झज्जर : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में शिवसेना ने विवादों में घिरे शख्स को मैदान में उतारा है, जिसका नाम नवीन दलाल है. नवीन वही शख्स हैं, जिन पर JNU छात्र नेता उमर खालिद पर जानलेवा हमला करने का आरोप है. शिव सेना ने नवीन को बहादुरगढ़ से टिकट दिया है.
दरअसल, नवीन दलाल ने करीब 6 महीने पहले ही शिवसेना ज्वॉइन की थी और संप्रति शिवसेना के बहादुरगढ़ जिलाध्यक्ष हैं. नवीन फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और उनका केस कोर्ट में चल रहा है.
जेएनयू मामले को लेकर दलाल से ईटीवी भारत की बातचीत
नवीन दलाल ने कहा, 'JNU का मामला पूरी तरह से मिसगाइड था. क्योंकि हमारे कुछ साथियों ने बताया कि वहां पर कुछ स्टूडेंट्स का झगड़ा हो गया है तो हम वहां चले गए.'
उन्होंने कहा, 'हमारी उनसे पहले कभी मुलाकात नहीं हुई थी. वहां गये तो कुछ और ही नजर आया. वहां लड़ाई उनकी आपसी बात के कारण हो रही थी. हम वहां सिर्फ दोस्ती यारी के चक्कर से गये थे. नहीं तो हमारा ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था.'
उमर खालिद पर हमले का आरोप
नवीन दलाल ने अगस्त, 2018 में दरवेश शाहपुर के साथ मिलकर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर गोली चलाई थी. इस हमले में उमर खालिद बाल-बाल बच गये थे. हमले के दौरान बंदूक जाम हो गई थी. इसके बाद दलाल और शाहपुर वहां से फरार हो गये थे. उसके बाद उन्होंने एक वीडियो जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि 'देश को स्वतंत्रता दिवस का तोहफा था'.
देश सेवा के लिए गोरक्षा का रास्ता
नवीन दलाल अपने गांव में दंगल में हिस्सा लिया करते थे. साथ ही 60 किलो ग्राम कैटेगरी में वो स्टेट लेवल भी खेल चुके हैं, लेकिन 2010 में चोट लगने के कारण कुश्ती छोड़ दी थी. उनको फौज में जाने का मन था, जिसके लिए कई बार कोशिश भी की. लेकिन लिखित परीक्षा पास नहीं कर सके. फिलहाल देश के लिए कुछ करना चाहते थे तो गोरक्षा शुरू कर दी.
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चुनावी हलफनामें में दलाल की दलील
नवीन के खिलाफ तीन आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें खालिद पर हमले के संबंध में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एफआईआर भी शामिल है. दो अन्य मामले 2014 के हैं. बहादुरगढ़ में एक एफआईआर आईपीसी (दंगा) की धारा 147/149 के तहत और दूसरी दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दर्ज है.