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हमने प्रवासियों के लिए ट्रेनें चलाने की मांग की थी, केंद्र से कोई जवाब नहीं आया : मंत्री - विशेष ट्रेनें चलाने की मांग

सख्त लॉकडाउन के बावजूद मुंबई में मंगलवार को बांद्रा स्टेशन पर हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा होने से काफी उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. हालांकि जैसे-तैसे स्थिति को काबू में किया गया. उसे लेकर आज महाराष्ट्र के मंत्री ने कहा राज्य ने केंद्र से विशेष ट्रेनें चलाने का अनुरोध किया था. जानें विस्तार से...

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बांद्रा स्टेशन पर भीड़
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Published : Apr 16, 2020, 12:27 AM IST

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार से प्रवासी कामगारों के लिए मुंबई से बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की मांग की थी, जिसपर कोई जवाब नहीं आया. राज्य के एक मंत्री ने बुधवार को यह बात कही.

एक हजार से अधिक प्रवासी कामगार मंगलवार दोपहर यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जमा हो गए थे. उनमें से अधिकतर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे. उनकी मांग थी कि राज्य सरकार परिवहन की व्यवस्था करे ताकि वे अपने गृह नगरों और गांवों को जा सकें.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ ही घंटे बाद उन प्रवासियों को वापस भेजते हुए आश्वासन दिया गया कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता, तब तक उनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई है.

मंत्री ने कहा, 'राज्य सरकार प्रवासी कामगारों की इस मांग से अच्छी तरह अवगत थी कि वे अपने घर जाना चाहते हैं. जाहिर है कि अगर कोई काम नहीं होगा तो कोई भी उन्हें मुंबई या राज्य के अन्य हिस्सों में अपने घरों में नहीं रहने देगा.' उन्होंने कहा, 'पिछले महीने लॉकडाउन की घोषणा होने से ऐन पहले यह खबरें आईं थी कि किस तरह प्रवासी कामगार अपने घरों की ओर जाने वाली किसी भी ट्रेन में सवार होने को तैयार हैं.'

मंत्री ने कहा, 'उसी समय हमने केंद्र से विशेष ट्रेनें चलाने का अनुरोध किया था.'

इसे भी पढ़ें- 21 अप्रैल तक हिरासत में भेजा गया विनय दुबे, बांद्रा स्टेशन पर मजदूरों को गुमराह करने का आरोप

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 29 मार्च को बताया था कि उनकी सरकार ने प्रवासी मजदूरों को भोजन, पानी और अस्थायी आश्रय देने के लिए राज्य भर में 163 केंद्र स्थापित किए हैं. इससे राज्य प्रशासन को प्रवासी मजदूरों की अनुमानित संख्या का अंदाजा हो गया था.

मुंबई से शिवसेना के एक सांसद ने कहा, 'राज्य द्वारा संचालित केंद्रों से संपर्क करने वाले लोगों की संख्या पांच से छह लाख के बीच थी. उनमें से कुछ पहले ही पैदल अपने घरों को रवाना हो गए थे जबकि कुछ अपने घरों को जाने के लिये कंटेनरों और टैंकरों में छिप गए थे.' उन्होंने कहा कि इसके बाद केंद्र सरकार को ताजा आंकड़े भेजे गए, लेकिन उनपर कोई जवाब नहीं आया.

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार से प्रवासी कामगारों के लिए मुंबई से बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की मांग की थी, जिसपर कोई जवाब नहीं आया. राज्य के एक मंत्री ने बुधवार को यह बात कही.

एक हजार से अधिक प्रवासी कामगार मंगलवार दोपहर यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जमा हो गए थे. उनमें से अधिकतर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे. उनकी मांग थी कि राज्य सरकार परिवहन की व्यवस्था करे ताकि वे अपने गृह नगरों और गांवों को जा सकें.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ ही घंटे बाद उन प्रवासियों को वापस भेजते हुए आश्वासन दिया गया कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता, तब तक उनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई है.

मंत्री ने कहा, 'राज्य सरकार प्रवासी कामगारों की इस मांग से अच्छी तरह अवगत थी कि वे अपने घर जाना चाहते हैं. जाहिर है कि अगर कोई काम नहीं होगा तो कोई भी उन्हें मुंबई या राज्य के अन्य हिस्सों में अपने घरों में नहीं रहने देगा.' उन्होंने कहा, 'पिछले महीने लॉकडाउन की घोषणा होने से ऐन पहले यह खबरें आईं थी कि किस तरह प्रवासी कामगार अपने घरों की ओर जाने वाली किसी भी ट्रेन में सवार होने को तैयार हैं.'

मंत्री ने कहा, 'उसी समय हमने केंद्र से विशेष ट्रेनें चलाने का अनुरोध किया था.'

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 29 मार्च को बताया था कि उनकी सरकार ने प्रवासी मजदूरों को भोजन, पानी और अस्थायी आश्रय देने के लिए राज्य भर में 163 केंद्र स्थापित किए हैं. इससे राज्य प्रशासन को प्रवासी मजदूरों की अनुमानित संख्या का अंदाजा हो गया था.

मुंबई से शिवसेना के एक सांसद ने कहा, 'राज्य द्वारा संचालित केंद्रों से संपर्क करने वाले लोगों की संख्या पांच से छह लाख के बीच थी. उनमें से कुछ पहले ही पैदल अपने घरों को रवाना हो गए थे जबकि कुछ अपने घरों को जाने के लिये कंटेनरों और टैंकरों में छिप गए थे.' उन्होंने कहा कि इसके बाद केंद्र सरकार को ताजा आंकड़े भेजे गए, लेकिन उनपर कोई जवाब नहीं आया.

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