ETV Bharat / bharat

NIA के समक्ष पेश हुए हृदय रोग विशेषज्ञ, यासीन मलिक के दस्तावेजों पर स्पष्टीकरण मांगा गया

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज हृदय रोग विशेषज्ञ उपेंद्र कौल को तलब किया. ये मामला जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक से जुड़ा हुआ है. जानें क्या है पूरा मामला

यासीन मलिक (फाइल फोटो)
author img

By

Published : Aug 31, 2019, 2:10 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 10:39 PM IST

नई दिल्ली: अलगाववादी नेता यासीन मलिक के दस्तावेजों में एक गूढ़ संख्या पाई गई है. इसके कारण राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को शुक्रवार को दिल्ली के हृदय रोग विशेषज्ञ उपेंद्र कौल को तलब किया. डॉक्टर कौल से स्पष्टीकरण लेने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया.

दो दशक से विभिन्न हृदय रोगों को लेकर मलिक का उपचार कर रहे कौल ने एनआईए को बताया कि अलगाववादी नेता से संबंधित कागजों में जो संख्या दी गई है, वह एक रक्त परीक्षण का नंबर है और इसका मतलब 'करोड़ों रुपये' नहीं है. हृदय रोग विशेषज्ञ ने कहा कि वह एनआईए मुख्यालय से 30 मिनट में बाहर आ गए.

कौल ने पूछताछ के बाद कहा, 'मैंने उन्हें बताया कि संबंधित नंबर (मलिक के) रक्त परीक्षणों की रिपोर्ट से संबंधित है, न कि धन से. अधिकारी बात को मान गए, बस इतना ही हुआ.'

उन्होंने एनआईए को बताया कि मलिक उनके मरीज रहे हैं और उन्होंने उनसे हृदय संबंधी दिक्कत को लेकर परामर्श लिया था. दस्तावेजों में प्रविष्टि उसी से संबंधित है.

मलिक आतंकवाद के वित्तपोषण सहित दो मामलों में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

कौल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के केंद्र के फैसले और राज्य में संचार सुविधाओं को निलंबित करने के आलोचक रहे हैं.

एनआईए आतंकवाद की वित्तीय मदद किए जाने से संबंधित मामले की जांच और मलिक द्वारा विभिन्न लोगों के साथ आदान-प्रदान किए गए संदेशों की पड़ताल कर रही है.

जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हम हर किसी की जांच कर रहे हैं. हमने बहुत से दस्तावेजों को देखा है, और हर मिनट के ब्योरे का अध्ययन कर रहे हैं, ताकि अदालत में अंतिम रूप से कानूनी पड़ताल के लिए जाने के वास्ते तथ्यों को लेकर सुनिश्चित हो सकें.'

नई दिल्ली: अलगाववादी नेता यासीन मलिक के दस्तावेजों में एक गूढ़ संख्या पाई गई है. इसके कारण राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को शुक्रवार को दिल्ली के हृदय रोग विशेषज्ञ उपेंद्र कौल को तलब किया. डॉक्टर कौल से स्पष्टीकरण लेने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया.

दो दशक से विभिन्न हृदय रोगों को लेकर मलिक का उपचार कर रहे कौल ने एनआईए को बताया कि अलगाववादी नेता से संबंधित कागजों में जो संख्या दी गई है, वह एक रक्त परीक्षण का नंबर है और इसका मतलब 'करोड़ों रुपये' नहीं है. हृदय रोग विशेषज्ञ ने कहा कि वह एनआईए मुख्यालय से 30 मिनट में बाहर आ गए.

कौल ने पूछताछ के बाद कहा, 'मैंने उन्हें बताया कि संबंधित नंबर (मलिक के) रक्त परीक्षणों की रिपोर्ट से संबंधित है, न कि धन से. अधिकारी बात को मान गए, बस इतना ही हुआ.'

उन्होंने एनआईए को बताया कि मलिक उनके मरीज रहे हैं और उन्होंने उनसे हृदय संबंधी दिक्कत को लेकर परामर्श लिया था. दस्तावेजों में प्रविष्टि उसी से संबंधित है.

मलिक आतंकवाद के वित्तपोषण सहित दो मामलों में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

कौल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के केंद्र के फैसले और राज्य में संचार सुविधाओं को निलंबित करने के आलोचक रहे हैं.

एनआईए आतंकवाद की वित्तीय मदद किए जाने से संबंधित मामले की जांच और मलिक द्वारा विभिन्न लोगों के साथ आदान-प्रदान किए गए संदेशों की पड़ताल कर रही है.

जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हम हर किसी की जांच कर रहे हैं. हमने बहुत से दस्तावेजों को देखा है, और हर मिनट के ब्योरे का अध्ययन कर रहे हैं, ताकि अदालत में अंतिम रूप से कानूनी पड़ताल के लिए जाने के वास्ते तथ्यों को लेकर सुनिश्चित हो सकें.'

ZCZC
PRI GEN NAT
.NEWDELHI DEL93
NIA-CARDIOLOGIST
Cardiologist appears before NIA, sent back after clarification on Yaseen Malik's documents
         New Delhi, Aug 30 (PTI) An apparently inexplicable figure in separatist Yaseen Malik's documents led to the National Investigation Agency (NIA) calling leading Delhi cardiologist Upendra Kaul for an explanation on Friday.
         Kaul, who has been treating Malik for various cardiac ailments for two decades, told NIA officials the number in the separatist leader's papers referred to a blood test and not crores of rupees.
          The cardiologist said he was out of the NIA headquarters within 30 minutes.
          "I explained to them that the figure mentioned was related to his (Malik's) blood reports and not money. The officers were convinced and that's all," Kaul said after the questioning.
          He said he told the NIA that Malik had been his patient and had consulted him for heart trouble and the entry in the documents pertained to that.
          Malik is in Tihar Jail in judicial custody in two cases, including one related to terror funding.
          Kaul has been critical of the Centre for revoking Jammu and Kashmir's special status and the communications clampdown that followed.
          The NIA is probing a case related to terror funding of various groups and is examining messages exchanged by Malik with various people over a period of time.
          "We are checking everyone. We have perused volumes of documents, going into every minute detail to be sure of the facts which have to finally undergo legal scrutiny in a court of law," a senior NIA official said.
          The official, speaking on condition of anonymity, said meticulous investigation has resulted in ensuring that all those arrested by the NIA in terror funding cases have not been able to get bail. PTI SKL SKL
MIN
MIN
08301909
NNNN
Last Updated : Sep 28, 2019, 10:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.