नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों की संसद में गैर-मौजूदगी को लेकर नाराजगी जताई. साथ ही उन्होंने रोस्टर ड्यूटी पूरी न करने वाले मंत्रियों के बारे में जानकारी मांगी. मोदी संसद में अनुपस्थित रहने को लेकर सांसदों की अक्सर खिंचाई करते हुए देखें गए हैं.
PM ने की पार्टी के संसदीय दल की बैठक
मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि जो मंत्री रोस्टर ड्यूटी में उपस्थित नहीं रहते हैं, उनके बारे में उसी दिन शाम तक उन्हें बताया जाए.
पहले भी नाराजगी जता चुके हैं मोदी
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने पूर्व में इस बात पर कई बार अप्रसन्नता जताई थी कि जब संसद का सत्र चल रहा होता है तो कई बार सांसद सदन में उपस्थित नहीं रहते. इस बार उन्होंने अपना ध्यान मंत्रियों की ओर केंद्रित करते हुए कहा कि संसद में भाग लेना केवल सांसदों का ही काम नहीं है.
'सभी के लिए चर्चाओं में भाग लेना अनिवार्य है'
सूत्रों ने बताया, 'जैसा की प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कह चुके हैं कि संसद सत्र में उपस्थिति के मामले में कोई भी अपवाद नहीं हो सकता है. सभी के लिए चर्चाओं में भाग लेना अनिवार्य है.' प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों से कहा कि उन्हें राजनीति के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी काम करना चाहिए, साथ ही जनता की समस्याओं को संसद में उठाना चाहिए.
सांसदों को दी जन संवेदनाओं से जुड़े मुद्दे उठाने की नसीहत
मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभाए और कुष्ठ एवं तपेदिक (TB) रोगों के उन्मूलन जैसे मानवीय संवेदनाओं से जुड़े मुद्दे उठायें. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी.
BJP में पहली बार जीते अधिकतर सांसद
वहीं, सूत्रों के अनुसार भाजपा संसदीय दल की बैठक में मोदी ने सांसदों से कहा कि पहली बार जो प्रभाव पड़ता है, उसका असर अंत तक बना रहता है. इस बार भाजपा में अधिकतर सांसद पहली बार जीत कर आए हैं.
सांसदों को दिल लगा कर काम करना चाहिए- PM मोदी
मोदी ने कहा कि सांसदों को अपने क्षेत्रों के विकास के लिए दिल लगा कर काम करना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने आज संसद भवन लाइब्रेरी में हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया. सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सामने जल संकट है और इसका हल खोजने के लिए सांसदों को काम करना चाहिए.
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संसद सत्र के दौरान सदन में उपस्थित रहेना जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसदों को अपने इलाके के अधिकारियों के साथ बैठक कर जनता की समस्याओं के बारे में बात करनी चाहिए. उन्होंने जोर दिया कि सांसदों और मंत्रियों को संसद में रहना चाहिए. उन्होंने सांसदों से कहा वे सरकारी काम और योजनाओं में बढ़-चढ़ कर भाग लें, सामाजिक कार्यों में हिस्सा लें और जब संसद सत्र चल रहा हो तो सदन में उपस्थित रहें.
सांसदों को सरकार की योजनाओं के बारे में जनता को बताना चाहिए
उन्होंने कहा कि सांसदों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर सरकार की योजनाओं के बारे में जनता को बताना चाहिए. जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि उन्हें मानवीय संवेदनाओं से जुड़े मुद्दों या सामाजिक विषयों को एक 'मिशन' के तौर पर लेना चाहिए और सांसद के रूप में अपना दायित्व निभाना चाहिए.
नरेंद्र मोदी ने किया महात्मा गांधी का स्मरण
मोदी ने महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कुष्ठ रोग और तपेदिक (टीबी) जैसे रोगों का उल्लेख किया. जोशी ने बताया कि मोदी ने सांसदों से कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ काम करें.
जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करें सांसद
उन्होंने आकांक्षी जिलों का जिक्र करते हुए सांसदों से कहा कि वे उनकी प्रगति के लिए अधिकारियों के साथ समन्वय करें. अल्पविकसित जिलों को आधिकारिक रूप से आकांक्षी जिलों का नाम दिया गया है. प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के लिए कोई एक नवोन्मेषी काम करें. जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करें और राजनीति के साथ-साथ सामाजिक काम भी करें.
सांसदों को पदयात्रा निकालने का मोदी ने दिया निर्देश
बता दें, बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी आदि मौजूद थे. गौरतलब है कि पिछले मंगलवार को हुई संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों को 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) से लेकर 31 अक्टूबर (सरदार पटेल जयंती) तक अपने-अपने क्षेत्र में 150 किलो मीटर पदयात्रा निकालने का निर्देश दिया था.