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निर्भया केस : सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय की सुधारात्मक याचिका खारिज की

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Published : Jan 29, 2020, 10:31 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 9:16 AM IST

निर्भया मामले में दोषी मुकेश कुमार की याचिका खारिज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. इस मामले में एक अन्य दोषी अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. एक अन्य दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की है. जानें विस्तार से...

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सुप्रीम कोर्ट में निर्भया केस

नई दिल्ली : फांसी से बचने के लिए निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के गुनहगार हर दिन नई चालें चल रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में एक अन्य दोषी अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

अक्षय कुमार की सुधारात्मक याचिका पर जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच में सुनवाई की गई. निर्भया केस से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में चार दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की है.

गौरतलब है कि अदालत चारों मुजरिमों -मुकेश, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार, को एक फरवरी को सुबह छह बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के आदेश पर अमल के लिये आवश्यक वारंट जारी कर चुकी है. हालांकि, सजा-ए-मौत से बचने के लिए निर्भया के गुनाहगार हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.

इससे पहले बुधवार को निर्भया मामले में दोषी मुकेश कुमार की याचिका खारिज हो गई. मुकेश की याचिका खारिज करने के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रासंगिक दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं करने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हमें जो दस्तावेज प्रदान किए गए हैं, उससे हम संतुष्ट हैं.

एक और दोषी ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की

निर्भया मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की. विनय की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा कि उन्होंने उसकी ओर से राष्ट्रपति भवन में दया याचिका दायर की है और इस पर 'प्राप्ति' हासिल की है.

निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह से हुई बातचीत

सिंह ने कहा, 'मैंने राष्ट्रपति के समक्ष विनय की दया याचिका दायर की है. मैंने यह स्वयं जाकर सौंपी है.'

उच्चतम न्यायालय विनय की सुधारात्मक याचिका पहले ही खारिज कर चुका है.

विनय से पहले एक अन्य दोषी मुकेश कुमार सिंह ने दया याचिका दायर की थी जो राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी.

शीर्ष अदालत ने बुधवार को मुकेश कुमार सिंह की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उसने राष्ट्रपति द्वारा अपनी दया याचिका खारिज किए जाने को चुनौती दी थी.

तीन अन्य दोषियों के पास अब भी है विकल्प

हालांकि तीन अन्य दोषियों पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार के पास अब भी विकल्प बचे हैं. उनकी सुधारात्मक याचिका शीर्ष अदालत द्वारा खारिज किये जाने के बाद ही वे राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल कर सकते हैं.

अक्षय ने बुधवार को शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दाखिल की है जो अदालत में अंतिम विकल्प है। इस पर गुरूवार को सुनवाई होगी.

शीर्ष अदालत विनय की सुधारात्मक याचिका पहले ही खारिज कर चुकी है और चौथे दोषी पवन ने अभी सुधारात्मक याचिका दाखिल नहीं की है.

शीर्ष अदालत ने आज मुकेश की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामले में अदालतों द्वारा दिये गये फैसलों, दोषी की आपराधिक पृष्ठभूमि, उसके परिवार की आर्थिक हालत समेत सभी दस्तावेजों पर राष्ट्रपति ने विचार किया और इसे खारिज किया.

पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत पारित आदेश की न्यायिक समीक्षा की मांग के लिए जेल में कथित रूप से पीड़ा सहने को आधार नहीं बनाया जा सकता.

इसे भी पढ़ें- कैबिनेट ने गर्भपात कराने की अधिकतम समय सीमा बढ़ाने की मंजूरी दी

दया याचिका खारिज होने के बाद मुकेश के पास कोई रास्ता नहीं

उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह की दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली उसकी अपील बुधवार को खारिज कर दी और कहा कि इस पर 'त्वरित विचार' का यह अर्थ नहीं निकलता कि इसमें राष्ट्रपति ने सोच-विचार नहीं किया.

शीर्ष अदालत द्वारा दोषी मुकेश की याचिका खारिज होने के बाद निर्भया की मां ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें देश के संविधान और देश के कानून पर पूरा भरोसा है कि निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि देर से ही सही लेकिन फैसले सही हो रही हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि दोषियों को फांसी होगी. इसके साथ ही उन्होंने कानून और सरकार से गुहार लगाई की दोषियों के बार-बार दया याचिका लगाने के खिलाफ कोई ठोस दिशा-निर्देश बनाए जाए.

