मुंबई: एनसीपी के विधायक दल के नेता अजीत पवार ने कहा कि धनंजय मुंडे, जयंतराव पाटिल जैसे नेताओं के साथ बैठक की गई. बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन पर चर्चा की गई. अजीत पवार ने कहा कि राज्यपाल ने एनसीपी से भेंट करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने फोन कर बुलाया है, वे मिलने जा रहे हैं. मिलने का मकसद स्पष्ट नहीं है.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि शिवसेना राज्यपाल से मिली. अतिरिक्त समय की मांग की गई. बकौल नवाब मलिक, एनसीपी को सरकार गठन के लिए राजभवन बुलाया गया है. हमारे नेता राजभवन गए हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 18 दिन हो चुके हैं. जनता चाहती है कि स्थिर सरकार बने, लेकिन सीएम पद को लेकर बीजेपी-शिवसेना के बीच खींचतान के बाद राजभवन ने पहले बीजेपी और फिर शिवसेना को बुलाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद शरद पवार से और बातचीत किए जाने की बात सामने आई है.
नवाब मलिक ने कहा कि 24 घंटों के भीतर तीनों दलों के बीच जैसी आम सहमति बननी चाहिए थी, वैसी नहीं बनी.
बकौल नवाब मलिक, राजभवन से मिली समयसीमा कम थी, लेकिन समयसीमा खत्म होने के पहले शिवसेना सभी विधायकों के समर्थन का पत्र पेश नहीं कर सकी. इसके बाद राजभवन से हमें आमंत्रित किया गया है.
उन्होंने कहा कि एनसीपी के नेता राजभवन गए हैं. पत्र मिलने के बाद एनसीपी कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा करेगी. नवाब मलिक ने कहा कि एनसीपी गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस से चर्चा के बाद अंतिम फैसला करेगी.
इससे पहले महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर पार्टी की बैठक के बाद एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि हमने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है और हम कांग्रेस के लिए गए फैलसे के बाद की कोई निर्णय लेंगे. जब तक कांग्रेस का निर्णय नहीं आ जाता हमने कोई निर्णय नहीं लिया है.
पार्टी के नेता नवाब मलिक का कहना है कि उनका जो भी फैसला होगा कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद ही होगा. उन्होंने कहा कि एनसीपी सरकार बनाने को तैयार है. एनसीपी ने कहा कांग्रेस को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे. सरकार बनाना हमारी जिम्मेदारी है.
नवाब मलिक ने कहा कि, आज की बैठक में हमने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की. कांग्रेस की 4 बजे होने वाली बैठक के बाद ही दोनों पार्टी साथ में बैठकर सरकार बनाने पर बातचीत होगी.
एनसीपी का कहना है कि कांग्रेस के निर्णय के बाद ही एनसीपी कोई निर्णय ले पाएगी. महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. सरकार बनाने के लिए तीनों पार्टियों को एक साथ आना होगा.
इसी बीच एनडीए सरकार में शिवसेना के केंद्रीय मंत्री अरिवंद सावंत ने अपने पद से इस्तीफे का ऐलान किया है. वहीं, महाराष्ट्र में रविवार रात को भाजपा द्वारा सरकार बनाने से इनकार करने और शिवसेना द्वारा राज्य में अपने मुख्यमंत्री का दावा करने के बाद कांग्रेस में गतिविधियां तेज हो गई हैं.
वहीं एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि इस मीटिंग में पार्टी की रणनीति पर चर्चा होगी और मीडिया द्वारा मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बनाने की अभी से बात करना ठीक नहीं है.
वहीं शरद पवार ने शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफे से जुड़े सवाल पूछें जाने पर कहा कि मैं किसी के इस्तीफे के संबंध में कुछ भी नहीं कहुंगा. जो भी निर्णय लिया जाना है, हम आज उसपर कांग्रेस के साथ बातचीत करेंगे. कांग्रेस के साथ विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के सभी कांग्रेस विधायक रविवार को जयपुर पहुंच गए हैं और शिवसेना के नेतृत्व में सरकार गठन की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता भी बैठक में भाग ले रहे हैं.
पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के भी जयपुर पहुंचने की संभावना है. बैठक के बाद, कांग्रेस नेताओं के दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने की संभावना है.
सूत्रों ने बताया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं.
हालांकि, महाराष्ट्र में पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि शिवसेना को पहले भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर निकलना होगा, फिर उसको समर्थन देने पर कोई चर्चा होगी.
इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टी के नव-निर्वाचित विधायक राज्य में राजनीतिक रूख को लेकर आलाकमान से सलाह लेंगे.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हम जयपुर में हैं. हम मुद्दे पर यहां चर्चा करेंगे और भविष्य के राजनीतिक रूख पर सलाह लेंगे. पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है.' चव्हाण ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने के पक्ष में हैं.
इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात कर राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की.
अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और बालासाहेब थोराट जैसे वरिष्ठ नेताओं सहित सभी 44 विधायक महाराष्ट्र में सरकार बनाने के गतिरोध के मद्देनजर खरीद फरोख्त का शिकार होने के डर से कांग्रेस शासित राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक रिसॉर्ट में ठहरे हैं.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानसभा चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी शिवसेना को सरकार बनाने का रविवार को न्योता दिया.
सरकार बनाने से भाजपा के इनकार करने के कुछ घंटे बाद राज्यपाल ने यह कदम उठाया.
राजभवन के एक अधिकारी ने बताया, 'शिवसेना को सरकार बनाने पर सोमवार (11 नवंबर) शाम साढ़े सात बजे तक अपने रुख से राज्यपाल को अवगत कराना होगा.'
उल्लेखनीय है कि राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105, शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली. वहीं, विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को क्रमश: 44 और 54 सीटों पर जीत मिली है.