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VIDEO: मानसून के दस्तक देते ही राजस्थान में बुरे हालात, सैकड़ों मवेशियों की मौत

मानसून के दस्तक देते ही राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हालात बिगड़ गए हैं. मानसून ने आम जनता के साथ-साथ जानवरों के हाल भी बेहाल कर दिए हैं. सैकड़ों भेड़ें तालाब में डूबने की वजह से मर गई. पढ़ें पूरी खबर......

मानसून की शुरुआत से ही चित्तौड़गढ़ के हालात खराब हुए
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Published : Jun 20, 2019, 12:08 AM IST

नई दिल्ली/ चित्तौड़गढः मानसून आने के साथ ही जिले में बीती रात भारी बारिश हुई. जिसके बाद हालात कुछ ऐसे बिगड़े कि नाले उफान पर आ गए. वहीं दूसरी ओर यात्रियों से भरी एक बस नाले में बुरी तरह से फंस गई.

बता दें एन वक्त पर रेस्कयू टीम घटनास्थल पर पहुंची, जिसके बाद फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

जिले की पहली ही बरसात में मानसून का खासा कहर देखने को मिला. मानसून के चलते एक तालाब में सैकड़ों भेड़ों की डूबने की वजह से मौत हो गई.

चित्तौड़गढ़ में भारी बारिश से बुरे हाल, देखें वीडियो

जिले के अलग अलग क्षेत्रों में बीती रात मानसून से कहर से पूरा जनजीवन प्रभावित हो गया.

बोदियाना नाले में उफान के कारण यात्रियों से भरी एक ट्रैवल्स बस फंस गई, जिसका रेस्क्यू कर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.

बीती रात हुए मानसून के इस तांडव के बाद प्रशासन ने नाले-नालियों में भरे पानी की निकासी का काम शुरू किया.

वहीं शहर के पास गाडरीयावास गांव के एक तालाब में पानी आ जाने से सैकड़ों भेड़ों की डूबने से मौत हो गई.

दरअसल मारवाड़ के चरवाहे जिले के विभिन्न स्थानों पर भेड़ें चराने के लिए हर साल की ही तरह इस साल भी आए हुए थे. जिले के घोसुण्डा बांध के आगे स्थित गाडरीयावास गांव के खाली तालाब में मंगलवार शाम से हजारों भेड़ें विचरण कर रही थी, जहां रात में अचानक भारी बारिश के चलते तालाब में पानी आ जाने से सभी भेड़ें पानी मे डूब गई. जिसके चलते मौके पर अफरा तफरी मच गई.

ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर भेड़ों को बचाने का प्रयास शुरू किया.

पढ़ेंः मानसून के आने से पहले निगम हुआ तैयार, चलाएगा जागरूकता अभियान

इधर सूचना मिलते ही राहत दल ने भी मौके पर पहुंच कर भेड़ों की नाव को बचाने का काम शुरू कर दिया.

आपको बता दें, नाव गोताखोरों की मदद से मृत और जिंदा भेड़ों को निकालने की कोशिश अब भी जारी है.

सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंच घटना के संबंध में जानकारी ली. मौके पर बचाव राहत दल भेड़ों को निकालने के प्रयास में जुटा हुआ है.

बारिश से शहर की सड़कें भी जलमग्न हो गई तो वहीं एनिकट उफान के साथ पूरे वेग से बहने लगे.

नई दिल्ली/ चित्तौड़गढः मानसून आने के साथ ही जिले में बीती रात भारी बारिश हुई. जिसके बाद हालात कुछ ऐसे बिगड़े कि नाले उफान पर आ गए. वहीं दूसरी ओर यात्रियों से भरी एक बस नाले में बुरी तरह से फंस गई.

बता दें एन वक्त पर रेस्कयू टीम घटनास्थल पर पहुंची, जिसके बाद फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

जिले की पहली ही बरसात में मानसून का खासा कहर देखने को मिला. मानसून के चलते एक तालाब में सैकड़ों भेड़ों की डूबने की वजह से मौत हो गई.

चित्तौड़गढ़ में भारी बारिश से बुरे हाल, देखें वीडियो

जिले के अलग अलग क्षेत्रों में बीती रात मानसून से कहर से पूरा जनजीवन प्रभावित हो गया.

बोदियाना नाले में उफान के कारण यात्रियों से भरी एक ट्रैवल्स बस फंस गई, जिसका रेस्क्यू कर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.

बीती रात हुए मानसून के इस तांडव के बाद प्रशासन ने नाले-नालियों में भरे पानी की निकासी का काम शुरू किया.

