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अब एक घंटे में आएगा कोरोना का परिणाम, सिंगापुर मेडिकल स्कूल ने बनाया परीक्षण किट

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Published : May 17, 2020, 8:42 PM IST

सिंगापुर का ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल ने ऐसे परीक्षण किट का ईजाद किया है, जो एक घंटे में संक्रमण का पता लगा सकता है. साथ ही दुनिया में अपनी तरह का पहला जांच होगा कि जो कभी भी वायरस द्वारा संक्रमित होने की जानकारी देगा. साथ ही यह सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भी विकसित करने की सूचना देगा. जानें विस्तार से...

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सिंगापुर का ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल

हैदराबाद : कोरोना वायरस महामारी दुनिया भर में अपना कहर बरपा रहा है. इस दौरान सिंगापुर का ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल ने कोविड-19 परीक्षण किट का ईजाद किया है. इस परीक्षण किट से एक घंटे में संक्रमण का पता लगाया जा सकता है, जोकि वर्तमान में कई दिनों तक जांच की प्रतीक्षा करनी होती है.

दुनिया में अपनी तरह का पहला जांच होगा कि जो कभी भी वायरस से संक्रमित होने की जानकारी देगा. साथ ही यह सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भी विकसित करने की सूचना देगा.

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह अस्पतालों में उपलब्ध होगा और यह सबसे पहला एंटीबॉडी है, जो मानव शरीर में संक्रमण के खिलाफ हथियार के रूप में उपयोग किया जाएगा. इससे कोरोना वायरस बेअसर होता है और मरीज की कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोकता है.

जब कोई वायरस से संक्रमित होता है तो शरीर सैकड़ों या हजारों अलग-अलग एंटीबॉडीज पैदा करता है. यह वायरस को बांधते हैं और बाध्यकारी एंटीबॉडी के रूप में जाने जाते हैं. हालांकि इनमें से सभी वायरस को बेअसर नहीं कर सकते हैं. यह एंटीबॉडी को जोड़ने की भूमिका है.

वर्तमान में उपयोग किए जा रहे अन्य नए परीक्षण की तुलना में यह तेज है. ऐसे एंटीबॉडी को एकल कर सकता है और विशेष उपकरणों की आवश्यकता के बजाय नियमित अनुसंधान या अस्पताल सेटिंग्स में उपयोग किया जा सकता है.

ऐसे एंटीबॉडी के लिए कोविड-19 परीक्षणों में एक जीवित वायरस, कोशिकाओं, अत्यधिक कुशल ऑपरेटरों और जटिल प्रक्रियाओं का उपयोग प्रयोगशाला में करने की होती है जो आमतौर पर संवेदनशील होते हैं और परिणाम प्राप्त करने के लिए कई दिनों की आवश्यकता होती है.

सी-पास (cPass) ड्यूक-एनयूएस के उभरते संक्रामक रोगों के निदेशक प्रोफेसर वांग लिन्फा के नेतृत्व में एक टीम द्वारा आविष्कार किया गया है. इसी टीम ने पहले भी सिंगापुर में परीक्षण के विकास को भी अंजाम दिया था.

जेनस्क्रिप्ट के मुख्य रणनीति अधिकारी डॉ झू ली ने कहा कि प्रोफेसर वांग द्वारा विकसित सीरोलॉजिकल डिटेक्शन सिस्टम अद्वितीय, अभिनव है और कई फायदे हैं. सरकारों के लिए परीक्षण के परिणाम में बहुत मदद करेगा. यह त्वरित और विश्वसनीय निगरानी के लिए अत्यंत उपयोगी है. यह निर्धारित करने के लिए कि एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस के लिए व्यापक रूप से आबादी ने प्रतिरक्षा कैसे प्राप्त किया जा सकता है.

प्रोफेसर लिंफा ने कहा कि हमारी टीम द्वारा विकसित सीपास (cPass) का उपयोग ट्रेसिंग, पशु ट्रैकिंग, हर्ड इम्युनिटी का आकलन के लिए किया जा सकता है.

यह उल्लेख करना उचित है कि वर्तमान में डीएक्सजी (DxD) हब सिंगापुर के अस्पतालों में उपयोग के लिए एक पायलट बैच का उत्पादन कर रहा है. इसका योजना को सफल होने पर अधिक उत्पादन के लिए कैसे स्थानीय बायोटेक कंपनियों को हस्तांतरित किया जाएगा यह अभी देखना होगा.

हैदराबाद : कोरोना वायरस महामारी दुनिया भर में अपना कहर बरपा रहा है. इस दौरान सिंगापुर का ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल ने कोविड-19 परीक्षण किट का ईजाद किया है. इस परीक्षण किट से एक घंटे में संक्रमण का पता लगाया जा सकता है, जोकि वर्तमान में कई दिनों तक जांच की प्रतीक्षा करनी होती है.

दुनिया में अपनी तरह का पहला जांच होगा कि जो कभी भी वायरस से संक्रमित होने की जानकारी देगा. साथ ही यह सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भी विकसित करने की सूचना देगा.

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह अस्पतालों में उपलब्ध होगा और यह सबसे पहला एंटीबॉडी है, जो मानव शरीर में संक्रमण के खिलाफ हथियार के रूप में उपयोग किया जाएगा. इससे कोरोना वायरस बेअसर होता है और मरीज की कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोकता है.

जब कोई वायरस से संक्रमित होता है तो शरीर सैकड़ों या हजारों अलग-अलग एंटीबॉडीज पैदा करता है. यह वायरस को बांधते हैं और बाध्यकारी एंटीबॉडी के रूप में जाने जाते हैं. हालांकि इनमें से सभी वायरस को बेअसर नहीं कर सकते हैं. यह एंटीबॉडी को जोड़ने की भूमिका है.

वर्तमान में उपयोग किए जा रहे अन्य नए परीक्षण की तुलना में यह तेज है. ऐसे एंटीबॉडी को एकल कर सकता है और विशेष उपकरणों की आवश्यकता के बजाय नियमित अनुसंधान या अस्पताल सेटिंग्स में उपयोग किया जा सकता है.

ऐसे एंटीबॉडी के लिए कोविड-19 परीक्षणों में एक जीवित वायरस, कोशिकाओं, अत्यधिक कुशल ऑपरेटरों और जटिल प्रक्रियाओं का उपयोग प्रयोगशाला में करने की होती है जो आमतौर पर संवेदनशील होते हैं और परिणाम प्राप्त करने के लिए कई दिनों की आवश्यकता होती है.

सी-पास (cPass) ड्यूक-एनयूएस के उभरते संक्रामक रोगों के निदेशक प्रोफेसर वांग लिन्फा के नेतृत्व में एक टीम द्वारा आविष्कार किया गया है. इसी टीम ने पहले भी सिंगापुर में परीक्षण के विकास को भी अंजाम दिया था.

जेनस्क्रिप्ट के मुख्य रणनीति अधिकारी डॉ झू ली ने कहा कि प्रोफेसर वांग द्वारा विकसित सीरोलॉजिकल डिटेक्शन सिस्टम अद्वितीय, अभिनव है और कई फायदे हैं. सरकारों के लिए परीक्षण के परिणाम में बहुत मदद करेगा. यह त्वरित और विश्वसनीय निगरानी के लिए अत्यंत उपयोगी है. यह निर्धारित करने के लिए कि एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस के लिए व्यापक रूप से आबादी ने प्रतिरक्षा कैसे प्राप्त किया जा सकता है.

प्रोफेसर लिंफा ने कहा कि हमारी टीम द्वारा विकसित सीपास (cPass) का उपयोग ट्रेसिंग, पशु ट्रैकिंग, हर्ड इम्युनिटी का आकलन के लिए किया जा सकता है.

यह उल्लेख करना उचित है कि वर्तमान में डीएक्सजी (DxD) हब सिंगापुर के अस्पतालों में उपयोग के लिए एक पायलट बैच का उत्पादन कर रहा है. इसका योजना को सफल होने पर अधिक उत्पादन के लिए कैसे स्थानीय बायोटेक कंपनियों को हस्तांतरित किया जाएगा यह अभी देखना होगा.

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