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राजस्थान में वायु प्रदूषण के कारण सबसे ज्यादा मौतें :विशेषज्ञ - 112.5 लोगों

देश में वायु प्रदूषण एक समस्या है. इसको दूर करने के प्रयास जारी हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि वायु प्रदूषण की वजह से राजस्थान में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर.
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Published : Aug 9, 2019, 10:41 AM IST

जयपुरः वायु प्रदूषण देश के लिए एक गंभीर समस्या है. इससे निपटने के लिए सरकार प्रयासरत है. दूसरी तरफ इसी विषय पर अस्थमा भवन के निदेशक वीरेंद्र सिंह का यह कहना है कि जब बात वायु प्रदूषण के कारण होनेवाली मौतों की आती है, तो राजस्थान इसमें शीर्ष पर है.

सिंह ने 'डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर-राजस्थान चैप्टर' की शुरुआत के मौके पर लेंसेट प्लांट हेल्थ रिपोर्ट 2018 का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में हर एक लाख की आबादी पर वायु प्रदूषण से 112.5 लोगों की मौत होती है, जो भारत में सबसे अधिक है.

राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश है, जहां प्रति लाख की आबादी पर 111.1 की मौत होती है

.उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि क्रोनिक ऑब्सट्रकटिव पल्मोनरी डिजिज (सीओपीडी) से होने वाली मौतें की सूची में भी राजस्थान शीर्ष पर है. साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान में हर एक साल की आबादी पर 24 की मौत अस्थमा से होती है.

दिल्ली स्थित लंग केयर फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंधक ट्रस्टी अरविन्द कुमार ने कहा कि प्रदूषण में वृद्धि एक राष्ट्रीय आपातकाल है , उन्होंने आगे कहा कि वायु प्रदूषण एक साइलेंट किलर है.

वायु प्रदुषण के कारण हर साल दुनिया में 4.2 मौतें इसके कारण होती है, यह सबसे बड़ी चुनौती है.

कुमार ने कहा, दिल्ली में सर्जरी के दौरान मैं ज्यादातर काले फेफड़े देखता हूं. दिल्ली में अब लोगों के फेफड़े गुलाबी रंग के नहीं रह गए हैं. यहां तक की बच्चों के फेफड़े में भी काले स्पॉट मिलते हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण अब देश का कोई भी व्यक्ति ध्रूमपान से बचा हुआ नहीं है.


पढ़ेंः76 भारतीय और 41 पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर दिल्ली पहुंची समझौता एक्सप्रेस

उन्होंने कहा कि फेफड़ों के कैंसर के पचास फीसदी मरीज ध्रूमपान नहीं करने वाले होते हैं.

स्थिति की गंभीरता बताते हुए पूर्व सांसद करन सिंह यादव ने कहा कि यहां तक कि बच्चे भी उतना धुंआ सांस में ले रहे हैं, जितना एक दिन में दस सिगरेट पीने से जाता है.

प्रदूषण को रोकने के उपाय पर जोर देते हुए जयपुर की मेयर विष्णु लता ने कहा, हमने पचास हजार पौधे लगाने तथा शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला किया है.

जयपुरः वायु प्रदूषण देश के लिए एक गंभीर समस्या है. इससे निपटने के लिए सरकार प्रयासरत है. दूसरी तरफ इसी विषय पर अस्थमा भवन के निदेशक वीरेंद्र सिंह का यह कहना है कि जब बात वायु प्रदूषण के कारण होनेवाली मौतों की आती है, तो राजस्थान इसमें शीर्ष पर है.

सिंह ने 'डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर-राजस्थान चैप्टर' की शुरुआत के मौके पर लेंसेट प्लांट हेल्थ रिपोर्ट 2018 का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में हर एक लाख की आबादी पर वायु प्रदूषण से 112.5 लोगों की मौत होती है, जो भारत में सबसे अधिक है.

राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश है, जहां प्रति लाख की आबादी पर 111.1 की मौत होती है

.उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि क्रोनिक ऑब्सट्रकटिव पल्मोनरी डिजिज (सीओपीडी) से होने वाली मौतें की सूची में भी राजस्थान शीर्ष पर है. साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान में हर एक साल की आबादी पर 24 की मौत अस्थमा से होती है.

