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मनोहर पर्रिकर के प्रस्तावित परियोजना को पूरा करेंगे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक

पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के प्रस्तावित परियोजना को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने पूरा करने का भरोसा जताया है. रक्षा मंत्रालय गोवा में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की हेलीकाप्टर रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार (एमआरओ) संबंधी प्रस्तावित परियोजना पर आगे बढ़ने का विचार कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक
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Published : Aug 16, 2019, 1:09 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 4:39 AM IST

पणजी: रक्षा मंत्रालय गोवा में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की हेलीकाप्टर रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार (एमआरओ) संबंधी प्रस्तावित परियोजना पर आगे बढ़ने का विचार कर रहा है. इस परियोजना की घोषणा 2016 में ही हो गई थी, लेकिन इसपर काम आगे नहीं बढ़ पाया था.

ज्ञातव्य हो की पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस परियोजना को प्रस्तावित की थी.

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने बताया कि वह प्रस्तावित परियोजना को लेकर फिर से काम शुरू करेंगे, जिसके लिए पहले ही जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है.

दरअसल बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और फ्रांसीसी कंपनी सफरान हेलीकॉप्टर इंजन्स ने गोवा में हेलीकॉप्टर रखरखाव संयंत्र की स्थापना के लिए एक संयुक्त उद्यम- हेलीकाप्टर इंजन एमआरओ प्राइवेट लिमिटेड बनाया था.

पढ़ें- भारत और म्यांमार ने रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये

बकौल नाइक, 'परियोजना की घोषणा की जा चुकी है, लेकिन इस पर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ था. मैं इसे पुनर्जीवित करूंगा. अगर फ्रांस स्थित कंपनी के साथ समझौते को लेकर कोई समस्या होती है, तो हम इसकी समाप्ति के बाद किसी अन्य कंपनी के साथ भी गठजोड़ कर सकते हैं.'

उल्लेखनीय है, पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अक्टूबर 2016 में इस परियोजना की घोषणा की थी. इसे उत्तरी गोवा के सत्तारी तालुका स्थित होंडा गांव में स्थापित करने का प्रस्ताव था.

पणजी: रक्षा मंत्रालय गोवा में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की हेलीकाप्टर रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार (एमआरओ) संबंधी प्रस्तावित परियोजना पर आगे बढ़ने का विचार कर रहा है. इस परियोजना की घोषणा 2016 में ही हो गई थी, लेकिन इसपर काम आगे नहीं बढ़ पाया था.

ज्ञातव्य हो की पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस परियोजना को प्रस्तावित की थी.

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने बताया कि वह प्रस्तावित परियोजना को लेकर फिर से काम शुरू करेंगे, जिसके लिए पहले ही जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है.

दरअसल बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और फ्रांसीसी कंपनी सफरान हेलीकॉप्टर इंजन्स ने गोवा में हेलीकॉप्टर रखरखाव संयंत्र की स्थापना के लिए एक संयुक्त उद्यम- हेलीकाप्टर इंजन एमआरओ प्राइवेट लिमिटेड बनाया था.

पढ़ें- भारत और म्यांमार ने रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये

बकौल नाइक, 'परियोजना की घोषणा की जा चुकी है, लेकिन इस पर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ था. मैं इसे पुनर्जीवित करूंगा. अगर फ्रांस स्थित कंपनी के साथ समझौते को लेकर कोई समस्या होती है, तो हम इसकी समाप्ति के बाद किसी अन्य कंपनी के साथ भी गठजोड़ कर सकते हैं.'

उल्लेखनीय है, पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अक्टूबर 2016 में इस परियोजना की घोषणा की थी. इसे उत्तरी गोवा के सत्तारी तालुका स्थित होंडा गांव में स्थापित करने का प्रस्ताव था.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 12:5 HRS IST




             
  • गोवा में एचएएल की प्रस्तावित परियोजना को आगे बढ़ाने पर विचार कर रहा रक्षा मंत्रालय



पणजी, 16 अगस्त (भाषा) रक्षा मंत्रालय गोवा में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की हेलीकाप्टर रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार (एमआरओ) संबंधी प्रस्तावित परियोजना पर आगे बढ़ने का विचार कर रहा है। इस परियोजना की घोषणा 2016 में ही हो गई थी, लेकिन इसपर काम आगे नहीं बढ़ पाया था।



केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने गुरुवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि वह प्रस्तावित परियोजना को लेकर फिर से काम शुरू करेंगे, जिसके लिए पहले ही जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है।



पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अक्टूबर 2016 में इस परियोजना की घोषणा की थी। इसे उत्तरी गोवा के सत्तारी तालुका स्थित होंडा गांव में स्थापित करने का प्रस्ताव था।



बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और फ्रांसीसी कंपनी सफरान हेलीकॉप्टर इंजन्स ने गोवा में इस हेलीकॉप्टर रखरखाव संयंत्र की स्थापना के लिए एक संयुक्त उद्यम- हेलीकाप्टर इंजन एमआरओ प्राइवेट लिमिटेड बनाया था।



नाइक ने कहा, ‘‘परियोजना की घोषणा की जा चुकी है, लेकिन इस पर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ था। मैं इसे पुनर्जीवित करूंगा। अगर फ्रांस स्थित कंपनी के साथ समझौते को लेकर कोई समस्या होती है, तो हम इसकी समाप्ति के बाद किसी अन्य कंपनी के साथ भी गठजोड़ कर सकते हैं।’’


Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 4:39 AM IST
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