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26 जनवरी को तिरंगे के अपमान से बहुत दुखी हुआ: मोदी

73वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ 15 दिन में भारत अपने 30 लाख से ज्यादा कोरोना योद्धाओं का टीकाकरण कर चुका है जबकि अमेरिका जैसे समृद्ध देश को इसी काम में 18 दिन लगे थे और ब्रिटेन को 36 दिन.

73rd session of mann ki baat
मन की बात में बोले पीएम मोदी
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Published : Jan 31, 2021, 1:02 PM IST

नई दिल्ली: 73वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने लाल किला हिंसा पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का सालभर मजबूती से मुकाबला करने के बाद भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है, लेकिन इस सबके बीच 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन लालकिले पर हुई घटना से देश बहुत दुखी हुआ. प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 73वीं कड़ी को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि कोरोना टीकाकरण के मामले में भारत आज आत्मनिर्भर हो गया है और भारत जितना सक्षम होगा, उतना ही अधिक दुनिया को लाभ होगा.

मन की बात में बोले पीएम मोदी

नए साल में जनवरी के महीने के दौरान मनाए गए पर्व व त्योहारों के साथ अन्य घटनाओं व कायर्क्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सबके बीच, दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश बहुत दुखी भी हुआ. प्रधानमंत्री ने 23 जनवरी को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाए जाने और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की ‘शानदार परेड’ का भी जिक्र किया.

उन्होंने भारतीय क्रिक्रेट टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में मिली जीत का भी उल्लेख किया. इस कड़ी में प्रधानमंत्री ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा संसद के संयुक्त सत्र में हुए संबोधन और पद्म पुरस्कारों की घोषणा का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इस साल भी पुरस्कार पाने वालों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है और अपने कामों से किसी का जीवन बदला है, देश को आगे बढ़ाया है.

मोदी ने कहा कि यानी, जमीनी स्तर पर काम करने वाले अनजाने चेहरों को पद्म सम्मान देने की जो परंपरा देश ने कुछ वर्ष पहले शुरू की थी, वो, इस बार भी कायम रखी गई है. कोरोना के खिलाफ चल रहे देशव्यापी टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि संकट के समय में भारत दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि आज वह दवाओं और टीके को लेकर आत्मनिर्भर है. उन्होंने कहा कि यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है. भारत, जितना सक्षम होगा, उतनी ही अधिक मानवता की सेवा करेगा, उतना ही अधिक लाभ दुनिया को होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ 15 दिन में भारत अपने 30 लाख से ज्यादा कोरोना योद्धाओं का टीकाकरण कर चुका है जबकि अमेरिका जैसे समृद्ध देश को इसी काम में 18 दिन लगे थे और ब्रिटेन को 36 दिन. उन्होंने कहा कि जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है, वैसे ही अब हमारा टीकाकरण अभियान भी दुनिया में एक मिसाल बन रहा है. मोदी ने कहा कि ‘मेड इन इंडिया’ टीके आज भारत की आत्मनिर्भरता का तो प्रतीक हैं ही, भारत के, आत्मगौरव का भी प्रतीक हैं.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है. हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया और इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि के आधुनिकीकरण के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है और इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, ये प्रयास जारी रहेंगे.

नई दिल्ली: 73वीं बार मन की बात में पीएम मोदी ने लाल किला हिंसा पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का सालभर मजबूती से मुकाबला करने के बाद भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है, लेकिन इस सबके बीच 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन लालकिले पर हुई घटना से देश बहुत दुखी हुआ. प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 73वीं कड़ी को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि कोरोना टीकाकरण के मामले में भारत आज आत्मनिर्भर हो गया है और भारत जितना सक्षम होगा, उतना ही अधिक दुनिया को लाभ होगा.

मन की बात में बोले पीएम मोदी

नए साल में जनवरी के महीने के दौरान मनाए गए पर्व व त्योहारों के साथ अन्य घटनाओं व कायर्क्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सबके बीच, दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश बहुत दुखी भी हुआ. प्रधानमंत्री ने 23 जनवरी को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाए जाने और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की ‘शानदार परेड’ का भी जिक्र किया.

उन्होंने भारतीय क्रिक्रेट टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में मिली जीत का भी उल्लेख किया. इस कड़ी में प्रधानमंत्री ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा संसद के संयुक्त सत्र में हुए संबोधन और पद्म पुरस्कारों की घोषणा का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इस साल भी पुरस्कार पाने वालों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है और अपने कामों से किसी का जीवन बदला है, देश को आगे बढ़ाया है.

मोदी ने कहा कि यानी, जमीनी स्तर पर काम करने वाले अनजाने चेहरों को पद्म सम्मान देने की जो परंपरा देश ने कुछ वर्ष पहले शुरू की थी, वो, इस बार भी कायम रखी गई है. कोरोना के खिलाफ चल रहे देशव्यापी टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि संकट के समय में भारत दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि आज वह दवाओं और टीके को लेकर आत्मनिर्भर है. उन्होंने कहा कि यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है. भारत, जितना सक्षम होगा, उतनी ही अधिक मानवता की सेवा करेगा, उतना ही अधिक लाभ दुनिया को होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ 15 दिन में भारत अपने 30 लाख से ज्यादा कोरोना योद्धाओं का टीकाकरण कर चुका है जबकि अमेरिका जैसे समृद्ध देश को इसी काम में 18 दिन लगे थे और ब्रिटेन को 36 दिन. उन्होंने कहा कि जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है, वैसे ही अब हमारा टीकाकरण अभियान भी दुनिया में एक मिसाल बन रहा है. मोदी ने कहा कि ‘मेड इन इंडिया’ टीके आज भारत की आत्मनिर्भरता का तो प्रतीक हैं ही, भारत के, आत्मगौरव का भी प्रतीक हैं.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है. हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया और इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि के आधुनिकीकरण के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है और इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, ये प्रयास जारी रहेंगे.

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