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नेपाल पुलिस ने रिहा किया भारतीय युवक, जबरन ले गए थे साथ

नेपाल पुलिस ने लगन किशोर नाम के भारतीय युवक को रिहा कर दिया है. तीन दिन पहले नेपाल पुलिस उसे अपने साथ जबरदस्ती ले गई थी. नेपाल पुलिस ने बिहार सीमा पर फायरिंग कर दी थी. इसमें तीन युवक घायल हो गए थे और एक की मृत्यु हो गई थी. घटना के तुरंत बाद एसएसबी डीजी ने कहा था कि स्थिति नियंत्रण में है और बातचीत के बाद युवक को वापस लाया जाएगा.

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नेपाल पुलिस के कब्जे से रिहा लगन किशोर
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Published : Jun 15, 2020, 9:57 AM IST

Updated : Jun 15, 2020, 12:32 PM IST

सीतामढ़ी : नेपाली सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीय युवक लगन किशोर को रिहा कर दिया गया है. रिहाई के बाद युवक ने कहा कि नेपाली पुलिस ने उसके साथ मारपीट की और राइफल की बट से मारा था. तीन दिन पहले नेपाली पुलिस उसे जबरदस्ती अपने साथ ले गई थी.

लगन किशोर को 12 जून की सुबह नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल ने अपने कब्जे में ले लिया था. नेपाल पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में तीन लोगों को गोली लगी थी. इसमें एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए.

घटना को याद करते हुए लगन किशोर बताते हैं कि गोलीबारी के दौरान वह सीमा के अंदर की तरफ भाग गया था लेकिन नेपाली पुलिस ने उसे राइफल की बट से मारा और उसे घसीटते हुए नेपाल के संग्रामपुर ले गए.

लगन किशोर के मुताबिक उस पर दबाव बनाया गया कि वह उस बात को स्वीकारे कि उसने नेपाल की सीमा में घुसने की कोशिश की थी.

बता दें लगन के बेटे की शादी नेपाल में हुई है 12 जून को उसकी बहू और मां सीतामढ़ी आईं थीं. हालांकि जब वह वापस नेपाल जाने लगी तो उनके रोक दिया गया. इसी बात पर लगन के बेटे और नेपाल पुलिस में कहासुनी हो गई. नेपाल पुलिस ने इस बीच लगन के बेटे को बहुत मारा.

जब यह बात लगन को पता लगी तो वह भी वहां आ गया जिसके बाद उसके साथ भी बदसलूकी की गई.

लगन ने बताया कि कुछ देर बात वहां फायरिंग शुरू हो गई.

लगन किशोर के बेटे ने भी इस घटना को याद करते हुए कहा कि नेपाली कर्मियों ने उन्हें गाली देना शुरू कर दिया और उन्हें और उनके पिता को मारा, जिन्हें बाद में हिरासत में लिया गया था.

यह भी पढ़ें : बिहार : नेपाल पुलिस ने बंधक बनाए गए भारतीय को रिहा किया

किशोर के बेटे ने कहा सुरक्षाकर्मियों ने मुझे गाली देना शुरू कर दिया, लेकिन मैं उनकी भाषा नहीं समझ सका. हालांकि मेरे भाई की पत्नी ने उन्हें गाली नहीं देने के लिए कहा. उसके बाद वह आए. मैंने अपने पिता को घटना के बारे में बताया और वह उनसे भिड़ गए.

गौरतलब है कि नेपाल पुलिस इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश में है. इस मामले में कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है.

प्रत्यक्षदर्शी का बयान

मामले के प्रत्यक्षदर्शी सरोज का कहना है कि नेपाली पुलिस ने लगन किशोर को घसीटा. फायरिंग के बाद उन्होंने उसे अपने कब्जे में ले लिया. वहां क्रिकेट खेल रहे 10-12 लड़कों ने उसे बचाने की कोशिश की, जिसके बाद नेपाल पुलिस ने गोलियां चलाईं. हादसे में तीन को गोली लगी. एक की मौत हो गई.

लोगों में भय का माहौल

आम नागरिक पर नेपाल पुलिस की इस कार्रवाई से आसपास के लोगों में भय का माहौल है. स्थानीय लोगों ने घटना और नेपाल पुलिस के व्यवहार पर निराशा व्यक्त की है.

एक स्थानीय, अजीत कुमार ने कहा कि वह इस बात से हैरत में था कि आखिर नेपाल पुलिस ने ऐसा किया ही क्यों ?

अजीत कुमार ने कहा कि पहले ऐसी कोई समस्या नहीं थी. हमें नहीं मालूम कि उस दिन ऐसा क्या हुआ. गोलीबारी की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर यह जारी रहा, तो सीमा क्षेत्र के लोग कैसे रहेंगे? ऐसी घटना पहली बार हुई है. यहां के 80 फीसदी लोगों की शादी नेपाल में हुई है.

इस घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कुमार ने कहा कि नेपाल सरकार को शर्म आनी चाहिए.

नीतीश कुमार नाम के एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि कई सौ लोग वहां घटना के बाद एकत्र हुए.

क्या है मामला ?

सीतामढ़ी में भारत-नेपाल सीमा जारी तनाव के बीच शुक्रवार को नेपाल पुलिस के जवानों ने भारतीयों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. इस गोलीबारी में चार भारतीयों को गोली लगी. घटना में एक भारतीय की मौत हो गई थी. जबकि एक भारतीय को नेपाली सैनिकों ने अपने कब्जे में ले लिया था.

सीतामढ़ी : नेपाली सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीय युवक लगन किशोर को रिहा कर दिया गया है. रिहाई के बाद युवक ने कहा कि नेपाली पुलिस ने उसके साथ मारपीट की और राइफल की बट से मारा था. तीन दिन पहले नेपाली पुलिस उसे जबरदस्ती अपने साथ ले गई थी.

लगन किशोर को 12 जून की सुबह नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल ने अपने कब्जे में ले लिया था. नेपाल पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में तीन लोगों को गोली लगी थी. इसमें एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए.

घटना को याद करते हुए लगन किशोर बताते हैं कि गोलीबारी के दौरान वह सीमा के अंदर की तरफ भाग गया था लेकिन नेपाली पुलिस ने उसे राइफल की बट से मारा और उसे घसीटते हुए नेपाल के संग्रामपुर ले गए.

लगन किशोर के मुताबिक उस पर दबाव बनाया गया कि वह उस बात को स्वीकारे कि उसने नेपाल की सीमा में घुसने की कोशिश की थी.

बता दें लगन के बेटे की शादी नेपाल में हुई है 12 जून को उसकी बहू और मां सीतामढ़ी आईं थीं. हालांकि जब वह वापस नेपाल जाने लगी तो उनके रोक दिया गया. इसी बात पर लगन के बेटे और नेपाल पुलिस में कहासुनी हो गई. नेपाल पुलिस ने इस बीच लगन के बेटे को बहुत मारा.

जब यह बात लगन को पता लगी तो वह भी वहां आ गया जिसके बाद उसके साथ भी बदसलूकी की गई.

लगन ने बताया कि कुछ देर बात वहां फायरिंग शुरू हो गई.

लगन किशोर के बेटे ने भी इस घटना को याद करते हुए कहा कि नेपाली कर्मियों ने उन्हें गाली देना शुरू कर दिया और उन्हें और उनके पिता को मारा, जिन्हें बाद में हिरासत में लिया गया था.

यह भी पढ़ें : बिहार : नेपाल पुलिस ने बंधक बनाए गए भारतीय को रिहा किया

किशोर के बेटे ने कहा सुरक्षाकर्मियों ने मुझे गाली देना शुरू कर दिया, लेकिन मैं उनकी भाषा नहीं समझ सका. हालांकि मेरे भाई की पत्नी ने उन्हें गाली नहीं देने के लिए कहा. उसके बाद वह आए. मैंने अपने पिता को घटना के बारे में बताया और वह उनसे भिड़ गए.

गौरतलब है कि नेपाल पुलिस इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश में है. इस मामले में कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है.

प्रत्यक्षदर्शी का बयान

मामले के प्रत्यक्षदर्शी सरोज का कहना है कि नेपाली पुलिस ने लगन किशोर को घसीटा. फायरिंग के बाद उन्होंने उसे अपने कब्जे में ले लिया. वहां क्रिकेट खेल रहे 10-12 लड़कों ने उसे बचाने की कोशिश की, जिसके बाद नेपाल पुलिस ने गोलियां चलाईं. हादसे में तीन को गोली लगी. एक की मौत हो गई.

लोगों में भय का माहौल

आम नागरिक पर नेपाल पुलिस की इस कार्रवाई से आसपास के लोगों में भय का माहौल है. स्थानीय लोगों ने घटना और नेपाल पुलिस के व्यवहार पर निराशा व्यक्त की है.

एक स्थानीय, अजीत कुमार ने कहा कि वह इस बात से हैरत में था कि आखिर नेपाल पुलिस ने ऐसा किया ही क्यों ?

अजीत कुमार ने कहा कि पहले ऐसी कोई समस्या नहीं थी. हमें नहीं मालूम कि उस दिन ऐसा क्या हुआ. गोलीबारी की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर यह जारी रहा, तो सीमा क्षेत्र के लोग कैसे रहेंगे? ऐसी घटना पहली बार हुई है. यहां के 80 फीसदी लोगों की शादी नेपाल में हुई है.

इस घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कुमार ने कहा कि नेपाल सरकार को शर्म आनी चाहिए.

नीतीश कुमार नाम के एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि कई सौ लोग वहां घटना के बाद एकत्र हुए.

क्या है मामला ?

सीतामढ़ी में भारत-नेपाल सीमा जारी तनाव के बीच शुक्रवार को नेपाल पुलिस के जवानों ने भारतीयों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. इस गोलीबारी में चार भारतीयों को गोली लगी. घटना में एक भारतीय की मौत हो गई थी. जबकि एक भारतीय को नेपाली सैनिकों ने अपने कब्जे में ले लिया था.

Last Updated : Jun 15, 2020, 12:32 PM IST
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