दिल्ली स्थित लंग केयर फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंधक ट्रस्टी अरविन्द कुमार ने कहा कि प्रदूषण में वृद्धि एक राष्ट्रीय आपातकाल है , उन्होंने आगे कहा कि वायु प्रदूषण एक साइलेंट किलर है.

वायु प्रदुषण के कारण हर साल दुनिया में 4.2 मौतें इसके कारण होती है, यह सबसे बड़ी चुनौती है.

कुमार ने कहा, दिल्ली में सर्जरी के दौरान मैं ज्यादातर काले फेफड़े देखता हूं. दिल्ली में अब लोगों के फेफड़े गुलाबी रंग के नहीं रह गए हैं. यहां तक की बच्चों के फेफड़े में भी काले स्पॉट मिलते हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण अब देश का कोई भी व्यक्ति ध्रूमपान से बचा हुआ नहीं है.


पढ़ेंः76 भारतीय और 41 पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर दिल्ली पहुंची समझौता एक्सप्रेस

उन्होंने कहा कि फेफड़ों के कैंसर के पचास फीसदी मरीज ध्रूमपान नहीं करने वाले होते हैं.

स्थिति की गंभीरता बताते हुए पूर्व सांसद करन सिंह यादव ने कहा कि यहां तक कि बच्चे भी उतना धुंआ सांस में ले रहे हैं, जितना एक दिन में दस सिगरेट पीने से जाता है.

प्रदूषण को रोकने के उपाय पर जोर देते हुए जयपुर की मेयर विष्णु लता ने कहा, हमने पचास हजार पौधे लगाने तथा शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला किया है.

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राजस्थान में वायु प्रदूषण के कारण सबसे ज्यादा मौतें : विशेषज्ञ



अर्चना शर्मा (23:07) 





जयपुर, 8 अगस्त (आईएएनएस)| बात जब वायु प्रदूषण के कारण होनेवाली मौतों की आती है, तो राजस्थान इसमें शीर्ष पर है। अस्थमा भवन के निदेशक वीरेंद्र सिंह का यह कहना है।



सिंह ने 'डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर-राजस्थान चैप्टर' की शुरुआत के मौके पर लेंसेट प्लांट हेल्थ रिपोर्ट 2018 का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में हर एक लाख की आबादी पर वायु प्रदूषण से 112.5 लोगों की मौत होती है, जो भारत में सबसे अधिक है।



राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश है, जहां प्रति लाख की आबादी पर 111.1 की मौत होती है।



उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि क्रोनिक ऑब्सट्रकटिव पल्मोनरी डिजिज (सीओपीडी) से होने वाली मौतें की सूची में भी राजस्थान शीर्ष पर है। राज्य में हर एक साल की आबादी पर 24 की मौत अस्थमा से होती है।



दिल्ली स्थित लंग केयर फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंधक ट्रस्टी अरविन्द कुमार ने कहा कि प्रदूषण में वृद्धि एक राष्ट्रीय आपातकाल है, "वायु प्रदूषण एक साइलेंट किलर है। हर साल दुनिया में 4.2 मौतें इसके कारण होती है। यह सबसे बड़ी चुनौती है।"



कुमार ने कहा, "दिल्ली में सर्जरी के दौरान मैं ज्यादातर काले फेफड़े देखता हूं। दिल्ली में अब लोगों के फेफड़े गुलाबी रंग के नहीं रह गए हैं। यहां तक की बच्चों के फेफड़े में भी काले स्पॉट मिलते हैं।"



उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण अब देश का कोई भी व्यक्ति ध्रूमपान से बचा हुआ नहीं है।



उन्होंने कहा कि फेफड़ों के कैंसर के 50 फीसदी मरीज ध्रूमपान नहीं करने वाले होते हैं।



स्थिति की गंभीरता बताते हुए पूर्व सांसद करन सिंह यादव ने कहा कि यहां तक कि बच्चे भी उतना धुंआ सांस में ले रहे हैं, जितना एक दिन में 10 सिगरेट पीने से जाता है।



प्रदूषण को रोकने के उपाय पर जोर देते हुए जयपुर की मेयर विष्णु लता ने कहा, "हमने 50,000 पौधे लगाने तथा शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला किया है।"



--आईएएनएस


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