नई दिल्ली/ चित्तौड़गढः मानसून आने के साथ ही जिले में बीती रात भारी बारिश हुई. जिसके बाद हालात कुछ ऐसे बिगड़े कि नाले उफान पर आ गए. वहीं दूसरी ओर यात्रियों से भरी एक बस नाले में बुरी तरह से फंस गई.
बता दें एन वक्त पर रेस्कयू टीम घटनास्थल पर पहुंची, जिसके बाद फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
जिले की पहली ही बरसात में मानसून का खासा कहर देखने को मिला. मानसून के चलते एक तालाब में सैकड़ों भेड़ों की डूबने की वजह से मौत हो गई.
जिले के अलग अलग क्षेत्रों में बीती रात मानसून से कहर से पूरा जनजीवन प्रभावित हो गया.
बोदियाना नाले में उफान के कारण यात्रियों से भरी एक ट्रैवल्स बस फंस गई, जिसका रेस्क्यू कर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
बीती रात हुए मानसून के इस तांडव के बाद प्रशासन ने नाले-नालियों में भरे पानी की निकासी का काम शुरू किया.
वहीं शहर के पास गाडरीयावास गांव के एक तालाब में पानी आ जाने से सैकड़ों भेड़ों की डूबने से मौत हो गई.
दरअसल मारवाड़ के चरवाहे जिले के विभिन्न स्थानों पर भेड़ें चराने के लिए हर साल की ही तरह इस साल भी आए हुए थे. जिले के घोसुण्डा बांध के आगे स्थित गाडरीयावास गांव के खाली तालाब में मंगलवार शाम से हजारों भेड़ें विचरण कर रही थी, जहां रात में अचानक भारी बारिश के चलते तालाब में पानी आ जाने से सभी भेड़ें पानी मे डूब गई. जिसके चलते मौके पर अफरा तफरी मच गई.
ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर भेड़ों को बचाने का प्रयास शुरू किया.
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इधर सूचना मिलते ही राहत दल ने भी मौके पर पहुंच कर भेड़ों की नाव को बचाने का काम शुरू कर दिया.
आपको बता दें, नाव गोताखोरों की मदद से मृत और जिंदा भेड़ों को निकालने की कोशिश अब भी जारी है.
सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंच घटना के संबंध में जानकारी ली. मौके पर बचाव राहत दल भेड़ों को निकालने के प्रयास में जुटा हुआ है.
बारिश से शहर की सड़कें भी जलमग्न हो गई तो वहीं एनिकट उफान के साथ पूरे वेग से बहने लगे.