नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को देशभर के कुल 43 शिक्षकों को आईसीटी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया. ये पुरस्कार इन शिक्षकों को तकनीक और सूचना प्रणाली के बेहतर इस्तेमाल से स्कूली शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दिए गए हैं.
जिन शिक्षकों को आईसीटी नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है, वे देश के अलग-अलग हिस्से से आते हैं. इन शिक्षकों में अगर सहभागिता की बात की जाए तो पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्य जरूर कहीं पीछे छूट गए.
हालांकि, शिक्षा सचिव ने भी इस बात को संज्ञान में लिया और कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि सभी राज्यों से आईसीटी में सभी की सहभागिता हो, इसके लिए बेहतर काम करने की जरूरत है.
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने मीडिया को बताया कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में कार्य किया जाएगा कि किस तरह दूरदराज के क्षेत्रों से भी शिक्षक इस कार्यक्रम में हिस्सा लें और आईसीटी नेशनल अवार्ड में उनकी सहभागिता भी बढ़े.
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संजय धोत्रे ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन्हें भी ये नेशनल अवार्ड मिले हैं, उन शिक्षकों की जिम्मेदारी अब और बढ़ जाती है. आगे चलकर बाकी शिक्षक भी कैसे तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए स्कूली शिक्षा को अपने-अपने विद्यालयों में और बेहतर बना सकते हैं, इसके लिए सब को मिलकर काम करना चाहिए.
43 शिक्षकों की फेहरिस्त में एक नाम हिलाल अहमद लोन का भी था जो कि कश्मीर से हैं. हिलाल अहमद लोन ने इ-कॉन्टेंट और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए स्कूली शिक्षा को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का काम किया है. उनकी मेहनत की बदौलत उन्हें आज राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती कश्मीर में संचार सेवाओं का ठप होना है, विशेषकर इंटरनेट.
ईटीवी भारत ने हिलाल अहमद लोन से विशेष बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह धारा 370 के हटाए जाने के बाद लगातार इंटरनेट सेवाएं ठप रहने से कश्मीर की शिक्षा भी बेहद प्रभावित हुई है. जहां कुछ महीने पहले तक आईसीटी तकनीक के इस्तेमाल से हिलाल अहमद लोन बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पा रहे थे वहीं अब तकनीकी उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने खड़ी है. शिक्षक पारंपरिक तरीके से ही बच्चों को पढ़ाने पर हैं.
हालांकि आईसीटी नेशनल अवार्ड मिलने के बाद हिलाल अहमद लोन खुश हैं और उन्हें सरकार से उम्मीद है कि कश्मीर में जल्द ही इंटरनेट सेवाएं सामान्य हो जाएंगी और उन्हें बेहतर काम करने का मौका मिलेगा.
आईसीटी नेशनल अवार्ड पाने वाले शिक्षकों में ज्यादातर संख्या दूरदराज के क्षेत्रों से आए शिक्षकों की थी और इस पर मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री ने भी खुशी जताई.