चेन्नई : देश में किसान की अहमियत को किसी भी तरीके से नजरअंदाज कर पाना मुश्किल है. उन्हें अन्नदाता कहा जाता है. ऐसे में सलेम इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने भारत की रीढ़ अर्थात कृषि को मजबूत करने और किसानों का साथी बनने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करके तकनीकी क्रांति की एक छाप छोड़ी है.
बाहरी दुनिया में भारत के युवा छात्रों की प्राविधि (तकनीक) को उजागर करने के लिए केंद्र सरकार हर साल स्मार्ट इंडिया हैकथॉन प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रतियोगिता का आयोजन करती है.
देशभर में हर साल हजारों कॉलेजों से छात्र अपने तकनीकी कौशल के माध्यम से नए-नए अविष्कार करते हैं और इन प्रतियोगिताओं का हिस्सा बनते हैं.
इस स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन इवेंट के विजेता नई पीढ़ी के तकनीकी उन्मूलन के रूप में चमक रहे हैं और भारत के प्रतिष्ठित उद्यमियों की नई पीढ़ी के रूप में विकसित हो रहे हैं.
पूरे देश में इंजीनियरिंग कॉलेजों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के पुरुष और महिला छात्रों के लिए यह प्रतियोगिता तीन चरणों में आयोजित की जा रही है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की अखिल भारतीय तकनीकी समिति की ओर से स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, ताकि छात्रों को दैनिक जीवन में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं को हल करने के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके.
प्रतियोगिता का उद्देश्य दो श्रेणियों में 344 से अधिक व्यावहारिक समस्याओं को हल करना है.
कृषि भागीदारी और कृषि कल्याण क्षेत्रों में चेन्नई स्थित सलेम के छात्रों ने दोनों ही श्रेणियों में पहला स्थान हासिल किया और एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार जीता.
थियागराजा पॉलिटेक्निक कॉलेज के पुरुष और महिला छात्र सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के कार्यक्रम 'स्मार्ट एग्रीकल्चर' के तहत किसानों की समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए एक नया मोबाइल एप्लिकेशन लेकर आए हैं.
छात्र द्वारा विकसित, अत्याधुनिक मोबाइल एप्लिकेशन एक उपकरण के साथ हवा में नमी का अनुमान लगाता है. जब नमी कम होती है तो यह उर्वरकों को ध्यान में रखकर स्वचालित मोटर का उपयोग उपकरण की मदद से खेतों को पानी देता है. इसके जरिये कृषि से जुड़े कार्यों की निगरानी भी की जाती है.
उल्लेखनीय है कि एप ने पहला स्थान अर्जित किया है और एक लाख रुपए का नगद पुरस्कार हासिल किया है.