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एनसीआरबी रिपोर्ट : पंजाब आत्महत्या में अव्वल, कैदियों का मानवाधिकार सबसे अधिक हनन

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Published : Jan 10, 2020, 10:11 PM IST

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के आकड़े के अनुसार जाब में आत्महत्या करने वालों की संख्या 2017 में 1,481 से बढ़कर 2018 में 1,714 हो गई, जोकि भारत में दुर्घटना से होने वाली मौतों और आत्महत्याओं में पंजाब सबसे ऊपर है. सभी भारतीय राज्यों में बीमारी के कारण आत्महत्या के औसत प्रतिशत कुल संख्या 722 के मुकाबले पंजाब में सबसे अधिक है. जानें विस्तार से पंजाब में आत्महत्या का अपराधिक रिकॉर्ड...

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एनसीआरबी रिपोर्ट

नई दिल्ली : एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) 2018 रिपोर्ट के अनुसार विशेष और स्थानीय कानूनों के तहत संज्ञेय अपराध में जेलों से भागने, जेल में मौत और सजा सहित विभिन्न आंकड़ों में पंजाब सबसे ऊपर है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में आत्महत्या करने वालों की संख्या 2017 में 1,481 से बढ़कर 2018 में 1,714 हो गई, जोकि भारत में दुर्घटना से होने वाली मौतों और आत्महत्याओं में पंजाब सबसे ऊपर है. सभी भारतीय राज्यों में बीमारी के कारण आत्महत्या के औसत प्रतिशत कुल संख्या 722 के मुकाबले पंजाब में सबसे अधिक है.

रिपोर्ट के अनुसार जेल में कैदियों द्वारा कुल 129 आत्महत्या की गईं, जिनमें अधिकतम मामले पंजाब के थे. 2017 में 2018 से जेल में आत्महत्या करने वालों की संख्या 13 से बढ़कर 27 हो गई. साथ ही पंजाब में कैदियों के परोल से फरार होने के अधिकतम मामले भी सामने आए. कुल 343 कैदी पैरोल पर थे और फरार हो गए. उनमें अधिकतम 168 पंजाब के थे.

कैदियों को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग तक की शिकायतों में भी पंजाब अव्वल है. 2018 की रिपोर्ट के अनुसार 177 शिकायतें पंजाब मानवाधिकार आयोग के पास आई और उसके बाद तेलंगाना में 103 मामले थे. 2017 में पंजाब में यह 171 शिकायतें थीं.

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एनसीआरबी रिपोर्ट

पंजाब भी चार राज्यों में से एक था, जहां पर सामूहिक/पारिवारिक आत्महत्या के अधिकतम मामले दर्ज किए गए. ये चार राज्य तमिलनाडु (15), इसके बाद आंध्र प्रदेश (11), मध्य प्रदेश (9) और पंजाब और राजस्थान प्रत्येक में (6) थें.

इसे भी पढ़ें- एनसीआरबी रिपोर्ट : 2018 में हर दिन औसतन 80 हत्याएं और 91 बलात्कार

सड़क दुर्घटनाओं के बारे में बात करें तो 2017 में 6,322 घटनाओं के मुकाबले 2018 में 6,424 दुर्घटना हुई. वहीं पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

एनसीआरबी 2018 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 4,45,514 सड़क दुर्घटनाओं में 1,52,780 मौतें हुईं और इस दौरान 4,46,518 व्यक्ति घायल हुए. आम तौर पर सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की तुलना में अधिक चोटें आई हैं, लेकिन बिहार, पंजाब और उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की तुलना में मौतें अधिक हुईं है.

पंजाब में शराब और नारकोटिक्स से संबंधित अपराधों में विशेष और स्थानीय कानून (एसएलएल) के तहत अपराधियों की संख्या सबसे अधिक है. कुल 3574 अभियोग हैं, जो एसएलएल के तहत 40% कुल सजा का है. सर्वाधिक एसएलएल सजा वाले अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं.

नई दिल्ली : एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) 2018 रिपोर्ट के अनुसार विशेष और स्थानीय कानूनों के तहत संज्ञेय अपराध में जेलों से भागने, जेल में मौत और सजा सहित विभिन्न आंकड़ों में पंजाब सबसे ऊपर है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में आत्महत्या करने वालों की संख्या 2017 में 1,481 से बढ़कर 2018 में 1,714 हो गई, जोकि भारत में दुर्घटना से होने वाली मौतों और आत्महत्याओं में पंजाब सबसे ऊपर है. सभी भारतीय राज्यों में बीमारी के कारण आत्महत्या के औसत प्रतिशत कुल संख्या 722 के मुकाबले पंजाब में सबसे अधिक है.

