नई दिल्ली : बिहार चुनाव जीतने के बाद अब भाजपा ने उत्तर पूर्वी राज्यों में पकड़ मजबूत करने के लिए मिशन बनाया है. पार्टी ने इसके लिए कमर कसनी शुरू कर दी है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का 100 दिन का कार्यक्रम तैयार है, इसकी शुरुआत नड्डा 26 नवंबर को असम से करेंगे. ये कार्यक्रम पार्टी मिशन 2024 को लेकर बनाया गया है.
जेपी नड्डा पार्टी के सभी विधायक, सांसद, मंत्री और तमाम पदाधिकारियों के साथ अलग से बैठक भी करेंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे. असम के बाद नड्डा मिजोरम जाएंगे. मेघालय और नगालैंड में भी पार्टी अध्यक्ष के कार्यक्रम तय किए गए हैं.
एक तरह से उत्तर पूर्वी राज्यों में कमल का शिकंजा कसने के लिए पार्टी का विस्तार कार्यक्रम बनाया गया है, इसके अलावा 100 दिन के प्रवास और रैली कार्यक्रम के दौरान कई अन्य राज्यों के प्रवास का बिजी कार्यक्रम है, जिसमें अगले साल चुनाव है.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के 100 दिन के प्रवास और रैली के कार्यक्रम की शुरुआत उन राज्यों से की जा रही है, जिन राज्यों में 2021 में चुनाव है. फिलहाल पांच राज्यों के कार्यक्रम पार्टी अध्यक्ष के तैयार कर लिए गए हैं.
पूर्वोत्तर राज्यों पर ज्यादा ध्यान
2021 और उसके बाद जिन राज्यों में चुनाव हैं उनमें बंगाल के बाद असम, केरला, पुडुचेरी, तमिलनाडु हैं. जल्दी ही इन राज्यों के कार्यक्रम तय किए जाएंगे, लेकिन सबसे पहले पूर्वोत्तर राज्यों पर पार्टी ध्यान दे रही है. यह सिर्फ विधानसभा चुनाव को देखते हुए नहीं नड्डा के इस प्रवास कार्यक्रम को अगले 2024 के आम चुनाव को देखते हुए तैयार किया गया है, यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय जनता पार्टी ने अभी से 2024 के मिशन की शुरुआत कर दी है.
भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में 2 दिन पूर्व जेपी नड्डा और संगठन मंत्री बीएल संतोष ने पूरे देश के नए पार्टी अध्यक्षों और पार्टी पदाधिकारियों को बुलाकर बैठक की थी. पार्टी प्रभारियों को अपने प्रभार वाले राज्य में लगातार दौरा करने के निर्देश दिए थे. नड्डा ने प्रभारियों को समझाया था कि वह स्टेट यूनिट के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में रहें. अंतर्विरोध को पार्टी मुख्यालय तक पहुंचने से पहले सुलझा लिया जाए.
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200 महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे
पार्टी सूत्रों का कहना है की नड्डा प्रवास के दौरान 200 महत्वपूर्ण व्यक्तियों से भी मुलाकात कर सकते हैं, जिनमें अध्यापक, मीडिया के लोग, लेखक, कलाकार, कार्यकर्ता निजी संगठनों के पदाधिकारी जैसे तमाम लोग शामिल किए जाएंगे. सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ सीएए को लेकर फैलाई गई अफवाहों को दूर करने की कोशिश होगी.