नई दिल्ली : कृषि क्षेत्र से संबंधित दो महत्वपूर्ण बिल रविवार को राज्य सभा में विपक्ष के हंगामे और प्रचंड विरोध के बीच पास हो गए. इन बिलों का किसान संगठन भी लगातार विरोध कर रहे हैं. पंजाब और हरियाणा में किसान इसके विरोध में सड़कों पर हैं.
बिल पास होने के बाद ईटीवी भारत ने देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से विशेष बातचीत की है. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह बिल किसानों के लिए ऐतिहासिक है और यह किसानों को अपनी मर्जी की कीमत पर फसल को बेचने की आजादी देगा.
विपक्ष द्वारा राज्य सभा में किए गए हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर घटिया राजनीति कर रही हैं. राज्य सभा में विपक्ष ने अलोकतांत्रिक तरीके को अपनाया, जिसकी सभी जगह आज निंदा हो रही है और आगे भी होती रहेगी.
किसानों को संदेश देते हुए तोमर ने कहा कि किसान किसी भी तरह के भ्रम में न रहें. यह बिल उनके लिए नए आयाम खोलने वाले हैं. अगर उन्हें किसी भी तरह की शंका है और वह सरकार के साथ चर्चा करना चाहते हैं तो कभी भी आ सकते हैं. वह खुद किसानों के साथ बैठकर बातचीत के लिए तैयार हैं.
किसान संगठनों और विपक्ष की यह मांग है कि अगर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में मौखिक रूप से आश्वस्त कर रही है तो एमएसपी को भी बिल में क्यों नहीं शामिल किया गया.
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इस सवाल पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एमएसपी कभी भी बिल का हिस्सा नहीं था और यह बिल कृषि व्यापार से संबंधित हैं. कांग्रेस पार्टी आज एमएसपी को बिल में शामिल करने की बात कह रही है तो क्यों अपने 50 साल से ज्यादा के राज में किसानों के लिए एमएसपी पर बिल नहीं लाई. आज जब उनकी सरकार नहीं है तब एमएसपी पर बिल लाने की बात कह रहे हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक बार फिर यह आश्वस्त किया कि किसानों के लिए एमएसपी की व्यवस्था आगे भी बनी रहेगी. वहीं, विपक्ष पर हमला बोलते हुए तोमर ने कहा कि विपक्ष केवल देश को गुमराह करने का काम कर रही है.