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हिमाचल प्रदेश : किन्नौर में ठंड से जमी नाको झील, पर्यटक उठा रहे लुत्फ

किन्नौर के नाको में इन दिनों तापमान माइनस 24 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया है, जिससे प्राकृतिक नाको झील पूरी तरह से जम चुकी है. इस कारण झील के आसपास के क्षेत्रों में काफी ठंड हो गई है.

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किन्नौर के पूह खण्ड में पर्यटन स्थल नाको
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Published : Dec 30, 2019, 8:42 PM IST

शिमला / किन्नौर : जनजातीय जिला किन्नौर के पूह खण्ड में पर्यटन स्थल नाको करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां कड़ाके की ठंड से नाको झील पूरी तरह से जम चुकी है. इन दिनों देश-विदेश से आए सैकड़ों पर्यटक स्केटिंग व सेल्फी के लिए इस झील में जा रहे हैं.

बता दें कि जिले के नाको में इन दिनों तापमान माइनस 24 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया है, जिससे प्राकृतिक नाको झील पूरी तरह से जम चुकी है और आसपास के क्षेत्र भी इस झील के जमने से काफी ठंडे हो गए हैं. नाको में प्राकृतिक झील हर वर्ष नवंबर महीने के बाद जमनी शुरू हो जाती है और मार्च महीने तक झील का पानी पत्थर की तरह सख्त हो जाता है, जिसपर पर्यटक इन दिनों खूब लुत्फ उठा रहे हैं.

किन्नौर में ठंड से जमी नाको झील.

पढ़ें : उत्तर भारत में ठंड और कोहरे से यातायात प्रभावित, 30 ट्रेनें लेट, उड़ानों पर भी असर

इन दिनों देश-विदेश से नाको आए सैकड़ों पर्यटक इस झील में स्केटिंग करने व झील के ऊपर अपनी तस्वीर खींचने जा रहे हैं. इस फिसलन भरी झील की परत के ऊपर सुबह से शाम तक पर्यटक घूमते दिखाई दे रहे हैं. रात को इस झील के पास खड़ा होना मुश्किल है. ऐसे में कोई व्यक्ति इस झील पर खड़ा हो जाए तो बीमार होने का खतरा बना रहता है

शिमला / किन्नौर : जनजातीय जिला किन्नौर के पूह खण्ड में पर्यटन स्थल नाको करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां कड़ाके की ठंड से नाको झील पूरी तरह से जम चुकी है. इन दिनों देश-विदेश से आए सैकड़ों पर्यटक स्केटिंग व सेल्फी के लिए इस झील में जा रहे हैं.

बता दें कि जिले के नाको में इन दिनों तापमान माइनस 24 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया है, जिससे प्राकृतिक नाको झील पूरी तरह से जम चुकी है और आसपास के क्षेत्र भी इस झील के जमने से काफी ठंडे हो गए हैं. नाको में प्राकृतिक झील हर वर्ष नवंबर महीने के बाद जमनी शुरू हो जाती है और मार्च महीने तक झील का पानी पत्थर की तरह सख्त हो जाता है, जिसपर पर्यटक इन दिनों खूब लुत्फ उठा रहे हैं.

किन्नौर में ठंड से जमी नाको झील.

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इन दिनों देश-विदेश से नाको आए सैकड़ों पर्यटक इस झील में स्केटिंग करने व झील के ऊपर अपनी तस्वीर खींचने जा रहे हैं. इस फिसलन भरी झील की परत के ऊपर सुबह से शाम तक पर्यटक घूमते दिखाई दे रहे हैं. रात को इस झील के पास खड़ा होना मुश्किल है. ऐसे में कोई व्यक्ति इस झील पर खड़ा हो जाए तो बीमार होने का खतरा बना रहता है

Intro:किन्नौर न्यूज़।

किन्नौर का नाको झील पूरी तरह गया जम,झील के ऊपर पर्यटक उठा रहे लुत्फ।

किन्नौर-जनजातीय जिला किंन्नौर के पूह खण्ड के तहत पर्यटन स्थल नाको जिसकी ऊंचाई करीब 35 सौ मीटर है जहां 12 महीने ठंड रहती है और यहां पर स्थित नाको झील समूचे देश मे प्रसिद्ध है।

बता दे कि जिला के नाको में इन दिनों तापमान माइंनस 24 डिग्री नीचे गिर रहा है ऐसे में यहां की प्राकृतिक नाको झील अब पूरी तरह जम चुकी है और अस्पास क क्षेत्र भी इस झील के झमने से काफी ठंडे हो गए है।

Body:नाको स्थित प्राकृतिक झील हर वर्ष नवम्बर महीने के बाद झमने शुरू होता है और मार्च महीने तक झील का पानी पत्थर की तरह सख्त हो जाता है जिसपर पर्यटक इन दिनों खूब लुत्फ उठा रहे है इस झील पर सैकड़ो लोग भी खड़े हो जाए तो इस झील को कोई प्रभाव नही पड़ता इन दिनों झील इतना जम चुका है कि इसपर भारी भरकम वाहन भी चलाया जाए तो भी इस झील का जमा पानी नही टूटता है।

Conclusion:इन दिनों देश विदेश से नाको में सैकड़ो पर्यटक इस झील के उर स्केटिंग खेलने व झील के ऊपर अपनी तस्वीर खिंचने आ रहे है और इस फिसलन भरे झील के परत के ऊपर सुबह से शाम तक लोग घूमते दिखाई दे रहे है बता दे कि रात को इस झील पर खड़ा होना मुश्किल है ऐसे में कोई व्यक्ति इस झील पर खड़ा हो जाए तो बीमार होने का खतरा बना रहता है।
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