नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत मध्य प्रदेश में निर्मित 1.75 लाख आवासों का उद्घाटन किया. मोदी इस दौरान 'गृह प्रवेशम' कार्यक्रम में भी शामिल हुए. नए घर में प्रवेश करने से पहले गृह प्रवेश की परंपरा है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस आयोजन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए.
बता दें, यह सभी आवास कोविड-19 के संक्रमण काल के दौरान बनाए गए हैं या पूरा किए गए हैं.
वर्ष 2022 तक सभी को आवास कार्यक्रम के तहत 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत की गई थी. देशभर में अब तक 1.14 करोड़ आवास बनाए जा चुके हैं.
मध्य प्रदेश में इस योजना के तहत अब तक 17 लाख परिवार लाभांवित हुए हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लाभार्थी को सौ फीसदी अनुदान राशि के रूप में 1.20 लाख रुपये दिए जाते हैं. इसका 60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार वहन करती है जबकि 40 फीसदी राज्य सरकार. इस योजना के तहत 2022 तक देशभर में 2.95 आवासों के निर्माण की परिकल्पना है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पीएम ने मध्य प्रदेश में पौने दो लाख घरों में गृह प्रवेश कराया. इस मौके पर पीएम ने कहा कि जिनको आज अपना पक्का घर मिला है, अपने सपनों का घर मिला है. जिनका गृह-प्रवेश हो रहा है, उनको भी मैं बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं. अभी ऐसे साथियों से मेरी चर्चा हुई, जिनको आज अपना पक्का घर मिला है, अपने सपनों का घर मिला है.
'नीयत से बनी सरकारी योजनाएं होती हैं साकार'
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस बार आप सभी की दीवाली, आप सभी के त्योहारों की खुशियां कुछ और ही होंगी. कोरोना काल नहीं होता तो आज आपके जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने के लिए, आपके घर का एक सदस्य, आपका प्रधानसेवक आपके बीच होता. आज का यह दिन करोड़ों देशवासियों के उस विश्वास को भी मजबूत करता है कि सही नीयत से बनाई गई सरकारी योजनाएं साकार भी होती हैं और उनके लाभार्थियों तक पहुंचती भी हैं.
'आपदा को अवसर में बदलने का उत्तम उदाहरण'
उन्होंने कहा कि जिन साथियों को आज अपना घर मिला है, उनके भीतर के संतोष, उनके आत्मविश्वास को मैं अनुभव कर सकता हूं. सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन का समय लगता है. कोरोना के इस काल में पीएम आवास योजना के तहत घरों को सिर्फ 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया गया है. आपदा को अवसर में बदलने का ये बहुत ही उत्तम उदाहरण है.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान
मोदी ने कहा कि इस तेजी में बहुत बड़ा योगदान रहा शहरों से लौटे हमारे श्रमिक साथियों का. हमारे इन साथियों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान का पूरा लाभ उठाते हुए अपने परिवार को संभाला और अपने गरीब भाई-बहनों के लिए घर भी तैयार करके दे दिया. मुझे संतोष है कि पीएम गरीब कल्याण अभियान से मध्य प्रदेश सहित देश के अनेक राज्यों में करीब 23 हज़ार करोड़ रुपये के काम पूरे किए जा चुके हैं.
'नई सोच के साथ योजना लागू'
पीएम ने कहा कि गरीब कल्याण अभियान के तहत घर तो बन ही रहे हैं, हर घर जल पहुंचाने का काम हो, आंगनबाड़ी और पंचायत के भवनों का निर्माण हो, पशुओं के लिए शेड बनाना हो, तालाब और कुएं बनाना हो, ग्रामीण सड़कों का काम हो, गांव के विकास से जुड़े ऐसे अनेक काम तेज़ी से किए गए हैं. 2014 में पुराने अनुभवों का अध्ययन करके, पहले पुरानी योजना में सुधार किया गया और फिर प्रधानमंत्री आवास योजना के रूप में बिल्कुल नई सोच के साथ योजना लागू की गई.
'वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया'
उन्होंने आगे कहा कि इसमें लाभार्थी के चयन से लेकर गृह प्रवेश तक पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई. पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही है. अब किसी की इच्छा के अनुसार लिस्ट में नाम जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता. यन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है. सामग्री से लेकर निर्माण तक, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध और उपयोग होने वाले सामानों को भी प्राथमिकता दी जा रही है.
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'हर चरण की पूरी मॉनिटरिंग'
पीएम मोदी ने कहा कि घर के डिजाइन भी स्थानीय जरूरतों के मुताबिक तैयार और स्वीकार किए जा रहे हैं. पूरी पारदर्शिता के साथ हर चरण की पूरी मॉनिटरिंग के साथ लाभार्थी खुद अपना घर बनाता है. प्रधानमंत्री आवास योजना हो या स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालय हों, इनसे गरीब को सुविधा तो मिल ही रही है, बल्कि यह रोजगार और सशक्तिकरण का भी बड़ा माध्यम है. विशेष तौर पर हमारी ग्रामीण बहनों के जीवन को बदलने में भी यह योजनाएं अहम भूमिका निभा रही हैं.
'छह लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा'
पीएम ने कहा, '15 अगस्त को लाल किले से मैंने कहा था कि आने वाले एक हज़ार दिनों में देश के करीब छह लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा किया जाएगा. पहले देश की ढाई लाख पंचायतों तक फाइबर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था, अब इसको गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है. कोरोना काल में भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत सिर्फ कुछ हफ्तों में देश में 116 ज़िलों में 5,000 किलोमीटर से ज़्यादा का ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा चुका है.'