नई दिल्लीः सोमवार को पाकिस्तान स्थित गुरुनानक महल में तोड़फोड़ की खबर सामने आई थी, जिसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है. उन्होंने पाकिस्तान से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है. हालांकि, मामला तूल पकड़ने पर पाक ने इस पर स्पष्टीकरण दिया है.
पाकिस्तान ने कहा कि यहां पर गुरुनानक महल को क्षति नहीं पहुंचाई गई है. बल्कि इसके बगल का एक ढांचा है, उसके ढांचे को नुकसान पहुंचाया गया है. यह भी अवैध कार्रवाई है.
बता दें, पाक स्थित गुरुद्वारे की इमारत गिराए जाने की खबर आने के बाद भारतीय सिख समुदाय में आक्रोश का माहौल बना हुआ है.
पाकिस्तानी मीडिया द्वारा साझा जानकारी के मुताबिक इमारत ऐतिहासिक नहीं है और ना ही किसी भी तरह से गुरु नानक देव से संबंधित है. यह इमारत एक अमीर सिख व्यक्ति की बताई जा रही है, जिसका नाम नानक सिंह है, और माना जा रहा है कि 1947 में विभाजन के बाद वे भारत रवाना हो गए थे.
यह इमारत लगभग 400 साल पुरानी बताई जाती है और यह कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से बेची गई थी. नरोवाल सहायक आयुक्त के कार्यालय ने नानक महल बिल्डिंग को बेचने के लिए रांझा और पुन्नू के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की.
नानक महल को किसी अवैध कब्जे से बचाने के लिए सांस्कृतिक विरासत विभाग को सौंप दिया गया है.
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महल की चार मंजिला इमारत की दीवारों पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के चित्रों के साथ-साथ विभिन्न हिंदू शासकों के चित्र थे. इसकी दूरी लाहौर से लगभग सौ किलोमीटर की पर है.
इसमें 16 कमरे थे, और प्रत्येक में 3 दरवाजे थे, जो लकड़ी के बने हुए थे. कमरों पर फूलों की नक्काशी की गई थी. सभी कमरे हवादार थे, जिनकी दीवारों पर छोटे छोटे दीपक लगे हुए थे. साथ ही छतों में विभिन्न आकार के महंगे डाययर वुड बीम का इस्तेमाल किया गया था.
क्षेत्र के लोगों ने प्रधानमंत्री इमरान खान से अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.
पंजाब के बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुरू नानक महल को आंशिक तौर पर तोड़े जाने के मुद्दे को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने कड़ाई से उठाएं.