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तारिक फतेह ने कहा- जिन मुसलमानों को भारत में दिक्कत है वह पाकिस्तान चले जाएं - secularism and equality

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक तारिक फतेह ने कहा है कि सीएए से भारतीय नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यदि मुस्लिम देशों के बहुसंख्यकों भारत लाने के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है, तो बांग्लादेश और पाकिस्तान को भी देश में मिलाकर अखंड भारत का निर्माण करना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर.

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तारक फतेह
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Published : Dec 25, 2019, 9:34 PM IST

नई दिल्ली : देश में नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए) का विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वरिष्ठ पत्रकार और लेखक तारिक फतेह ने कहा है कि सीएए का प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है. यह तो प्रदर्शन कराने वाले लोगों के लिए बहाना है. सीएए से भारतीय नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सीएए से तकलीफ हो रही है, उनके मसले कुछ और हैं. जिन मुसलमानों को भारत में दिक्कत है वह पाकिस्तान चले जाएं.

तारिक फतेह का सीएए पर बयान.

फतेह ने कहा कि प्रदर्शन में कुछ पाकिस्तान की आईएसआईएस, इंटेलीजेंसी काम रही है. कुछ कट्टरवादी मुस्लिम जो जामिया मिलिया और अलीगढ़ विश्विद्यालय में बैठे हैं. वह कर रहे हैं. इन लोगों ने आज तक वास्तविक धर्म निरपक्षेता को स्वीकार नहीं किया है, वरना जमिया मिलिया में मुस्लिमों को 50 फीसदी आरक्षण कैसे मिलता?

उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अनुच्छेद 370, बाबरी मस्जिद को लेकर गुस्सा था वह इस पर निकाल रहे हैं, अन्यथा हर देश के कानून में बदलाव होता रहता है और कहीं भी प्रदर्शन नहीं होता है. कनाडा में भी समय-समय पर शरणार्थी कानून में बदलाव होता है, लेकिन वहां कोई बवाल नहीं होता है.

जब उनसे पूछा गया कि इस कानून में मुस्लिमों को क्यों नहीं मिलाया गया तो उन्होंने कहा कि जब भारत को विभाजित कर इस्लामिक देश बनाया गया तो वह क्यों यहां आना चाहते हैं. जब उन्हें वहां पर परेशानी हो रही है तो पाकिस्तान और बांग्लादेश को भारत में मिला लिया जाए और इससे अखंड भारत बन जाएगा और वो भी यहां पर आ जाएंगे.

पढ़ें : सीएए-एनआरसी के बाद आया NPR, जानें क्या है यह

उन्होंने कहा कि सीएए के बारे में विरोध करने वाले लोग झूठ बोल रहे हैं अन्यथा जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली में मौजूद नहीं होता और अल्लाह-हो अकबर उनका प्रतीक नहीं होता.

नई दिल्ली : देश में नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए) का विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वरिष्ठ पत्रकार और लेखक तारिक फतेह ने कहा है कि सीएए का प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है. यह तो प्रदर्शन कराने वाले लोगों के लिए बहाना है. सीएए से भारतीय नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सीएए से तकलीफ हो रही है, उनके मसले कुछ और हैं. जिन मुसलमानों को भारत में दिक्कत है वह पाकिस्तान चले जाएं.

तारिक फतेह का सीएए पर बयान.

फतेह ने कहा कि प्रदर्शन में कुछ पाकिस्तान की आईएसआईएस, इंटेलीजेंसी काम रही है. कुछ कट्टरवादी मुस्लिम जो जामिया मिलिया और अलीगढ़ विश्विद्यालय में बैठे हैं. वह कर रहे हैं. इन लोगों ने आज तक वास्तविक धर्म निरपक्षेता को स्वीकार नहीं किया है, वरना जमिया मिलिया में मुस्लिमों को 50 फीसदी आरक्षण कैसे मिलता?

उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अनुच्छेद 370, बाबरी मस्जिद को लेकर गुस्सा था वह इस पर निकाल रहे हैं, अन्यथा हर देश के कानून में बदलाव होता रहता है और कहीं भी प्रदर्शन नहीं होता है. कनाडा में भी समय-समय पर शरणार्थी कानून में बदलाव होता है, लेकिन वहां कोई बवाल नहीं होता है.

जब उनसे पूछा गया कि इस कानून में मुस्लिमों को क्यों नहीं मिलाया गया तो उन्होंने कहा कि जब भारत को विभाजित कर इस्लामिक देश बनाया गया तो वह क्यों यहां आना चाहते हैं. जब उन्हें वहां पर परेशानी हो रही है तो पाकिस्तान और बांग्लादेश को भारत में मिला लिया जाए और इससे अखंड भारत बन जाएगा और वो भी यहां पर आ जाएंगे.

पढ़ें : सीएए-एनआरसी के बाद आया NPR, जानें क्या है यह

उन्होंने कहा कि सीएए के बारे में विरोध करने वाले लोग झूठ बोल रहे हैं अन्यथा जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली में मौजूद नहीं होता और अल्लाह-हो अकबर उनका प्रतीक नहीं होता.

Intro:"People protesting about CAA are lying otherwise Jamia Millia Islamia would not exist in Delhi and Allah-hu-Akbar would not be on their emblem," said writer Tarak Fateh while commenting upon the nationwide protests which have been going on after the newly enacted Citizenship Ammendment Act was passed in the Parliament. He said that the Act doesn't affect the Indian citizens and hence the chaos going on is not related to the CAA.


Body:Adding further, Fateh said that it is for factors like Pakistan's ISI, Muslim extremists, people sitting in Jamia Millia and Aligarh University that the issues have arisen. "They have not been able to accept the reality of secularism and equality for which issues have come up. If Jamia would have accepted they won't have 50% reservation for muslims and Allah-hu-Akbar on their emblem," remarked Fateh.

Commenting further he said that it is "urban naxals", the communists with money, "millionare marxists" who haven't read any book or any law and have a problem with the CAA.

"Once you are an Islamic country cut out of India then why do muslims want to come back to India," asked the writer.

He said that they have realised that the "veto over the Indian society has been suddenly taken away".


Conclusion:Praising the Government for its move, Tarak Fateh said that," Once you have the government with a spine of steel."
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