नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा-पत्र जारी किया. इस संकल्प पत्र में किसानों को मुख्य केन्द्र में रख बीजेपी उनके लिए अपार सौगोतों के संकल्प लेकर आई. इसके अनुसार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है.
घोषणा-पत्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सारे किसानों को वित्तीय सहायता सुनिष्चित करने की दिशा में कार्य करने की बात भी कही गई है. इसके अलावा 60 वर्ष की आयु के उपरांत सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छोटे और सीमांत किसानों हेतु पेंशन योजना की भी घोषणा की गई है.
इस विषय पर भारतीय खाद्य और कृषि परिषद के अध्यक्ष एमजे खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने पिछले महीने किसानों के लिए 2019 के बीजेपी मेनिफेस्टो के मुद्दों और विजन पर चर्चा करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह के निवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक से अवगत कराया.
एमजे खान के अनुसार, 2022 तक किसान की आय दोगुनी करने के सबसे महत्वपूर्ण वादे को छोड़कर बीजेपी द्वारा किए गए सभी वादे संभव हैं.
आईसीएएफए के अध्यक्ष एमजे खान ने कहा, 'मैं वरिष्ठतम अधिकारियों के संपर्क में रहा हूं, जो किसान की आय को दोगुना करने के लिए समिति का नेतृत्व कर रहे हैं और यहां तक कि उन्हें भी उम्मीद है कि यह लक्ष्य 2025 तक प्राप्त होगा पाएगा.'
उन्होंने बताया कि 'स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने के बारे में बहुत देर तक चर्चा की गई है. लगभग सभी किसान संघ इसके लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से बीजेपी द्वारा पेश किए गए विज़न डॉक्यूमेंट को उन्होंने अपनी योजनाओं और रोडमैप के आधार पर चलने का फैसला किया है.'
हालांकि, एमजे खान का मानना है कि डॉ स्वामीनाथन द्वारा प्रस्तुत दृष्टिकोण को सरकार पहले से ही पालन कर रही है. यहां तक कि मौजूदा सरकार की कई योजनाओं जैसे कि एमएसपी में वृद्धि को वहां से ही चुना गया है.
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आईसीएफए के अध्यक्ष ने कहा कि जो भी सरकार सत्ता में आती है उसे कृषि क्षेत्र में सुधार लाने और किसानों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा क्योंकि इस क्षेत्र में काफी समस्याएं हैं.