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मिजोरम विधानसभा ने धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रस्ताव पारित किया

मिजोरम विधानसभा ने निजी संकल्प को पारित कर केंद्र सरकार से संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा सुनिअश्चित करने के लिए कदम उठाने की मांग की है.

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मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा
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Published : Feb 22, 2020, 12:09 AM IST

Updated : Mar 2, 2020, 3:25 AM IST

आइजोल: मिजोरम विधानसभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से निजी संकल्प को पारित कर केन्द्र से संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिये कदम उठाने का अनुरोध किया.

प्रस्ताव पेश करने वाले विपक्षी कांग्रेस विधायक दल के नेता जोदिंतु आंगला ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक खतरे में हैं और 2014 में केन्द्र में भाजपा नीत राजग की सरकार बनने के बाद से धार्मिक उत्पीड़न बढ़ा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा राजग सरकार में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और मस्जिदों तथा गिरजाघरों समेत उनके धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ के मामले बढ़े हैं.

पढ़ें-मिजोरम के एनआरसी जैसे विधेयक को केंद्र की मंजूरी का इंतजार: जोरमथंगा

मुख्यमंत्री जोरमथंगा और नेता विपक्ष लालडुहोमा ने प्रस्ताव पर चली लंबी चर्चा में हिस्सा लिया.

वही राज्य में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के विधायकों ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर धार्मिक उत्पीड़न के मामले कांग्रेस शासनकाल में कहीं ज्यादा थे.

आइजोल: मिजोरम विधानसभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से निजी संकल्प को पारित कर केन्द्र से संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिये कदम उठाने का अनुरोध किया.

प्रस्ताव पेश करने वाले विपक्षी कांग्रेस विधायक दल के नेता जोदिंतु आंगला ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक खतरे में हैं और 2014 में केन्द्र में भाजपा नीत राजग की सरकार बनने के बाद से धार्मिक उत्पीड़न बढ़ा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा राजग सरकार में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और मस्जिदों तथा गिरजाघरों समेत उनके धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ के मामले बढ़े हैं.

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मुख्यमंत्री जोरमथंगा और नेता विपक्ष लालडुहोमा ने प्रस्ताव पर चली लंबी चर्चा में हिस्सा लिया.

वही राज्य में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के विधायकों ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर धार्मिक उत्पीड़न के मामले कांग्रेस शासनकाल में कहीं ज्यादा थे.

Last Updated : Mar 2, 2020, 3:25 AM IST

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