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असम राज्यपाल बोले, NRC में हो सकती हैं गलतियां

NRC को लेकर असम राज्यपाल ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि NRC एक लंबी प्रक्रिया है, जिस वजह से इसमें गलतियां हो सकती हैं. और क्या कुछ बोले राज्पाल पढ़ें पूरी खबर.

असम के गवर्नर जगदीश मुखी ने ईटीवी भारत से बातचीत की
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Published : Jun 14, 2019, 10:08 PM IST

Updated : Jun 14, 2019, 10:19 PM IST

नई दिल्ली: असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने स्वीकार किया कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की अपडेट प्रक्रिया में गलतियां हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि ये एक लंबी प्रक्रिया है और इस कारण इसमें कुछ गलतियां हो सकती हैं लेकिन इसका मकसद किसी भी तरह से गलत नहीं है.

एनआरसी को लेकर असम राज्यपाल ने दिया बयान

इस संबंध में अपनी बात को जारी रखते हुए मुखी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत एनआरसी अपडेट प्रक्रिया चल रही है और इसे समय पर प्रकाशित किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि असल भारतीय नामों के साथ फाइनल NRC को 31 जुलाई या इससे पहले प्रकाशित कर लिया जाएगा.

सेना के रिटायर्ड ऑफिसर को असम में विदेशी के तौर पर पकड़े जाने के मुद्दे पर मुखी ने कहा, 'उन्होंने अलग-अलग जगह पर अलग दस्तावेज दिए हैं. यह गलती सरकार की नहीं बल्कि उनकी अपनी है.'

पढ़ेंः NRC के नाम पर किसी भी वास्तविक भारतीय नागरिक को नहीं होगा कोई नुकसान: सोनोवाल

दरअसल, कुछ समय पहले सेना के रिटायर्ड ऑफिसर मुहम्मद सना उल्लाह को असम में अवैध रूप से रह रहे विदेशी के तौर पर पकड़ा गया था. 30 साल के भारतीय सेना के रिटायर्ड अधिकारी को विदेशी बताए जाने के मुद्दे के बाद यह विवाद बढ़ गया है.

गौरतलब है कि असम के कई राजनीतिक दल एक त्रुटि मुक्त एनआरसी की मांग कर रहे हैं. मुखी ने कहा कि असम में राज्य सरकार ने कई साहसिक कदम उठाए हैं.

आपको बता दें, असम में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने उल्लाह को विदेशी नागरिक बता कर पकड़ लिया था. वहीं सरकार ने असम में अप्रवासियों के मामलों को संभालने के लिए 100 विदेशी न्यायाधिकरण न्यायालयों की स्थापना की है.

नई दिल्ली: असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने स्वीकार किया कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की अपडेट प्रक्रिया में गलतियां हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि ये एक लंबी प्रक्रिया है और इस कारण इसमें कुछ गलतियां हो सकती हैं लेकिन इसका मकसद किसी भी तरह से गलत नहीं है.

एनआरसी को लेकर असम राज्यपाल ने दिया बयान

इस संबंध में अपनी बात को जारी रखते हुए मुखी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत एनआरसी अपडेट प्रक्रिया चल रही है और इसे समय पर प्रकाशित किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि असल भारतीय नामों के साथ फाइनल NRC को 31 जुलाई या इससे पहले प्रकाशित कर लिया जाएगा.

सेना के रिटायर्ड ऑफिसर को असम में विदेशी के तौर पर पकड़े जाने के मुद्दे पर मुखी ने कहा, 'उन्होंने अलग-अलग जगह पर अलग दस्तावेज दिए हैं. यह गलती सरकार की नहीं बल्कि उनकी अपनी है.'

पढ़ेंः NRC के नाम पर किसी भी वास्तविक भारतीय नागरिक को नहीं होगा कोई नुकसान: सोनोवाल

दरअसल, कुछ समय पहले सेना के रिटायर्ड ऑफिसर मुहम्मद सना उल्लाह को असम में अवैध रूप से रह रहे विदेशी के तौर पर पकड़ा गया था. 30 साल के भारतीय सेना के रिटायर्ड अधिकारी को विदेशी बताए जाने के मुद्दे के बाद यह विवाद बढ़ गया है.

गौरतलब है कि असम के कई राजनीतिक दल एक त्रुटि मुक्त एनआरसी की मांग कर रहे हैं. मुखी ने कहा कि असम में राज्य सरकार ने कई साहसिक कदम उठाए हैं.

आपको बता दें, असम में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने उल्लाह को विदेशी नागरिक बता कर पकड़ लिया था. वहीं सरकार ने असम में अप्रवासियों के मामलों को संभालने के लिए 100 विदेशी न्यायाधिकरण न्यायालयों की स्थापना की है.

Intro:New Delhi: Assam Governor Jagdish Mukhi on Friday admitted that there could be mistakes in the National Register of Citizen (NRC) updating process.


Body:"NRC update is a big process, certainly problems are there and in this way there could be mistakes also. But no bad intention should be there," said Governor Mukhi in New Delhi.

His statement assumes significance as student organisations, political parties in Assam have been demanding for an error free NRC.

"Under the direction of the Supreme Court NRC update process is going on and it will be published on time," said Mukhi.

The final NRC with the names of genuine Indian citizen will be published on or before July 31.

Referring to the controversy where a Indian army veteran has been tagged as illegal foreigner in Assam, Mukhi said that he (the retired army officer) has given different documents on different occasions.

"It's not the mistake of the government, it is his own mistakes," said Mukhi.

Controversy has erupted after a 30-year veteran Indian army officer (retired) Mohammad Sana
Ullah has been tagged as an illegal citizen by the Foreigners Tribunal.

Government has set up 100 foreigner tribunal courts in Assam to handle cases of undocumented immigrants.


Conclusion:Mukhi said that state government in Assam has taken several bold steps.

"My government are putting state civil servant behind bars...it is ensured that corruption will not be entertained," said Mukhi.

end.
Last Updated : Jun 14, 2019, 10:19 PM IST
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