नई दिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की व्यवस्थित ढंग से उपेक्षा कर रही है तथा इन वर्गों के लिए बजट आवंटन में कटौती की गई है.
सदन में वर्ष 2020-21 के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस कोडिकुनिल सुरेश ने यह दावा भी किया कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक इस सरकार में दलितों के खिलाफ अपराध के मामले बढ़े हैं.
उन्होंने कहा कि एससी और एसटी को न सिर्फ समाज, बल्कि सरकार की तरफ से भी भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. पहले एससी-एसटी कानून को कमजोर करने का प्रयास हुआ और अब नियुक्तियों एवं पदोन्नति में उनके आरक्षण को निशाना बनाया जा रहा है.
सुरेश ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार एससी और एसटी की व्यवस्थित ढंग से उपेक्षा कर रही है.
उन्होंने कहा कि पिछले बजट में अनुसूचित जाति और जनजातियों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं के लिए न सिर्फ बजट में कटौती की गई, बल्कि आवंटित राशि को भी पूरी तरह खर्च नहीं किया गया.
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि एनसीआरबी के आंकड़ों से स्पष्ट है कि इस सरकार में रोजाना औसत पांच दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है, हर सप्ताह पांच दलित घरों में आग लगाई जाती है तथा इस वर्ग के लोगों को दूसरे अपराधों का भी सामना करना पड़ रहा है.
सुरेश ने कहा कि नीति आयोग जैसी अहम संस्था में भी एससी और एसटी वर्ग को कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है.