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वामपंथी उग्रवाद से मरने वालों में 61 प्रतिशत  गिरावट : गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले कुछ वर्षों में वामपंथी उग्रवादियों की हिंसा और इससे होने वाली मौत में कमी होने की बात कही है. इस कामयाबी के पीछे राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना, 2015 का भी अहम योगदान है. जानें पूरा विवरण

गृह मंत्री अमित शाह
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Published : Jul 28, 2019, 8:02 PM IST

Updated : Jul 28, 2019, 9:51 PM IST

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में वामपंथी उग्रवादियों (LWE) से संबधित हिंसा में कमी दर्ज की गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वर्षों के दौरान हिंसा में 43 प्रतिशत की कमी आई है. हिंसा के दौरान होने वाली मौत में भी 61 फीसदी गिरावट हुई है. ये आंकड़े 2009-14 और 2014-19 की गई तुलना के आधार पर हैं.

आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना 2015 के लगातार कार्यान्वयन से माओवादी संबंधित हिंसा में लगातार गिरावट आई है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में वामपंथी उग्रवादी के प्रभाव और इसके भौगोलिक प्रसार में भी कमी आई है.

30 जून, 2019 तक वामपंथी उग्रवाद से 117 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं 2018 में ऐसी हिंसा में 139 लोगों की मौत हुई थी. पिछले पांच वर्षों में वामपंथी उग्रवाद के परिदृश्य में लगातार और उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना 2015 में बहु आयामी नीति को ध्यान में रखा गया है. जिसमें सुरक्षा संबंधी उपाय, विकास, स्थानीय समुदाय के अधिकार को सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं.

सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों के लिए विशेष सहायता योजना को मंजूरी दी है. इन जिलों में सार्वजनिक संरचना और सेवाओं में अंतर खत्म करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये वार्षिक स्वीकृत किए गए हैं.

पढ़ेंः WB के गवर्नर ने गृह मंत्री को सौंपी रिपोर्ट, चर्चा तेज

मई, 2009 से अप्रैल 2014 के दौरान 8438 घटनाएं हुई. इन घटनाओं में 3209 लोगों की मौत हुई.

मई, 2014 से अप्रैल, 2019 के दौरान हिंसा की 4778 घटनाएं हुई. इनमें 1247 लोगों की मौत हुई.

मरने वालों में आम नागरिकों के अलावा सुरक्षाबल भी शामिल हैं. इन आंकड़ों की समीक्षा से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान हिंसा में 43 प्रतिशत की कमी आई है. हिंसा के दौरान होने वाली मौत में भी 61 फीसदी गिरावट हुई है.

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में वामपंथी उग्रवादियों (LWE) से संबधित हिंसा में कमी दर्ज की गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वर्षों के दौरान हिंसा में 43 प्रतिशत की कमी आई है. हिंसा के दौरान होने वाली मौत में भी 61 फीसदी गिरावट हुई है. ये आंकड़े 2009-14 और 2014-19 की गई तुलना के आधार पर हैं.

आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना 2015 के लगातार कार्यान्वयन से माओवादी संबंधित हिंसा में लगातार गिरावट आई है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में वामपंथी उग्रवादी के प्रभाव और इसके भौगोलिक प्रसार में भी कमी आई है.

30 जून, 2019 तक वामपंथी उग्रवाद से 117 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं 2018 में ऐसी हिंसा में 139 लोगों की मौत हुई थी. पिछले पांच वर्षों में वामपंथी उग्रवाद के परिदृश्य में लगातार और उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना 2015 में बहु आयामी नीति को ध्यान में रखा गया है. जिसमें सुरक्षा संबंधी उपाय, विकास, स्थानीय समुदाय के अधिकार को सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं.

सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों के लिए विशेष सहायता योजना को मंजूरी दी है. इन जिलों में सार्वजनिक संरचना और सेवाओं में अंतर खत्म करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये वार्षिक स्वीकृत किए गए हैं.

पढ़ेंः WB के गवर्नर ने गृह मंत्री को सौंपी रिपोर्ट, चर्चा तेज

मई, 2009 से अप्रैल 2014 के दौरान 8438 घटनाएं हुई. इन घटनाओं में 3209 लोगों की मौत हुई.

मई, 2014 से अप्रैल, 2019 के दौरान हिंसा की 4778 घटनाएं हुई. इनमें 1247 लोगों की मौत हुई.

मरने वालों में आम नागरिकों के अलावा सुरक्षाबल भी शामिल हैं. इन आंकड़ों की समीक्षा से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान हिंसा में 43 प्रतिशत की कमी आई है. हिंसा के दौरान होने वाली मौत में भी 61 फीसदी गिरावट हुई है.

Intro:New Delhi: The Union Home Ministry has registered a decreasing trend in the Left Wing Extremists (LWE) related violence for last few years.


Body:Statistics available with ETV Bharat said that steadfast implementation of the National Policy and Action Plan-2015 has resulted in consistent decline in Maoist related violence and geographical spread of LWE influence in the country over the years.

In 2019 (up to June 30), 117 deaths have been reported in LWE related incidents.

The number of deaths reported in the corresponding period of 2018 was 139.

Last five years have seen a significant improvement in the LWE scenario across the country.

The National Policy and Action Plan-2015 envisages a multi pronged strategy involving security related measures, development interventions, ensuring rights and entitlements of local community etc.

The government has also approved a scheme namely 'Special Assistance for most LWE affected districts' with an annual outlay of Rs 1000 crore to fill the critical gaps in public infrastructure and services.



Conclusion:The number of violent incidents and resultant deaths have been reduced by 43 per cent and 61 per cent respectively during the last five years.

May 2009 to April 2014

Number of incidents 8438/ Deaths (Civilian and SFs) 3209

May 2014 to April 2019

Number of incidents 4778/ Deaths (Civilian and SFs) 1247

Both the statistics shows a sharp decline of LWE related violence up to-43.4 per cent. The comparison in deaths too shows a sharp decline of about-61 percent.

end.
Last Updated : Jul 28, 2019, 9:51 PM IST
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