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बंदरों ने मचाया उत्पात, तो विभाग ने शुरू कर दी नसबंदी - नैनीताल में बंदरों की नसबंदी

नैनीताल वन विभाग के रानीबाग वाइल्डलाइफ ट्रांजिट रेस्क्यू सेंटर में 1000 बंदरों की नसबंदी कर दी गई. पढ़िए पूरी खबर.

बंदरों की नसबंदी
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Published : Jun 29, 2019, 6:56 PM IST

हल्द्वानी : बंदरों के आतंक से निजात पाने के लिए उत्तराखंड में नैनीताल वन विभाग के रानीबाग वाइल्डलाइफ ट्रांजिट रेस्क्यू सेंटर में 1,000 से अधिक बंदरों की नसबंदी की.

वन विभाग के कर्मी डॉ पराग मधुकर धकाते ने कहा है कि रानीबाग के आधुनिक बचाव केंद्र में 1,000 से अधिक बंदरों की सफलतापूर्वक नसबंदी की गई है.

धकाते ने कहा, ' हम जल्द ही हल्द्वानी के पूर्वी वन प्रभाग के पास बंदरों के लिए एक और बचाव केंद्र का निर्माण करेंगे. यह विशेष रूप से उस क्षेत्र में बंदरों को बाँझ बनाने और हल्द्वानी में बंदरों के आतंक को कम करने के लिए बनाया जा रहा है.'

वाइल्डलाइफ ट्रांजिट रेस्क्यू सेंटर

पढ़ें- नक्सल क्षेत्र में जंगली भैंसे का आतंक, अधिकारी ने साध रखी है चुप्पी

उन्होंने कहा, 'जैसे ही केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण दूसरे बचाव केंद्र के निर्माण की अनुमति देता है, वन विभाग इस दिशा में काम करना शुरू कर देगा.'

बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के आगरा में भी करीब 500 बंदरों की नसबंदी की गई थी.

हल्द्वानी : बंदरों के आतंक से निजात पाने के लिए उत्तराखंड में नैनीताल वन विभाग के रानीबाग वाइल्डलाइफ ट्रांजिट रेस्क्यू सेंटर में 1,000 से अधिक बंदरों की नसबंदी की.

वन विभाग के कर्मी डॉ पराग मधुकर धकाते ने कहा है कि रानीबाग के आधुनिक बचाव केंद्र में 1,000 से अधिक बंदरों की सफलतापूर्वक नसबंदी की गई है.

धकाते ने कहा, ' हम जल्द ही हल्द्वानी के पूर्वी वन प्रभाग के पास बंदरों के लिए एक और बचाव केंद्र का निर्माण करेंगे. यह विशेष रूप से उस क्षेत्र में बंदरों को बाँझ बनाने और हल्द्वानी में बंदरों के आतंक को कम करने के लिए बनाया जा रहा है.'

वाइल्डलाइफ ट्रांजिट रेस्क्यू सेंटर

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उन्होंने कहा, 'जैसे ही केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण दूसरे बचाव केंद्र के निर्माण की अनुमति देता है, वन विभाग इस दिशा में काम करना शुरू कर देगा.'

बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के आगरा में भी करीब 500 बंदरों की नसबंदी की गई थी.

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