नई दिल्ली : भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भारत सरकार के खिलाफ चीनी एप टिक-टॉक का पक्षकार बनने से इनकार कर दिया है. उन्होंने यह कहते हुए इनकार किया कि वह भारत सरकार के खिलाफ चीनी एप के लिए पेश नहीं होंगे.
गौरतलब है कि गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों में तनाव के हालात बने हुए हैं. ऐसे में भारत सरकार ने टिक-टॉक समेत चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिया.
सरकार ने कहा कि यह एप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं. बीते 29 जून को केंद्र सरकार ने अलग अलग तरीके के 59 मोबाइल एप को देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह रखने वाला बताते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें टिक टॉक, शेयरइट और वीचैट जैसे चीनी एप भी शामिल हैं.
आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉएड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल एप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं.
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इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एप 'उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें भारत के बाहर स्थित सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं.'
बयान में कहा गया, 'भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग, आखिरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आधात है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके लिए आपातकालीन उपायों की जरूरत है.'