesday at Ambedkar International Center in the national capital.
"We don't want token participation, we want true participation" she said while addressing the gathering.
Talking about the laws that makes the inclusion of women in various institutions mandatory, Sitharaman said that laws are there but women should also utilize the access and come out to take challenges.
"Gone are the days when women used to urge for reservations and opportunities.. Demanding reservations, special laws are fine but they should also be ready to take those challenges. Women must come and speak out about it" said the finance minister.


Body:Drishti Stree Adhyayan Prabodhan Kendra released an extensive survey report on Tuesday on 'Status of Women in India'. A total of 7000 surveyors, all of them women worked for the survey which covered all 29 states and 5 union territories having a total sample size of 43255.
Women above 18 years of age from 464 districts of of the total 727 districts participated in the survey which took 2 years to be completed.
The survey was conducted by an all women organization Drishti Stree Adhyayan Prabodhan Kendra.


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 12:01 AM IST
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