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बिहार चुनाव : मूलभूत सुविधाओं से महरूम वजीरगंज विधानसभा

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Published : Oct 20, 2020, 9:19 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 3:47 AM IST

गया जिले का वजीरगंज विधानसभा के स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि यहां पानी की काफी कमी है, पूरा क्षेत्र विकास से अछूता है. यहां मुस्लिम और हिंदू दोनों आबादी है, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं देता है और जब चुनाव का समय आता है, तो सभी फिर वही वादे लेकर आ जाते हैं.

वजीरगंज विधानसभा
वजीरगंज विधानसभा

पटना : बिहार के गया जिले का वजीरगंज विधानसभा विशेषकर मुस्लिम बहुल इलाके अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. यहां की हालत बहुत खराब है, जब ईटीवी भारत ने इन इलाकों का जायजा लिया, तो स्थानीय लोगों ने सरकार के सभी दावों की पोल खोल दी.

स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि यहां पानी की भारी कमी हैं, बावजूद स्थानीय विधानसभा सदस्य और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

स्थानीय लोगों का दावा है कि गया जिले के वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र में वर्षों से कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. कई गांव और मोहल्ले ऐसे हैं, जो अभी भी पिछड़े हुए हैं. वजीरगंज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पुलिस स्टेशन और स्कूल और कॉलेज, तो हैं लेकिन सड़कों की हालत काफी खराब है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लोगों ने कहा कि केवल चुनाव के समय ही नेता दिखाई देते हैं, पांच साल तक किसी ने इस इलाके की कोई सुध नहीं ली.

लोगों ने बताया की यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय की आबादी है, लेकिन सब की समस्याएं एक हैं. नल का पानी सड़क पर बह रहा है और सड़क टूट गई है.

65 वर्षीय मोहम्मद अजीमुद्दीन कहते हैं कि गरीबी और बेरोजगारी यहां एक गंभीर समस्या है. वर्षों से पानी की किल्लत है. नल-जल योजना के तहत पानी के लिए नल लगाए गए हैं, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं है.

उन्होंने कहा कि वह वर्षों से मतदान कर रहे हैं और फिर से करेंगे, लेकिन मतदान में दिलचस्पी होने का कोई विशेष कारण नहीं है, क्योंकि समस्याएं आज तक वैसी की वैसी हैं.

एक अन्य व्यक्ति ने पानी की आपूर्ति को सबसे बड़ी समस्या बताया और कहा कि विधानसभा के वर्तमान सदस्य ने वजीरगंज के लिए कुछ नहीं किया है.

एक युवा पब्लू आलम ने कहा कि मोहल्ले में दोनों समुदायों की आबादी है, यहां बिजली है, लेकिन बिजली के खंभे नहीं हैं. लोग बिजली का तार घर तक पहुंचाने के लिए पेड़ों का सहारा लेते हैं. उन्होंने कहा कि खराब सड़कें यहां की समस्या हैं ही, लेकिन पानी का संकट सबसे बड़ी समस्या है. गर्मी में दूर- दूर से पानी लाया जाता है.

वहीं, एक अन्य शख्स सुनील कुमार का कहना है कि नेता चुनाव प्रचार के सिलसिले में यहां पहुंचे हैं. जो लोग आए हैं उनमें कांग्रेस और भाजपा दोनों के उम्मीदवार हैं, लेकिन वह यहां के मुद्दों को खत्म करने को लेकर खुला आश्वासन नहीं दे पाए हैं.

इसके आलावा एक और स्थानीय निवासी मोहम्मद मशहूद का कहना है कि इलाके में कुछ काम किया गया है. इसलिए यहां चुनाव में एनडीए के खिलाफ महागठबंधन का मुकाबला हो सकता है.

पटना : बिहार के गया जिले का वजीरगंज विधानसभा विशेषकर मुस्लिम बहुल इलाके अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. यहां की हालत बहुत खराब है, जब ईटीवी भारत ने इन इलाकों का जायजा लिया, तो स्थानीय लोगों ने सरकार के सभी दावों की पोल खोल दी.

स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि यहां पानी की भारी कमी हैं, बावजूद स्थानीय विधानसभा सदस्य और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

स्थानीय लोगों का दावा है कि गया जिले के वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र में वर्षों से कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. कई गांव और मोहल्ले ऐसे हैं, जो अभी भी पिछड़े हुए हैं. वजीरगंज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पुलिस स्टेशन और स्कूल और कॉलेज, तो हैं लेकिन सड़कों की हालत काफी खराब है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लोगों ने कहा कि केवल चुनाव के समय ही नेता दिखाई देते हैं, पांच साल तक किसी ने इस इलाके की कोई सुध नहीं ली.

लोगों ने बताया की यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय की आबादी है, लेकिन सब की समस्याएं एक हैं. नल का पानी सड़क पर बह रहा है और सड़क टूट गई है.

65 वर्षीय मोहम्मद अजीमुद्दीन कहते हैं कि गरीबी और बेरोजगारी यहां एक गंभीर समस्या है. वर्षों से पानी की किल्लत है. नल-जल योजना के तहत पानी के लिए नल लगाए गए हैं, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं है.

उन्होंने कहा कि वह वर्षों से मतदान कर रहे हैं और फिर से करेंगे, लेकिन मतदान में दिलचस्पी होने का कोई विशेष कारण नहीं है, क्योंकि समस्याएं आज तक वैसी की वैसी हैं.

एक अन्य व्यक्ति ने पानी की आपूर्ति को सबसे बड़ी समस्या बताया और कहा कि विधानसभा के वर्तमान सदस्य ने वजीरगंज के लिए कुछ नहीं किया है.

एक युवा पब्लू आलम ने कहा कि मोहल्ले में दोनों समुदायों की आबादी है, यहां बिजली है, लेकिन बिजली के खंभे नहीं हैं. लोग बिजली का तार घर तक पहुंचाने के लिए पेड़ों का सहारा लेते हैं. उन्होंने कहा कि खराब सड़कें यहां की समस्या हैं ही, लेकिन पानी का संकट सबसे बड़ी समस्या है. गर्मी में दूर- दूर से पानी लाया जाता है.

वहीं, एक अन्य शख्स सुनील कुमार का कहना है कि नेता चुनाव प्रचार के सिलसिले में यहां पहुंचे हैं. जो लोग आए हैं उनमें कांग्रेस और भाजपा दोनों के उम्मीदवार हैं, लेकिन वह यहां के मुद्दों को खत्म करने को लेकर खुला आश्वासन नहीं दे पाए हैं.

इसके आलावा एक और स्थानीय निवासी मोहम्मद मशहूद का कहना है कि इलाके में कुछ काम किया गया है. इसलिए यहां चुनाव में एनडीए के खिलाफ महागठबंधन का मुकाबला हो सकता है.

Last Updated : Oct 26, 2020, 3:47 AM IST
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