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उमर अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर आज होगी सुनवाई

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली नई पीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगी.

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Published : Feb 14, 2020, 12:02 AM IST

Updated : Mar 1, 2020, 6:47 AM IST

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नई दिल्ली : उमर अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली नई पीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगी.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया है. अब्दुल्ला की हिरासत चुनौती देते हुए उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी.

याचिका शुक्रवार को सुनवाई के लिए लिए दो न्यायाधीशों की नयी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई है. इस नई पीठ में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी भी हैं.

न्यायमूर्ति एम.एम. शांतनगौडर बुधवार को बिना कोई कारण बताए इस मामले में सुनवाई से अलग हो गए थे.

पायलट की याचिका न्यायमूर्ति एन.वी. रमन्ना, न्यायमूर्ति एम.एम. शांतनगौडर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के सामने सुनवाई के लिए आई थी.

पढ़ें- निर्भया मामला : दोषी पवन की पैरवी करेंगे कोर्ट से नियुक्त वकील रवि काजी

पायलट ने गत 10 फरवरी को शीर्ष अदालत का रुख कर जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून 1978 के तहत अपने भाई की हिरासत को 'अवैध' बताया और कहा कि शांति व्यवस्था बहाल रखने को लेकर उनसे किसी खतरे का सवाल ही नहीं उठता.

याचिका में पीएसए के तहत पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखने के पांच फरवरी के आदेश को खारिज करने और उन्हें अदालत के समक्ष हाजिर करने की मांग की गई है.

नई दिल्ली : उमर अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली नई पीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगी.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया है. अब्दुल्ला की हिरासत चुनौती देते हुए उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी.

याचिका शुक्रवार को सुनवाई के लिए लिए दो न्यायाधीशों की नयी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई है. इस नई पीठ में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी भी हैं.

न्यायमूर्ति एम.एम. शांतनगौडर बुधवार को बिना कोई कारण बताए इस मामले में सुनवाई से अलग हो गए थे.

पायलट की याचिका न्यायमूर्ति एन.वी. रमन्ना, न्यायमूर्ति एम.एम. शांतनगौडर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के सामने सुनवाई के लिए आई थी.

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पायलट ने गत 10 फरवरी को शीर्ष अदालत का रुख कर जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून 1978 के तहत अपने भाई की हिरासत को 'अवैध' बताया और कहा कि शांति व्यवस्था बहाल रखने को लेकर उनसे किसी खतरे का सवाल ही नहीं उठता.

याचिका में पीएसए के तहत पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखने के पांच फरवरी के आदेश को खारिज करने और उन्हें अदालत के समक्ष हाजिर करने की मांग की गई है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 6:47 AM IST
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