वहीं शहर के पास गाडरीयावास गांव के एक तालाब में पानी आ जाने से सैकड़ों भेड़ों की डूबने से मौत हो गई.

दरअसल मारवाड़ के चरवाहे जिले के विभिन्न स्थानों पर भेड़ें चराने के लिए हर साल की ही तरह इस साल भी आए हुए थे. जिले के घोसुण्डा बांध के आगे स्थित गाडरीयावास गांव के खाली तालाब में मंगलवार शाम से हजारों भेड़ें विचरण कर रही थी, जहां रात में अचानक भारी बारिश के चलते तालाब में पानी आ जाने से सभी भेड़ें पानी मे डूब गई. जिसके चलते मौके पर अफरा तफरी मच गई.

ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर भेड़ों को बचाने का प्रयास शुरू किया.

पढ़ेंः मानसून के आने से पहले निगम हुआ तैयार, चलाएगा जागरूकता अभियान

इधर सूचना मिलते ही राहत दल ने भी मौके पर पहुंच कर भेड़ों की नाव को बचाने का काम शुरू कर दिया.

आपको बता दें, नाव गोताखोरों की मदद से मृत और जिंदा भेड़ों को निकालने की कोशिश अब भी जारी है.

सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंच घटना के संबंध में जानकारी ली. मौके पर बचाव राहत दल भेड़ों को निकालने के प्रयास में जुटा हुआ है.

बारिश से शहर की सड़कें भी जलमग्न हो गई तो वहीं एनिकट उफान के साथ पूरे वेग से बहने लगे.

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बारिश ने बिगाड़े चित्तौड़ के हाल...आम जनता के साथ जानवर भी बेहाल 





मानसून  के शुरुआती दौर में ही बारिश ने चित्तौड़ के हाल बिगाड़ दिए हैं. आम जनता के साथ जानवर भी बेहाल नजर आ रहे हैं. तालाब में डूबने से सैकड़ों भेड़ों की जान चली गई. सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंच घटना के संबंध में जानकारी ली. मौके पर अब भी बचाव राहत दल भेड़ों को निकालने के प्रयास में जुटा हुआ है. 

चित्तौड़गढ. मानसून की दस्तक के साथ ही  जिले में बीती रात हुई भारी बारीश से हालात बिगड़ने के साथ ही नाले उफान पर आ गये. वहीं एक यात्री बस नाले में बुरी तरह फंस गई. रेस्क्यू टीम की मदद से यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. 

वहीं दूसरी ओर एक तालाब में डूबने से सैकड़ों भेड़ों की मौत हो गई. जिले में मानसून की पहली ही बरसात में  मंजर देखने लायक बना. जिले के विभिन्न क्षेत्रों सहित शहर में बीती रात हुई बरसात से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया. 

जिले में नदी के एनीकट छलक गए. वहीं बोदियाना नाले में उफान के कारण यात्रियों से भरी एक ट्रैवल्स बस फंस गई, जिसका रेस्क्यू कर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. प्रशासन द्वारा नाले नालियों में भरे पानी के निकासी का कार्य शुरू कराया. 

दूसरी ओर शहर के समीपस्थ गाडरीयावास गांव के एक तालाब में पानी आ जाने से सैकड़ों भेड़ों की डूबने से मौत हो गई. दरअसल मारवाड़ के चरवाहे जिले के विभिन्न स्थानों पर भेड़ें चराने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आए हुए थे. जिले के घोसुण्डा बांध के आगे स्थित गाडरीयावास गांव के खाली तालाब में मंगलवार शाम से हजारों भेड़ें विचरण कर रही थी, जहां रात में अचानक भारी बारिश के चलते तालाब में पानी आ जाने से सभी भेड़ें पानी मे डूब गई. जिसके चलते मौके पर अफरा तफरी मच गई.

 मौके पर ग्रामीणों ने पहुचकर भेड़ों को बचाने का प्रयास शुरू किया. इधर सूचना पर सवेरे से राहत दाल भी मौके पर पहुंच कर भेड़ों की जान बचाने में जुटा.  नाव गोताखोरों की मदद से मृत और जिंदा भेड़ो को निकालने का प्रयास अब भी जारी है.

सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंच घटना के संबंध में जानकारी ली. मौके पर  बचाव राहत दल भेड़ों को निकालने के प्रयास में जुटा हुआ है. बारिश से शहर की सड़कें भी जलमग्न हो गई तो वहीं एनिकट उफान के साथ पूरे वेग से बहने लगे. 


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