जोधपुर : केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश की महिलाएं पीड़ा और तनाव में हैं तथा न्याय की गुहार लगा रही हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए अदालतों में मामलों के तेजी से निबटारे पर निगरानी की कोई व्यवस्था बनाना बहुत महत्वपूर्ण है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'देश की महिलाएं तनाव और दबाव में हैं. वे न्याय की गुहार लगा रही हैं. जघन्य तथा अन्य अपराधों के लिए हमारे यहां 704 फास्ट ट्रैक अदालतें पहले ही हैं तथा हम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (पोक्सो) और बलात्कार से जुड़े अपराधों के लिए 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालत स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं.'
वह जोधपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय के नए भवन के उद्घाटन के समारोह में बोल रहे थे.
प्रसाद ने यह भी कहा कि वह सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को पत्र लिखकर अपील करने जा रहे हैं कि नाबालिगों के साथ बलात्कार के मामलों में जांच दो महीने के भीतर पूरी हो. इस बाबत उन्होंने अपने मंत्रालय को भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिया है.
प्रसाद ने कहा, 'मैं प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) और अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों से आग्रह करूंगा कि अब इन मामलों के निबटारे पर निगरानी के लिए कोई तंत्र होना चाहिए ताकि विधिशासित गर्वित देश के रूप में भारत के कद को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके.'
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उन्होंने इसके लिए सरकार की ओर से पर्याप्त धन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा, 'महिलाओं के खिलाफ हिंसा से जुड़े कानून में हमने सुनवाई दो महीने में पूरी करने सहित मृत्युदंड और अन्य कड़े दंडों का प्रावधान पहले ही कर रखा है.'
केंद्रीय विधि मंत्री ने कहा कि चाहे उच्चतम न्यायालय हो या उच्च न्यायालय, देश की न्यायपालिका ने विधि सम्मत सिद्धांतों को हमेशा ऊंचा रखा है.
उन्होंने अधीनस्थ न्यायपालिका में और अधिक प्रतिभाओं को आकर्षित करने की जरूरत बताई और कहा, 'हमारे पास अच्छी संख्या में न्यायाधीश होने चाहिए.'