जयपुर : पतंजलि की ओर से हाल ही में कोरोना वायरस के लिए बनाई गई कोरोनिल दवा लॉन्चिंग के बाद ही विवादों में आ गई. जिसे लेकर ये कहा जा रहा है कि बिना क्लिनिकल ट्रायल और बिना अनुमति के इस दवा को लॉन्च किया गया है, लेकिन दवा बनाने वाली संस्था पतंजलि और क्लिनिकल ट्रायल करने वाले निम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि आईसीएमआर और आयुष मंत्रालय को इस बारे में पहले ही बता दिया गया था.
दवा लॉन्चिंग के साथ ही आयुष मंत्रालय ने कहा था कि दवा को लेकर मंत्रालय के पास किसी तरह की जानकारी नहीं है. लेकिन पतंजलि और निम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी ने एक पत्र के जरिए दावा किया है कि आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर को इसकी जानकारी दे दी गई थी.
मामले को लेकर निम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. बीएस तोमर ने भी कहा है कि कुछ समय पहले भारत सरकार की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी औषधियों को उपयोग में लाने की बात कहीं गई थी. साथ ही नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया था कि आईसीएमआर की सीटीआरआई विंग से पंजीकृत होने के बाद ही यह क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो सकेगा.
जिसे लेकर डॉ. बीएस तोमर ने कहा है कि हमारी ओर से सभी तैयारी पूरी करने के बाद और सभी तरह की अनुमति लेने के बाद ही यह क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया गया था और भारत सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया था उसी को ध्यान में रखते हुए क्लीनिकल ट्रायल किया गया.