हैदराबाद : चंद्रमा पर 4G नेटवर्क स्थापित करने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दूरसंचार प्रमुख नोकिया को एक अनुबंध दिया है. नोकिया ने पहले 4G/LTE नेटवर्क स्थापित करने की योजना बनाई है, जिसे बाद में 5G में परिवर्तित कर दिया जाएगा. नोकिया एक ऐसा नेटवर्क बनाना चाहता है जो लूनर रोवर्स और नेविगेशन के वायरलेस संचालन में मदद कर सके.
नोकिया, टिपिंग प्वॉइंट सिलेक्शन के तहत हस्ताक्षरित डॉलर 370 मिलियन मूल्य के अनुबंध का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाना है. नासा के अनुसार, चंद्रमा पर 4G/5G नेटवर्क स्थापित करने का विचार स्थलीय प्रौद्योगिकी (टेरेस्ट्रियल टेक्नोलॉजी) से प्रेरित है.
स्थलीय प्रौद्योगिकी (टेरेस्ट्रियल टेक्नोलॉजी)
स्थलीय प्रौद्योगिकी एक प्रकार की टेक्नोलॉजी है, जिसमें सैटेलाइट स्टेशन के स्थलीय (पृथ्वी-आधारित) ट्रांसमीटरों से सिंग्नल को रेडियो तरंगों द्वारा एक सैटेलाइट रिसीवर तक एंटीना के जरिए पहुंचाया जाता है.
टेरेस्ट्रियल वायरलेस कम्यूनिकेशन के जरिए आज हम रोजमर्रा के जीवन में काम कर पा रहे हैं. वाई-फाई वाले स्मार्टफोन और टैबलेट हम हर जगह लेकर चल सकते हैं, कारों में रेडियो सुन पाते हैं, घर पर फ्री-टू-एयर टेलीविजन कार्यक्रम देख सकते हैं, शहरों और दुनिया भर में सुरक्षित रूप से यात्रा करते हैं, एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं. इसी तकनीक को चांद्रमा पर 4G नेटवर्क के लिए उपयोग किया जाएगा.
नासा ने अपने मून मिशन के लिए स्पेसएक्स, लॉकहीड मार्टिन, नोकिया, सिएरा नेवादा, एसएसएल रोबोटिक्स, यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (यूएलए) सहित कुल 14 अमेरिकी कंपनियों को चुना है. इस मिशन के लिए कुल डॉलर 370 मिलियन का फंड आवंटित किया गया है. नासा का कहना है कि यह प्रणाली अधिक दूरी पर चंद्रमा की सतह पर संचार का समर्थन कर सकती है, गति बढ़ा सकती है और अधिक विश्वसनीयता प्रदान कर सकती है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का लक्ष्य टेक्नोलॉजी की एक श्रृंखला विकसित करना है, जिससे इस दशक के अंत तक चंद्रमा पर स्थायी आर्टेमिस संचालन का मार्ग प्रशस्त हो सके.
नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेनस्टाइन (NASA Administrator Jim Bridenstine) ने एक लाइव प्रसारण में कहा कि अगर नासा 2028 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर काम करते देखने के अपने लक्ष्य को पूरा करना चाहता है, तो उसे तेजी से नई तकनीकों को विकसित करना होगा.
नोकिया ने मून मिशन के लिए चुने जाने पर खुशी जाहिर की है. नोकिया की रिसर्च आर्म, बेल लैब्स (Bell Labs) ने ट्विटर पर कॉन्ट्रैक्ट मिलने की खुशी जाहिर करते हुए लिखा है, चंद्रमा के लिए 'टिपिंग प्वॉइंट' प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रमुख भागीदार के रूप में नासा द्वारा चुने जाने पर हम बेहद उत्साहित हैं. इससे चांद की सतह पर मानव की स्थायी उपस्थिति की दिशा में मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिलेगी.
क्या है नोकिया की भूमिका
नोकिया ने कहा कि अंतरिक्ष में पहली वायरलेस ब्रॉडबैंड संचार प्रणाली 2022 के अंत में चंद्रमा की सतह पर बनाई जाएगी. यह टेक्सास स्थित निजी स्पेस क्राफ्ट डिजाइन कंपनी, इंट्यूएटिव मशीन्स के साथ अपने लूनर लैंडर पर चंद्रमा तक उपकरण पहुंचाने के लिए साझेदार होगा.
नोकिया ने कहा कि नेटवर्क खुद को कॉन्फिगर करेगा और चंद्रमा पर 4G/LTE संचार प्रणाली स्थापित करेगा. हालांकि, इसका उद्देश्य अंततः 5G में परिवर्तित करने का है.
कंपनी के अनुसार यह नेटवर्क अंतरिक्ष यात्रियों को ऑडियो और वीडियो संचार करने में मदद करेगा. इसके अलावा टेलीमेट्री और बायोमेट्रिक डेटा एक्सचेंज के साथ लूनर रोवर्स और अन्य रोबोटिक उपकरणों की तैनाती और उनको कंट्रोल करने की अनुमति देगा.
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नोकिया ने आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए गूगल के साथ हाथ मिलाया है. नेटवर्क को लॉन्च और चंद्रमा पर लैंडिंग की स्थितियों का सामना करने और अंतरिक्ष में संचालित करने के लिए डिजाइन किया जाएगा. इसे आकार, वजन और बिजली बाध्यताओं को देखते हुए अंतरिक्ष में बेहद कॉम्पैक्ट रूप में भेजा जाना होगा.
नोकिया ने कहा कि पहले 4G/LTE नेटवर्क स्थापित किया जाएगा, क्योंकि इसकी प्रमाणित विश्वसनीयता है और बाद में इस 5G में परिवर्तित कर दिया जाएगा.
नासा की योजना
चंद्रमा पर मानवीय उपस्थिति बनाए रखने के लिए नासा एक चंद्र आधार (लूनर बेस) बनाने की योजना बना रहा है. अंतरिक्ष एजेंसी ने कुछ कंपनियों को क्रायोजेनिक फ्रीजिंग, रिमोट पावर जेनरेशन, ऊर्जा भंडारण, संचार, भूतल बिजली उत्पादन (सरफेस पावर जनरेशन), रोबोटिक्स और 4G स्थापित करने के लिए डॉलर 370 मिलियन आबंटित किए हैं. नासा के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी मिशन निदेशालय (एसटीएमडी) कंपनियों के साथ बातचीत करके पांच साल का एक अनुबंध जारी करेगा.