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दिल्ली हिंसा : प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आंकलन कर रहा अल्पसंख्यक आयोग

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने बताया कि 10 सदस्यीय समिति दिल्ली हिंसा में प्रभावित क्षेत्रों में 30 स्वयंसेवियों की सहायता से नुकसान का जायजा ले रही है. बता दें कि इस हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे और 53 लोगों की मौत हो गई थी.

जफरुल इस्लाम खान
जफरुल इस्लाम खान
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Published : Mar 21, 2020, 11:32 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की एक तथ्य अन्वेषण समिति पिछले माह पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान हुए नुकसान का आकलन कर रही है. इन दंगों में 53 लोगों की जानें गई थीं और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे.

आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के वकील एमआर शमशाद के नेतृत्व में 10 सदस्यीय समिति प्रभावित क्षेत्रों में 30 स्वयंसेवियों की सहायता से नुकसान का जायजा ले रही है.

खान ने कहा कि समिति के सदस्य घर-घर सर्वेक्षण कर रहे हैं. वह संपत्ति को हुए नुकसान को दर्ज करने के लिए और हिंसा के दौरान मारे गए एवं घायल लोगों का ब्योरा दर्ज करने के लिए आकलन फार्म भर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि समिति उन लोगों का भी पता लगाएगी, जिन्हें मुआवजा नहीं मिला है या पुलिस ने जिनकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की.

खान ने कहा कि मुस्तफाबाद ईदगाह में एक सहायता डेस्क भी बनाई गई है, जहां पीड़ितों की मदद के लिए पूरे दिन वकील भी मौजूद रहते हैं.

पढ़ें : दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कॉन्स्टेबल राजीव को दिया आउट ऑफ टर्न प्रोमोशन

पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों में कई जगहों पर दुकान, मकान, वाहन और विद्यालय भवनों को भारी क्षति पहुंचाई गई थी.

नई दिल्ली : दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की एक तथ्य अन्वेषण समिति पिछले माह पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान हुए नुकसान का आकलन कर रही है. इन दंगों में 53 लोगों की जानें गई थीं और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे.

आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के वकील एमआर शमशाद के नेतृत्व में 10 सदस्यीय समिति प्रभावित क्षेत्रों में 30 स्वयंसेवियों की सहायता से नुकसान का जायजा ले रही है.

खान ने कहा कि समिति के सदस्य घर-घर सर्वेक्षण कर रहे हैं. वह संपत्ति को हुए नुकसान को दर्ज करने के लिए और हिंसा के दौरान मारे गए एवं घायल लोगों का ब्योरा दर्ज करने के लिए आकलन फार्म भर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि समिति उन लोगों का भी पता लगाएगी, जिन्हें मुआवजा नहीं मिला है या पुलिस ने जिनकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की.

खान ने कहा कि मुस्तफाबाद ईदगाह में एक सहायता डेस्क भी बनाई गई है, जहां पीड़ितों की मदद के लिए पूरे दिन वकील भी मौजूद रहते हैं.

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पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों में कई जगहों पर दुकान, मकान, वाहन और विद्यालय भवनों को भारी क्षति पहुंचाई गई थी.

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