नई दिल्ली : माकपा ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रवासी मजदूरों से जुड़े ज्वलंत मुद्दों और लाखों भारतीयों के समक्ष उत्पन्न भुखमरी जैसे मुद्दों का समाधान करने में विफल रहे.
पार्टी की यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन और 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा के बाद आई.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह नहीं बताया गया कि पैकेज का इस्तेमाल किस तरह किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर भारत को आत्म-निर्भर बनाने में मदद के लिए मंगलवार को कुल 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की और स्थानीय कारोबारों को प्रोत्साहित करने की वकालत की. इस बीच देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या 74 हजार के पार चली गई है.
देश में कोरोना वायरस से अब तक 2,300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, वहीं करीब 24 हजार लोग इस बीमारी से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं.
कोविड-19 संकट पर देश को अपने तीसरे संबोधन में मोदी ने कहा कि 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण भी लागू किया जाएगा पर यह पहले के तीन चरणों से काफी अलग होगा और इसका 'रंग-रूप' नया होगा.
पढ़ें-आर्थिक पैकेज को लेकर शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण