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कोविड-19 के सटीक और विश्वसनीय परीक्षण के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने शुरू किया अध्ययन

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Published : May 7, 2020, 8:26 PM IST

कोरोना वायरस के सटीक और विश्वसनीय परीक्षण को लेकर टेक दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट प्रयोग कर रही है. इसके तहत परीक्षण के दौरान रक्त में प्रतिरक्षा प्रणाली के विशेष कोशिकाओं की उपस्थिति, जिसे टी-कोशिकाएं कहा जाता है, उसे मापा जाएगा. टी-कोशिकाओं से जल्दी बीमारी की पहचान की जा सकेगी और और रोग के इलाज में सहायता मिलेगी. जानें विस्तार से...

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प्रतीकात्मक चित्र

वॉशिंगटन : टेक दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि कोविड-19 के परीक्षण को अधिक विश्वसनीय बनाने की आवश्यकता को पूरा करने में एडेप्टिव बायोटेक्नोलॉजिकल के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. कोरोना को लेकर अधिक विश्वसनीय परीक्षण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बेहतर डायग्नोस्टिक्स और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को मापने के लिए एक व्यापक प्रयास का यह एक हिस्सा है.

माइक्रोसॉफ्ट के अध्ययन में कोविड-19 से संक्रमित 1,000 व्यक्तियों को शामिल किया गया है. परीक्षण के दौरान रक्त में प्रतिरक्षा प्रणाली के विशेष कोशिकाओं की उपस्थिति, जिसे टी-कोशिकाएं कहा जाता है, उसे मापा जाएगा. टी-कोशिकाओं से जल्दी बीमारी की पहचान की जा सकेगी और और रोग के इलाज में सहायता मिलेगी.

इसके साथ विज्ञप्ति में कहा गया कि एडेप्टिव और माइक्रोसॉफ्ट विशिष्ट टी-कोशिकाओं की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की मैपिंग पर काम कर रहे हैं और अब अपनी संयुक्त क्षमताओं को कोविड-19 पर लागू कर रहे हैं.

हम कोविड-19 के खिलाफ समाधान का तरीका ढूढ़ने के लिए समर्पित हैं. कोई भी व्यक्ति जो कोविड-19 से प्रभावित है, वह महत्वपूर्ण जानकारी रखता है, तो वायरस को नियंत्रित और प्रबंधित करने में मदद कर सकता है, 'पीटर ली, कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष, एआई और रिसर्च, माइक्रोसॉफ्ट ने उक्त बातें कहीं.

कंपनियों ने आगे कहा कि डाटा को महामारी के समाधान में मदद करने के लिए स्वतंत्र रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों, शिक्षा और उद्योग को स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया जाएगा.

वर्तमान में कोविड-19 के लिए दो प्रकार के परीक्षण मौजूद हैं. पोलीमरेज चेन-रिएक्शन (पीसीआर) का परीक्षण नाक या गले की खराबी से जीवित वायरस की उपस्थिति को बताते हैं. सीरोलॉजी परीक्षण रक्त में एंटीबॉडी की उपस्थिति को मापकर वायरस के खिलाफ जोखिम और संभावित प्रतिरक्षा का संकेत देता हैं. एडेप्टिव और माइक्रोसॉफ्ट का मानना ​​है कि एक तीसरे प्रकार का परीक्षण संभव है.

वॉशिंगटन : टेक दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि कोविड-19 के परीक्षण को अधिक विश्वसनीय बनाने की आवश्यकता को पूरा करने में एडेप्टिव बायोटेक्नोलॉजिकल के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. कोरोना को लेकर अधिक विश्वसनीय परीक्षण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बेहतर डायग्नोस्टिक्स और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को मापने के लिए एक व्यापक प्रयास का यह एक हिस्सा है.

माइक्रोसॉफ्ट के अध्ययन में कोविड-19 से संक्रमित 1,000 व्यक्तियों को शामिल किया गया है. परीक्षण के दौरान रक्त में प्रतिरक्षा प्रणाली के विशेष कोशिकाओं की उपस्थिति, जिसे टी-कोशिकाएं कहा जाता है, उसे मापा जाएगा. टी-कोशिकाओं से जल्दी बीमारी की पहचान की जा सकेगी और और रोग के इलाज में सहायता मिलेगी.

इसके साथ विज्ञप्ति में कहा गया कि एडेप्टिव और माइक्रोसॉफ्ट विशिष्ट टी-कोशिकाओं की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की मैपिंग पर काम कर रहे हैं और अब अपनी संयुक्त क्षमताओं को कोविड-19 पर लागू कर रहे हैं.

हम कोविड-19 के खिलाफ समाधान का तरीका ढूढ़ने के लिए समर्पित हैं. कोई भी व्यक्ति जो कोविड-19 से प्रभावित है, वह महत्वपूर्ण जानकारी रखता है, तो वायरस को नियंत्रित और प्रबंधित करने में मदद कर सकता है, 'पीटर ली, कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष, एआई और रिसर्च, माइक्रोसॉफ्ट ने उक्त बातें कहीं.

कंपनियों ने आगे कहा कि डाटा को महामारी के समाधान में मदद करने के लिए स्वतंत्र रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों, शिक्षा और उद्योग को स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया जाएगा.

वर्तमान में कोविड-19 के लिए दो प्रकार के परीक्षण मौजूद हैं. पोलीमरेज चेन-रिएक्शन (पीसीआर) का परीक्षण नाक या गले की खराबी से जीवित वायरस की उपस्थिति को बताते हैं. सीरोलॉजी परीक्षण रक्त में एंटीबॉडी की उपस्थिति को मापकर वायरस के खिलाफ जोखिम और संभावित प्रतिरक्षा का संकेत देता हैं. एडेप्टिव और माइक्रोसॉफ्ट का मानना ​​है कि एक तीसरे प्रकार का परीक्षण संभव है.

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