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एलएसी पर हिंसा के बाद अतिरिक्त जवानों की तैनाती

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के करीब 2,000 अतिरिक्त जवानों को लद्दाख में गतिरोध के बीच चीन-भारत सीमा पर अग्रिम स्थलों पर सतर्कता बढ़ाने के लिए भेजा जा सकता है. पढे़ं खबर विस्तार से...

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आईटीबीपी के जवान
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Published : Jun 21, 2020, 9:17 AM IST

नई दिल्ली : सैन्य सूत्रों के अनुसार भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के अनेक क्षेत्रों में गंभीर गतिरोध के हालात बने हुए हैं. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन-भारत सीमा पर विभिन्न जगहों पर आईटीबीपी की करीब 20 कंपनियों (दो हजार जवानों) को तैनात किया जा सकता है.

इससे पहले शनिवार को भारत ने गलवान घाटी पर संप्रभुता के चीन के दावे को शनिवार को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पड़ोसी देश के 'बढ़ा-चढाकर किए गए और अमान्य' दावे स्वीकार्य नहीं हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हम इस दलील को स्वीकार नहीं करते कि भारत यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदल रहा है. इसके विपरीत हम यथास्थिति बनाकर रख रहे हैं.' उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र के अन्य इलाकों में एलएसी में घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन इन कोशिशों पर भारतीय पक्ष की ओर से यथोचित जवाब दिया गया.

यह भी पढ़ें: गलवान घाटी पर संप्रभुता का चीन का 'अमान्य' दावा अस्वीकार्य : भारत

श्रीवास्तव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बुधवार को फोन पर हुई बातचीत का उल्लेख भी किया.

चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर शनिवार को ही वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए 'पूरी तरह तैयार है' और 'उपयुक्त जगह पर तैनात है.'

यह भी पढ़ें: गलवान के बहादुरों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे : वायुसेना प्रमुख

तेलंगाना के डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए भदौरिया ने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे शूरवीरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी.

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना चीन की वायुसेना की क्षमता, उनके हवाई अड्डों, संचालनात्मक अड्डों और क्षेत्र में उनकी तैनाती से पूरी तरह अवगत है. उन्होंने कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए वायु सेना ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हालात को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं.

इससे पहले विगत 16-17 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लगी चीन की सीमा पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई थी.

यह भी पढ़ें: भारत-चीन तनाव : गलवान में हिंसा के बाद हिमाचल और उत्तराखंड में अलर्ट

बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की दरम्यानी रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. देर रात सैन्य सूत्रों के हवाले से आई खबरों में बताया गया था कि चीनी पक्ष में 43 लोग हताहत हुए हैं.

यह भी पढ़ें: सीमा पर हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, दुश्मन चीन के भी 43 सैनिक हताहत

अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से सामने आई खबरों के मुताबिक गलवान में हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर समेत 35 लोग भी मारे गए थे.

यह भी पढ़ें: एलएसी पर झड़प में चीनी कमांडर समेत 35 सैनिक ढेर

नई दिल्ली : सैन्य सूत्रों के अनुसार भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के अनेक क्षेत्रों में गंभीर गतिरोध के हालात बने हुए हैं. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन-भारत सीमा पर विभिन्न जगहों पर आईटीबीपी की करीब 20 कंपनियों (दो हजार जवानों) को तैनात किया जा सकता है.

इससे पहले शनिवार को भारत ने गलवान घाटी पर संप्रभुता के चीन के दावे को शनिवार को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पड़ोसी देश के 'बढ़ा-चढाकर किए गए और अमान्य' दावे स्वीकार्य नहीं हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हम इस दलील को स्वीकार नहीं करते कि भारत यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदल रहा है. इसके विपरीत हम यथास्थिति बनाकर रख रहे हैं.' उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र के अन्य इलाकों में एलएसी में घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन इन कोशिशों पर भारतीय पक्ष की ओर से यथोचित जवाब दिया गया.

यह भी पढ़ें: गलवान घाटी पर संप्रभुता का चीन का 'अमान्य' दावा अस्वीकार्य : भारत

श्रीवास्तव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बुधवार को फोन पर हुई बातचीत का उल्लेख भी किया.

चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर शनिवार को ही वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए 'पूरी तरह तैयार है' और 'उपयुक्त जगह पर तैनात है.'

यह भी पढ़ें: गलवान के बहादुरों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे : वायुसेना प्रमुख

तेलंगाना के डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए भदौरिया ने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे शूरवीरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी.

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना चीन की वायुसेना की क्षमता, उनके हवाई अड्डों, संचालनात्मक अड्डों और क्षेत्र में उनकी तैनाती से पूरी तरह अवगत है. उन्होंने कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए वायु सेना ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हालात को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं.

इससे पहले विगत 16-17 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लगी चीन की सीमा पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई थी.

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बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की दरम्यानी रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. देर रात सैन्य सूत्रों के हवाले से आई खबरों में बताया गया था कि चीनी पक्ष में 43 लोग हताहत हुए हैं.

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अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से सामने आई खबरों के मुताबिक गलवान में हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर समेत 35 लोग भी मारे गए थे.

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