नई दिल्ली : देश में नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए) का विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वरिष्ठ पत्रकार और लेखक तारिक फतेह ने कहा है कि सीएए का प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है. यह तो प्रदर्शन कराने वाले लोगों के लिए बहाना है. सीएए से भारतीय नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सीएए से तकलीफ हो रही है, उनके मसले कुछ और हैं. जिन मुसलमानों को भारत में दिक्कत है वह पाकिस्तान चले जाएं.
फतेह ने कहा कि प्रदर्शन में कुछ पाकिस्तान की आईएसआईएस, इंटेलीजेंसी काम रही है. कुछ कट्टरवादी मुस्लिम जो जामिया मिलिया और अलीगढ़ विश्विद्यालय में बैठे हैं. वह कर रहे हैं. इन लोगों ने आज तक वास्तविक धर्म निरपक्षेता को स्वीकार नहीं किया है, वरना जमिया मिलिया में मुस्लिमों को 50 फीसदी आरक्षण कैसे मिलता?
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अनुच्छेद 370, बाबरी मस्जिद को लेकर गुस्सा था वह इस पर निकाल रहे हैं, अन्यथा हर देश के कानून में बदलाव होता रहता है और कहीं भी प्रदर्शन नहीं होता है. कनाडा में भी समय-समय पर शरणार्थी कानून में बदलाव होता है, लेकिन वहां कोई बवाल नहीं होता है.
जब उनसे पूछा गया कि इस कानून में मुस्लिमों को क्यों नहीं मिलाया गया तो उन्होंने कहा कि जब भारत को विभाजित कर इस्लामिक देश बनाया गया तो वह क्यों यहां आना चाहते हैं. जब उन्हें वहां पर परेशानी हो रही है तो पाकिस्तान और बांग्लादेश को भारत में मिला लिया जाए और इससे अखंड भारत बन जाएगा और वो भी यहां पर आ जाएंगे.
पढ़ें : सीएए-एनआरसी के बाद आया NPR, जानें क्या है यह
उन्होंने कहा कि सीएए के बारे में विरोध करने वाले लोग झूठ बोल रहे हैं अन्यथा जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली में मौजूद नहीं होता और अल्लाह-हो अकबर उनका प्रतीक नहीं होता.