रिपोर्ट के अनुसार जेल में कैदियों द्वारा कुल 129 आत्महत्या की गईं, जिनमें अधिकतम मामले पंजाब के थे. 2017 में 2018 से जेल में आत्महत्या करने वालों की संख्या 13 से बढ़कर 27 हो गई. साथ ही पंजाब में कैदियों के परोल से फरार होने के अधिकतम मामले भी सामने आए. कुल 343 कैदी पैरोल पर थे और फरार हो गए. उनमें अधिकतम 168 पंजाब के थे.

कैदियों को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग तक की शिकायतों में भी पंजाब अव्वल है. 2018 की रिपोर्ट के अनुसार 177 शिकायतें पंजाब मानवाधिकार आयोग के पास आई और उसके बाद तेलंगाना में 103 मामले थे. 2017 में पंजाब में यह 171 शिकायतें थीं.

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एनसीआरबी रिपोर्ट

पंजाब भी चार राज्यों में से एक था, जहां पर सामूहिक/पारिवारिक आत्महत्या के अधिकतम मामले दर्ज किए गए. ये चार राज्य तमिलनाडु (15), इसके बाद आंध्र प्रदेश (11), मध्य प्रदेश (9) और पंजाब और राजस्थान प्रत्येक में (6) थें.

इसे भी पढ़ें- एनसीआरबी रिपोर्ट : 2018 में हर दिन औसतन 80 हत्याएं और 91 बलात्कार

सड़क दुर्घटनाओं के बारे में बात करें तो 2017 में 6,322 घटनाओं के मुकाबले 2018 में 6,424 दुर्घटना हुई. वहीं पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

एनसीआरबी 2018 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 4,45,514 सड़क दुर्घटनाओं में 1,52,780 मौतें हुईं और इस दौरान 4,46,518 व्यक्ति घायल हुए. आम तौर पर सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की तुलना में अधिक चोटें आई हैं, लेकिन बिहार, पंजाब और उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की तुलना में मौतें अधिक हुईं है.

पंजाब में शराब और नारकोटिक्स से संबंधित अपराधों में विशेष और स्थानीय कानून (एसएलएल) के तहत अपराधियों की संख्या सबसे अधिक है. कुल 3574 अभियोग हैं, जो एसएलएल के तहत 40% कुल सजा का है. सर्वाधिक एसएलएल सजा वाले अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं.

Intro:Body:As per NCRB( National Crime Records Bureau) report 2018 released on Wednesday, Punjab tops in various statistics including escape from jails,prison deaths and convictions in SLL.


The total number of suicides in Punjab increased from 1,481 in 2017 to 1,714 in 2018 registering a rise of 15.7 per cent, according to the National Crime Records Bureau (NCRB) report on Accidental Deaths & Suicides in India, 2018. Punjab tops the states which exceeded the all Indian average percentage of suicides due to illness in the respective states with total number 722.

As per report total 129 suicides were committed by prisoners in Jail and maximum cases were from Punjab. The number of suicides in prison increased from 13 to 27 from 2017 to 2018. Also maximum cases of prisoners jumping parols and absconding were from Punjab. Out of total 343 prisoners who jumped the parole and absconded, maximum 168 were from Punjab.
Punjab also tops in complaints from prisoners to State Human Rights Commission. As per 2018 report 177 complaints were with Punjab Human rights Commission followed by Telangana with 103 cases. In 2017 it was 171 complaints in Punjab.

Punjab was also among four states where maximum cases of mass/family suicides were reported. These four states are from Tamil Nadu (15), followed by Andhra Pradesh (11), Madhya Pradesh (9) and Punjab and Rajasthan. (6 each).

Talking about the road accidents,from 6,322 in 2017 to 6,424 in 2018, Punjab reported an increase of 1.6 per cent in road accidents.

Across India, according to the NCRB report, 4,45,514 road accidents caused 1,52,780 deaths and injuries to 4,46,518 persons during 2018. “Generally road accidents have caused more injuries than deaths, but in Bihar, Punjab and Uttar Pradesh, road accidents caused more deaths as compared to persons injured.

Punjab also have highest number of convicts in jail related to Special and Local Laws(SLL) for commiting offences under Liquors and Narcotics related acts. There are total 3574 convictions which forms roughly 40% of total convictions under SLL. Other states with highest SLL convictions include Uttar Pradesh and Madhya Pradesh.

Conclusion:
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