नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कश्मीर में हालात सामान्य हो चुके हैं, वहां लोग अब मोबाइल फोन और इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन कश्मीर के चैन से कुछ लोग बेचैन हो जाते हैं. नकवी ने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद भी हालात सामान्य थे, लेकिन कुछ लोग अनुच्छेद 370 को AK-47 की तरह इस्तेमाल कर रहे थे.
नकवी ने ये बातें ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कुछ लोगों की आतंकवाद और अलगाववाद की सियासत खत्म हो गई थी. इस वजह से वह कश्मीर की जनता को भड़काने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन अब उनकी राजनीति कश्मीर में पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और कश्मीर के हालात सामान्य हो चुके हैं तो उनसे कश्मीर का चैन-ओ-अमन बर्दाश्त नहीं हो रहा.
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर से जब से अनुच्छेद 370 हटा है, तब से कुछ पार्टियों में काफी बेचैनी है क्योंकि कश्मीर के हर चुनाव में अनुच्छेद 370 और 35-A ही मुद्दा रहा है. नकवी ने कहा कि अब उन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि वह किस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ चुनावी मैदान में जाएं.
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उन्होंने कहा कि अब कश्मीर में लोगों की सुविधाओं के मद्देनजर यहां पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं भी बहाल कर दी गईं हैं और इससे प्रदेश की आवाम भी खुश है. लेकिन कुछ पार्टियां अब भी सियासत कर रही है. उन्होंने कहा कि जिन नेताओं को नजरबंद किया गया है, उनके परिजन प्रदेश में सियासत करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे भाजपा सरकार ने नाकाम कर दिया है.
नकवी ने अपनी बातचीत में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बयानों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को दूर करने में डोभाल की काफी अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद इंसान का ही नहीं बल्कि इंसानियत का भी दुश्मन है.