वहीं कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अलावा समीक्षा और सुधारात्मक याचिका का विवरण राष्ट्रपति को भेजा गया है. कोर्ट ने कहा कि इन दस्तावेजों के अलावा राज्य (NCT) ने अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास के विवरण भी भारत के राष्ट्रपति को भेजे.

वहीं इस संबंध में निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि निर्भया को जल्द ही इंसाफ मिलेगा.

मीडिया से बातचीत करतीं निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा

कोर्ट ने कहा कि सभी दस्तावजों पर विचार किया गया है. इसके बाद ही राष्ट्रपति ने याचिका खारिज की. मुकेश की अर्जी खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई मेरिट नहीं है.

पढ़ें-पटियाला हाउस कोर्ट में होगी शरजील इमाम की पेशी, रिमांड मांग सकती है पुलिस

जेल में दोषी मुकेश के साथ हुए दुर्व्यवहार और मारपीट पर कोर्ट ने कहा कि जेल में कथित कष्ट न्यायिक समीक्षा के अधीन नहीं हो सकते. निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें भारते के संविधान पर पूरा भरोसा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से भी उन्हें दया की उम्मीद है.

दया याचिका के तेजी से निष्पादन किए जाने के संदर्भ में कोर्ट ने कहा, यह माना जाना चाहिए कि अधिकारियों को सावधानी से काम करना चाहिए.

केवल इसलिए कि दया याचिका तेजी से खारिज कर दी गई, यह नहीं कहा जा सकता है कि इसे बिना आधार के खारिज कर दिया गया.

इस पर पीठ ने कहा कि अगर दया याचिका शीघ्र भी खारिज की गई तो ऐसा माना नहीं जा सकता कि पूर्व-निर्धारित सोच के आधार पर निर्णय लिया गया.

मुकेश की दया याचिका खारिज होने के बाद ही अदालत ने चारों मुजरिमों -मुकेश, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार, को एक फरवरी को सुबह छह बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के आदेश पर अमल के लिये आवश्यक वारंट जारी किये थे.

नई दिल्ली : फांसी से बचने के लिए निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के गुनहगार हर दिन नई चालें चल रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में एक अन्य दोषी अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

अक्षय कुमार की सुधारात्मक याचिका पर जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच में सुनवाई की गई. निर्भया केस से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में चार दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की है.

गौरतलब है कि अदालत चारों मुजरिमों -मुकेश, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार, को एक फरवरी को सुबह छह बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के आदेश पर अमल के लिये आवश्यक वारंट जारी कर चुकी है. हालांकि, सजा-ए-मौत से बचने के लिए निर्भया के गुनाहगार हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.

इससे पहले बुधवार को निर्भया मामले में दोषी मुकेश कुमार की याचिका खारिज हो गई. मुकेश की याचिका खारिज करने के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रासंगिक दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं करने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हमें जो दस्तावेज प्रदान किए गए हैं, उससे हम संतुष्ट हैं.

एक और दोषी ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की

निर्भया मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की. विनय की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा कि उन्होंने उसकी ओर से राष्ट्रपति भवन में दया याचिका दायर की है और इस पर 'प्राप्ति' हासिल की है.

निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह से हुई बातचीत

सिंह ने कहा, 'मैंने राष्ट्रपति के समक्ष विनय की दया याचिका दायर की है. मैंने यह स्वयं जाकर सौंपी है.'

उच्चतम न्यायालय विनय की सुधारात्मक याचिका पहले ही खारिज कर चुका है.

विनय से पहले एक अन्य दोषी मुकेश कुमार सिंह ने दया याचिका दायर की थी जो राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी.

शीर्ष अदालत ने बुधवार को मुकेश कुमार सिंह की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उसने राष्ट्रपति द्वारा अपनी दया याचिका खारिज किए जाने को चुनौती दी थी.

तीन अन्य दोषियों के पास अब भी है विकल्प

हालांकि तीन अन्य दोषियों पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार के पास अब भी विकल्प बचे हैं. उनकी सुधारात्मक याचिका शीर्ष अदालत द्वारा खारिज किये जाने के बाद ही वे राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल कर सकते हैं.

