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बिहार : मंत्री श्याम रजक छोड़ सकते हैं जेडीयू का साथ

बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं के दल बदलने का दौर शुरू हो गया है. श्याम रजक जैसे नेता का जेडीयू का साथ छोड़ना पार्टी के लिए महंगा साबित हो सकता है.

श्याम रजक
श्याम रजक
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Published : Aug 16, 2020, 8:21 PM IST

पटना: बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने पाला बदलने की पूरी तैयारी कर ली है. सूत्रों की मानें तो सोमवार को वे मंत्री पद के साथ विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे. साथ ही आरजेडी की सदस्यता ग्रहण कर लेंगे. नीतीश सरकार के लिए श्याम रजक का साथ छोड़ना किसी बड़े झटके से कम नहीं है.

श्याम रजक ने जेडीयू का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल का दामन थामने का फैसला कर लिया है. वे लंबे समय से जेडीयू से नाराज चल रहे थे. लिहाजा, चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी और पद दोनों से इस्तीफा देने का बड़ा फैसला ले लिया है. इसे लेकर उन्होंने फुलवारी शरीफ में बैठक भी कर ली है.

नाराजगी की वजह
बताया जा रहा है कि श्याम रजक को मंत्रिमंडल में जगह तो दे दी गई, लेकिन वे लगातार पार्टी में उपेक्षित बने हुए थे. जिसको लेकर वे नाराज थे. यहां तक कि पार्टी के वर्चुअल सम्मेलन में भी श्याम रजक को वरिष्ठ नेताओं की टीम में शामिल नहीं किया गया था. वे पार्टी के सभी कार्यक्रमों से भी दूर थे.

'लालू के राम व श्याम'
श्याम रजक ने पिछले दिनों दलितों के मुद्दे पर सभी दलों की बैठक की थी. उससे भी पार्टी का एक खेमा खुश नहीं था. बता दें कि श्याम रजक एक समय आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी माने जाते थे. राम कृपाल यादव और श्याम रजक की जोड़ी को लालू के राम व श्याम माना जाता था.

2009 में जेडीयू में हुए थे शामिल
लालू प्रसाद यादव को जब चारा घोटाले में जेल ले जाया जा रहा था तब श्याम रजक सिविल कोर्ट परिसर में सुरक्षा बलों से भिड़ गए थे. आरजेडी शासन काल में वे ऊर्जा, सूचना एवं जनसंपर्क व विधि मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने 2009 में आरजेडी का साथ छोड़ दिया था, जिसके बाद वे जेडीयू में शामिल हो गए थे.

फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र के मजबूत स्तंभ
बता दें कि 2010 में श्याम रजक नीतीश सरकार में खाद्य एवं उपभोगता मंत्री रह चुके हैं. उन्हें फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र के मजबूत स्तंभ के तौर पर देखा जाता है. श्याम रजक इस सीट पर 1995 से लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं. साथ ही वे अखिल भारतीय धोबी महासंघ के अध्यक्ष भी हैं. अब देखना होगा की इस बड़े बदलाव के बाद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर कितना असर पड़ता है.

'जेडीयू नेताओं ने साधी चुप्पी'
सूत्रों के मुताबिक श्याम रजक ने एक महीने पहले ही पार्टी छोड़ने की तैयारी कर ली थी, फिर उन्होंने अपना फैसला बदल लिया था. आरजेडी के नेताओं की तरफ से श्याम रजक के पार्टी में शामिल होने की पुष्टि हो रही है. हालांकि श्याम रजक खुलकर अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि आज रात में फैसला हो जाएगा. वहीं जेडीयू नेताओं ने मामले पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है.

पटना: बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने पाला बदलने की पूरी तैयारी कर ली है. सूत्रों की मानें तो सोमवार को वे मंत्री पद के साथ विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे. साथ ही आरजेडी की सदस्यता ग्रहण कर लेंगे. नीतीश सरकार के लिए श्याम रजक का साथ छोड़ना किसी बड़े झटके से कम नहीं है.

श्याम रजक ने जेडीयू का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल का दामन थामने का फैसला कर लिया है. वे लंबे समय से जेडीयू से नाराज चल रहे थे. लिहाजा, चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी और पद दोनों से इस्तीफा देने का बड़ा फैसला ले लिया है. इसे लेकर उन्होंने फुलवारी शरीफ में बैठक भी कर ली है.

नाराजगी की वजह
बताया जा रहा है कि श्याम रजक को मंत्रिमंडल में जगह तो दे दी गई, लेकिन वे लगातार पार्टी में उपेक्षित बने हुए थे. जिसको लेकर वे नाराज थे. यहां तक कि पार्टी के वर्चुअल सम्मेलन में भी श्याम रजक को वरिष्ठ नेताओं की टीम में शामिल नहीं किया गया था. वे पार्टी के सभी कार्यक्रमों से भी दूर थे.

'लालू के राम व श्याम'
श्याम रजक ने पिछले दिनों दलितों के मुद्दे पर सभी दलों की बैठक की थी. उससे भी पार्टी का एक खेमा खुश नहीं था. बता दें कि श्याम रजक एक समय आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी माने जाते थे. राम कृपाल यादव और श्याम रजक की जोड़ी को लालू के राम व श्याम माना जाता था.

2009 में जेडीयू में हुए थे शामिल
लालू प्रसाद यादव को जब चारा घोटाले में जेल ले जाया जा रहा था तब श्याम रजक सिविल कोर्ट परिसर में सुरक्षा बलों से भिड़ गए थे. आरजेडी शासन काल में वे ऊर्जा, सूचना एवं जनसंपर्क व विधि मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने 2009 में आरजेडी का साथ छोड़ दिया था, जिसके बाद वे जेडीयू में शामिल हो गए थे.

फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र के मजबूत स्तंभ
बता दें कि 2010 में श्याम रजक नीतीश सरकार में खाद्य एवं उपभोगता मंत्री रह चुके हैं. उन्हें फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र के मजबूत स्तंभ के तौर पर देखा जाता है. श्याम रजक इस सीट पर 1995 से लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं. साथ ही वे अखिल भारतीय धोबी महासंघ के अध्यक्ष भी हैं. अब देखना होगा की इस बड़े बदलाव के बाद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर कितना असर पड़ता है.

'जेडीयू नेताओं ने साधी चुप्पी'
सूत्रों के मुताबिक श्याम रजक ने एक महीने पहले ही पार्टी छोड़ने की तैयारी कर ली थी, फिर उन्होंने अपना फैसला बदल लिया था. आरजेडी के नेताओं की तरफ से श्याम रजक के पार्टी में शामिल होने की पुष्टि हो रही है. हालांकि श्याम रजक खुलकर अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि आज रात में फैसला हो जाएगा. वहीं जेडीयू नेताओं ने मामले पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है.

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