नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण के देश में गहराते संकट के कारण रक्तदान के अभियानों में बाधा आने की आशंकाओं को दूर करते हुए केन्द्र सरकार ने सुरक्षित रक्तदान के लिये नए दिशानिर्देश जारी किए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये जारी लॉकडाउन में भीड़ एकत्र न होने के मद्देनजर सुरक्षित रक्तदान सुनश्चित करने की जरूरत पर बल दिया है. खासकर रक्तदान और मरीजों को खून देते समय संक्रमण के खतरे को देखते हुये मंत्रालय मौजूदा परिस्थितियों में विशेष एहतियात बरतने को कहा है.
मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होने वाली परिषद के निदेशक डा शोबिनी रंजन ने राज्यों की एड्स नियंत्रण सोसाइटी और राज्य रक्त संचरण परिषदों को नये दिशानिर्देशों को अपनी विशिष्ट जरूरतों के मुताबिक लागू करने के लिये कहा है. डॉक्टर रंजन ने कहा कि इससे रक्त दान के क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों की मदद से इन दिशानिर्देशों का पालन करते हुये मांग के अनुरूप रक्त का संग्रह सुनिश्चित किया जा सकेगा.
उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर रक्त केन्द्र, रक्त की आपूर्ति को बहाल रखने के लिये स्वस्थ लोगों द्वारा किये जाने वाले स्वैच्छिक रक्तदान पर निर्भर होते हैं.
रंजन ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों, खासकर किसी संक्रामक रोग के महामारी के रूप में फैलने के खतरे को देखते हुये रक्त की आपूर्ति को बहाल रखना बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में स्वैच्छिक एवं सुरक्षित रक्तदान को सुनश्चित करने के लिये दिशानिर्देश जारी किये गये हैं.
इसमें रक्तदाताओं को संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हुये रक्तदान सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी गई है. इसमें रक्त संग्रह प्रणाली के उचित प्रबंधन के उपाय भी करने को कहा गया है. इसमें कोरोना के संक्रमण के दायरे में आये किसी देश से वापस आने वाले व्यक्ति को कम से कम 28 दिन तक रक्तदान नहीं करने का परामर्श दिया गया है.
इसी प्रकार कोरोना संक्रमित या संक्रमण के संदिग्ध मरीज के संपर्क में आने वाले व्यक्ति को भी 28 दिन तक रक्तदान से परहेज करने को कहा गया है. दिशानिर्देश में रक्तदान के लिये एकत्रित होने वाले लोगों के बीच सुरक्षित दूरी बनाये रखने के लिये सामाजिक मेलजोल से दूरी के मानकों का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है. हालांकि रक्त दान शिविर, किसी भवन के अंदर या बाहर करने की इसमें छूट दी गयी है, बशर्ते इसमें सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाये.