रायपुर : छत्तीसगढ़ के रायपुर के सबसे बड़े अस्पताल मेकाहारा में मरीजों और उनके परिजनों को कई बार मुसीबतों का सामना करते देखा होगा, लेकिन कोरोना काल के बीच मेकाहारा अस्पताल की नर्सें खुद सिस्टम की लापरवाही से लड़ रही हैं. कोविड-19 के महामारी के दौर में यहां काम करने वाला स्टाफ ही यहां के प्रबंधन की अनदेखी का शिकार हो रहा है. मेकाहारा अस्पताल में तैनात नर्सों की जान से खिलवाड़ हो रहा है और स्वास्थ्य विभाग इस मामले में मौन है.
मेकाहारा में तैनात नर्सों ने बताया कि अस्पताल में लापरवाही की सारी हदें पार हो रही है. कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में शामिल फ्रंटलाइन वॉरियर्स की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसे में योद्धाओं का मनोबल टूट रहा है. साथ ही यहां आने वाले मरीजों के लिए भी खतरा पैदा हो रहा है.
कोविड वार्ड के पास डंप किया जा रहा यूज्ड PPE किट
नर्सों ने बताया कि कोविड-19 वार्ड में काम करने वाले कर्मचारियों के इस्तेमाल में लाए गए पीपीई किट और खाने के प्लेट को खुले में फेंक दिया जाता है. इसके अलावा अन्य मेडिकल वेस्ट को भी कोविड वार्ड के पास डंप किया जा रहा है. जबकि कोविड वार्ड से निकलने के बाद नर्स और अन्य स्टाफ खुद को उस इलाके में आकर सैनिटाइज करते हैं. ऐसे में पीपीई किट और अन्य सामानों को खुले में फेंकना लोगों के लिए खतरे की घंटी है.
बस में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने का नर्सों ने लगाया आरोप
नर्सों ने बताया कि इस महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है, खुद स्वास्थ्य महकमा इस संदेश को जोर-शोर से बांटता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अपने ही विभाग के मुलाजिमों के साथ अनदेखी कर रहा है. नर्सों को जिस बस में लाया जाता है, उसमें सोशल डिंस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जाती है. बस में भी सोशल डिस्टेंसिंग के बेसिक नियमों का पालन नहीं हो रहा है.
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कहीं भारी न पड़ जाए लापरवाही ?
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस बेलगाम हो गया है. हर रोज छत्तीसगढ़ में कोरोना के औसतन 150 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर कोरोना वॉरियर्स नर्सों को सुविधा नहीं देने का आरोप लग रहा है. जो चिंता का विषय है. ऐसे में कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के लिए यह लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए.