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JNU छात्र नेता उमर खालिद पर हमले के आरोपित को शिवसेना का टिकट

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में प्रदेश में मुख्य रूप से बीजेपी, कांग्रेस, जेजेपी, इनेलो की बीच मुकाबला है. हालांकि, कई और क्षेत्रीय दलों ने भी यहां अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इस बीच महाराष्ट्र की पार्टी शिवसेना ने भी हरियाणा में अपना कैंडिडेट उतारा है, जिस पर JNU छात्र नेता उमर खालिद पर हमले का आरोप है.

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Published : Oct 9, 2019, 7:32 PM IST

हरियाणा विधानसभा चुनाव

झज्जर : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में शिवसेना ने विवादों में घिरे शख्स को मैदान में उतारा है, जिसका नाम नवीन दलाल है. नवीन वही शख्स हैं, जिन पर JNU छात्र नेता उमर खालिद पर जानलेवा हमला करने का आरोप है. शिव सेना ने नवीन को बहादुरगढ़ से टिकट दिया है.

दरअसल, नवीन दलाल ने करीब 6 महीने पहले ही शिवसेना ज्वॉइन की थी और संप्रति शिवसेना के बहादुरगढ़ जिलाध्यक्ष हैं. नवीन फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और उनका केस कोर्ट में चल रहा है.

जेएनयू मामले को लेकर दलाल से ईटीवी भारत की बातचीत
नवीन दलाल ने कहा, 'JNU का मामला पूरी तरह से मिसगाइड था. क्योंकि हमारे कुछ साथियों ने बताया कि वहां पर कुछ स्टूडेंट्स का झगड़ा हो गया है तो हम वहां चले गए.'

ईटीवी भारत से बातचीत करते नवीन दलाल

उन्होंने कहा, 'हमारी उनसे पहले कभी मुलाकात नहीं हुई थी. वहां गये तो कुछ और ही नजर आया. वहां लड़ाई उनकी आपसी बात के कारण हो रही थी. हम वहां सिर्फ दोस्ती यारी के चक्कर से गये थे. नहीं तो हमारा ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था.'

उमर खालिद पर हमले का आरोप
नवीन दलाल ने अगस्त, 2018 में दरवेश शाहपुर के साथ मिलकर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर गोली चलाई थी. इस हमले में उमर खालिद बाल-बाल बच गये थे. हमले के दौरान बंदूक जाम हो गई थी. इसके बाद दलाल और शाहपुर वहां से फरार हो गये थे. उसके बाद उन्होंने एक वीडियो जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि 'देश को स्वतंत्रता दिवस का तोहफा था'.

देश सेवा के लिए गोरक्षा का रास्ता
नवीन दलाल अपने गांव में दंगल में हिस्सा लिया करते थे. साथ ही 60 किलो ग्राम कैटेगरी में वो स्टेट लेवल भी खेल चुके हैं, लेकिन 2010 में चोट लगने के कारण कुश्ती छोड़ दी थी. उनको फौज में जाने का मन था, जिसके लिए कई बार कोशिश भी की. लेकिन लिखित परीक्षा पास नहीं कर सके. फिलहाल देश के लिए कुछ करना चाहते थे तो गोरक्षा शुरू कर दी.

ये भी पढ़ें : हरियाणा कांग्रेस को बड़ा झटका, आज बीजेपी ज्वॉइन करेंगे पूर्व मंत्री संपत सिंह

चुनावी हलफनामें में दलाल की दलील
नवीन के खिलाफ तीन आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें खालिद पर हमले के संबंध में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एफआईआर भी शामिल है. दो अन्य मामले 2014 के हैं. बहादुरगढ़ में एक एफआईआर आईपीसी (दंगा) की धारा 147/149 के तहत और दूसरी दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दर्ज है.

झज्जर : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में शिवसेना ने विवादों में घिरे शख्स को मैदान में उतारा है, जिसका नाम नवीन दलाल है. नवीन वही शख्स हैं, जिन पर JNU छात्र नेता उमर खालिद पर जानलेवा हमला करने का आरोप है. शिव सेना ने नवीन को बहादुरगढ़ से टिकट दिया है.

दरअसल, नवीन दलाल ने करीब 6 महीने पहले ही शिवसेना ज्वॉइन की थी और संप्रति शिवसेना के बहादुरगढ़ जिलाध्यक्ष हैं. नवीन फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और उनका केस कोर्ट में चल रहा है.

जेएनयू मामले को लेकर दलाल से ईटीवी भारत की बातचीत
नवीन दलाल ने कहा, 'JNU का मामला पूरी तरह से मिसगाइड था. क्योंकि हमारे कुछ साथियों ने बताया कि वहां पर कुछ स्टूडेंट्स का झगड़ा हो गया है तो हम वहां चले गए.'

ईटीवी भारत से बातचीत करते नवीन दलाल

उन्होंने कहा, 'हमारी उनसे पहले कभी मुलाकात नहीं हुई थी. वहां गये तो कुछ और ही नजर आया. वहां लड़ाई उनकी आपसी बात के कारण हो रही थी. हम वहां सिर्फ दोस्ती यारी के चक्कर से गये थे. नहीं तो हमारा ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था.'

उमर खालिद पर हमले का आरोप
नवीन दलाल ने अगस्त, 2018 में दरवेश शाहपुर के साथ मिलकर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर गोली चलाई थी. इस हमले में उमर खालिद बाल-बाल बच गये थे. हमले के दौरान बंदूक जाम हो गई थी. इसके बाद दलाल और शाहपुर वहां से फरार हो गये थे. उसके बाद उन्होंने एक वीडियो जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि 'देश को स्वतंत्रता दिवस का तोहफा था'.

देश सेवा के लिए गोरक्षा का रास्ता
नवीन दलाल अपने गांव में दंगल में हिस्सा लिया करते थे. साथ ही 60 किलो ग्राम कैटेगरी में वो स्टेट लेवल भी खेल चुके हैं, लेकिन 2010 में चोट लगने के कारण कुश्ती छोड़ दी थी. उनको फौज में जाने का मन था, जिसके लिए कई बार कोशिश भी की. लेकिन लिखित परीक्षा पास नहीं कर सके. फिलहाल देश के लिए कुछ करना चाहते थे तो गोरक्षा शुरू कर दी.

ये भी पढ़ें : हरियाणा कांग्रेस को बड़ा झटका, आज बीजेपी ज्वॉइन करेंगे पूर्व मंत्री संपत सिंह

चुनावी हलफनामें में दलाल की दलील
नवीन के खिलाफ तीन आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें खालिद पर हमले के संबंध में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एफआईआर भी शामिल है. दो अन्य मामले 2014 के हैं. बहादुरगढ़ में एक एफआईआर आईपीसी (दंगा) की धारा 147/149 के तहत और दूसरी दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दर्ज है.

Intro:जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद पर हमले के आरोपी नवीन दलाल उतरे चुनावी मैदान में
शिवसेना ने बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से बनाया उम्मीदवार
दिल्ली में साथी समेत उमर खालिद पर किया था हमला
हमले के बाद वीडियो संदेश भी किया था जारी
गौरक्षक सेना नाम से संगठन चलाता रहा है नवीन
गौरक्षा , संरक्षण और संवर्घन के लिये कई बार दिये हैं धरने
नवीन पर दिल्ली और बहादुरगढ़ में दर्ज हैं तीन आपराधिक मामले दर्ज।

नवीन ने कहा कि नेताओं और प्रशासन की बेरूखी से उतरे चुनावी मैदान में।Body:जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद पर हमले के आरोपी नवीन दलाल अब चुनावी मैदान में उतर आया है। शिवसेना ने बहादुरगढ़ विधानसभा से नवीन दलाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। नवीन दलाल भी जमकर चुनावी प्रचार कर रहे हैं। खुद को गौरक्षक बताने वाले नवीन दलाल ने गौरक्षक सेना नाम से संगठन भी बना रखा है जिसके बैनर तले बहादुरगढ़ में कई बार धरने प्रर्दशन भी किये हैं। नवीन दलाल ने अगस्त 2018 में दिल्ली के कांस्टिटूयशन क्लब में जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद पर अपने के साथ के साथ मिलकर हमला किया था। पिस्तौल जैम होने के कारण उमर खालिद बच गया था और नवीन मौके से अपने साथी दरवेश शाहपुर के साथ फरार हो गया था। हमले के बाद नवीन दलाल ने सोशल मीडिया पर एक विडियो जारी कर जेएनयू गैंग को पागल कुत्ते भी कहा था । भारत माता के खिलाफ नारे लगाने से नाराज होकर नवीन दलाल और उसके साथी ने ये काम किया था और विडियो के जरिये लोगों को ये हमला स्वतंत्रता दिवस का तोहफा भी बताया था। नवीन दलाल पर दिल्ली में उमर खालिद पर हमले और बहादुरगढ़ में भी दो आपराधिक मामले भी दर्ज है। नवीन दलाल का कहना है कि गौरक्षा के नाम पर नेताओं और प्रशासन ने कोई काम नही किया और इसी कारण उन्हे राजनीति में आना पड़ा है। नवीन दलाल ने उमर खालिद पर हुये हमले से भी अब पल्ला झाड़ते हुये कहा कि वो तो वहां किसी के साथ गये थे और उनकी आपसी विवाद में कोई बात हुई थी , उनका उससे कोई लेना देना नही है।
बाईट नवीन दलाल उम्मीदवार शिवसेना।
प्रदीप धनखड़
बहादुरगढ़। Conclusion: नवीन दलाल का कहना है कि गौरक्षा के नाम पर नेताओं और प्रशासन ने कोई काम नही किया और इसी कारण उन्हे राजनीति में आना पड़ा है। नवीन दलाल ने उमर खालिद पर हुये हमले से भी अब पल्ला झाड़ते हुये कहा कि वो तो वहां किसी के साथ गये थे और उनकी आपसी विवाद में कोई बात हुई थी , उनका उससे कोई लेना देना नही है।
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