अक्षय ने बुधवार को शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दाखिल की है जो अदालत में अंतिम विकल्प है। इस पर गुरूवार को सुनवाई होगी.

शीर्ष अदालत विनय की सुधारात्मक याचिका पहले ही खारिज कर चुकी है और चौथे दोषी पवन ने अभी सुधारात्मक याचिका दाखिल नहीं की है.

शीर्ष अदालत ने आज मुकेश की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामले में अदालतों द्वारा दिये गये फैसलों, दोषी की आपराधिक पृष्ठभूमि, उसके परिवार की आर्थिक हालत समेत सभी दस्तावेजों पर राष्ट्रपति ने विचार किया और इसे खारिज किया.

पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत पारित आदेश की न्यायिक समीक्षा की मांग के लिए जेल में कथित रूप से पीड़ा सहने को आधार नहीं बनाया जा सकता.

इसे भी पढ़ें- कैबिनेट ने गर्भपात कराने की अधिकतम समय सीमा बढ़ाने की मंजूरी दी

दया याचिका खारिज होने के बाद मुकेश के पास कोई रास्ता नहीं

उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह की दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली उसकी अपील बुधवार को खारिज कर दी और कहा कि इस पर 'त्वरित विचार' का यह अर्थ नहीं निकलता कि इसमें राष्ट्रपति ने सोच-विचार नहीं किया.

शीर्ष अदालत द्वारा दोषी मुकेश की याचिका खारिज होने के बाद निर्भया की मां ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें देश के संविधान और देश के कानून पर पूरा भरोसा है कि निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि देर से ही सही लेकिन फैसले सही हो रही हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि दोषियों को फांसी होगी. इसके साथ ही उन्होंने कानून और सरकार से गुहार लगाई की दोषियों के बार-बार दया याचिका लगाने के खिलाफ कोई ठोस दिशा-निर्देश बनाए जाए.

वहीं कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अलावा समीक्षा और सुधारात्मक याचिका का विवरण राष्ट्रपति को भेजा गया है. कोर्ट ने कहा कि इन दस्तावेजों के अलावा राज्य (NCT) ने अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास के विवरण भी भारत के राष्ट्रपति को भेजे.

वहीं इस संबंध में निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि निर्भया को जल्द ही इंसाफ मिलेगा.

मीडिया से बातचीत करतीं निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा

कोर्ट ने कहा कि सभी दस्तावजों पर विचार किया गया है. इसके बाद ही राष्ट्रपति ने याचिका खारिज की. मुकेश की अर्जी खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई मेरिट नहीं है.

पढ़ें-पटियाला हाउस कोर्ट में होगी शरजील इमाम की पेशी, रिमांड मांग सकती है पुलिस

जेल में दोषी मुकेश के साथ हुए दुर्व्यवहार और मारपीट पर कोर्ट ने कहा कि जेल में कथित कष्ट न्यायिक समीक्षा के अधीन नहीं हो सकते. निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें भारते के संविधान पर पूरा भरोसा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से भी उन्हें दया की उम्मीद है.

दया याचिका के तेजी से निष्पादन किए जाने के संदर्भ में कोर्ट ने कहा, यह माना जाना चाहिए कि अधिकारियों को सावधानी से काम करना चाहिए.

केवल इसलिए कि दया याचिका तेजी से खारिज कर दी गई, यह नहीं कहा जा सकता है कि इसे बिना आधार के खारिज कर दिया गया.

इस पर पीठ ने कहा कि अगर दया याचिका शीघ्र भी खारिज की गई तो ऐसा माना नहीं जा सकता कि पूर्व-निर्धारित सोच के आधार पर निर्णय लिया गया.

मुकेश की दया याचिका खारिज होने के बाद ही अदालत ने चारों मुजरिमों -मुकेश, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार, को एक फरवरी को सुबह छह बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के आदेश पर अमल के लिये आवश्यक वारंट जारी किये थे.

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निर्भया मामला : मौत की सजा पाए अक्षय कुमार ने उच्चतम न्यायालय में सुधारात्मक याचिका दायर की।

 


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Last Updated : Feb 28, 2020, 9:16 AM IST
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